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ममता को लगेंगे अभी और झटके, चौधरी ने विलय का आमंत्रण देकर कसा तंज
तृणमूल कांग्रेस की नेता और सांसद नुसरत जहां ने मुस्लिम कार्ड खेलकर राज्य का सियासी माहौल और गरमा दिया है। उनका कहना है कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो मुस्लिमों की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की सियासत में इन दिनों भाजपा की तगड़ी घेरेबंदी में फंसी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। शुभेंदु अधिकारी समेत कई टीएमसी नेताओं के पार्टी को झटका देने के बाद अब ममता की एक और करीबी सांसद शताब्दी राय भी पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रही हैं।
बीजेपी सत्ता में आई तो मुस्लिमों की उल्टी गिनती शुरू- नुसरत जहां
इस बीच टीएमसी के ममता बनर्जी का हाथ मजबूत करने की अपील को ठुकराते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी से अपनी पार्टी को भंग कर उसका मूल पार्टी कांग्रेस में विलय करने की अपील की है। उधर तृणमूल कांग्रेस की नेता और सांसद नुसरत जहां ने मुस्लिम कार्ड खेलकर राज्य का सियासी माहौल और गरमा दिया है। उनका कहना है कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो मुस्लिमों की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।
टीएमसी सांसद के बगावती तेवर
टीएमसी सांसद शताब्दी राय ने फेसबुक मैसेज में ऐसी बातें लिखी है जिसे ममता से उनकी दूरियां बढ़ने का संकेत माना जा रहा है। उन्होंने लिखा कि लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि मैं पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में क्यों नहीं दिख रही हूं? इस मामले में सच्चाई यह है कि अक्सर मुझे कार्यक्रमों के बारे में सूचित ही नहीं किया जाता। ऐसे में मैं क्या कर सकती हूं। उन्होंने यह भी लिखा है कि अगर मैं कोई फैसला लेती हूं तो इस बाबत 16 जनवरी की दोपहर सूचना दूंगी। नए साल में मैं एक नया फैसला लेने की कोशिश में हूं ताकि आपके साथ पूरी तरह रह सकूं।
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नाराज सांसद को मनाने की कवायद
सांसद शताब्दी के इस मैसेज के बाद राज्य का सियासी माहौल गरमाया हुआ है। माना जा रहा है कि वे टीएमसी नेतृत्व से नाराज हैं और जल्द ही पार्टी से किनारा कर सकती हैं। उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जाने लगीं। देर शाम उन्हें मनाने की कवायद तेज कर दी गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी उनसे बात कर उन्हें मनाने की कवायद की। इसके बाद उन्होंने लिखा कि वे टीएमसी में समस्याओं का सामना कर रहे हैं मगर वे भाजपा में शामिल नहीं होंगी।
ममता के पास नहीं बचा कोई चारा
उधर लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि ममता बनर्जी अब अच्छी तरह समझ गई है कि बंगाल में भाजपा को रोकने के लिए उनके पास अब कोई चारा नहीं बचा है। ऐसी स्थिति में भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए ममता बनर्जी को अब कांग्रेस की अगुवाई में आ जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि राज्य में भाजपा की मजबूती के लिए सत्तारूढ़ टीएमसी ही जिम्मेदार है। अगर ममता बनर्जी वास्तव में भाजपा के खिलाफ लड़ने की इच्छुक हैं तो उन्हें कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए क्योंकि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस ही एकमात्र देशव्यापी मंच है।
चुनाव में वाम मोर्चे के साथ कांग्रेस
कांग्रेस ने इस बार का विधानसभा चुनाव वामदलों के साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाममोर्चा के गठबंधन को 294 में से 76 सीटें मिली थीं। गत लोकसभा चुनाव के दौरान वाममोर्चा कोई भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हुआ था जबकि कांग्रेस को 42 में से सिर्फ दो सीटों पर विजय हासिल हुई थी।
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नुसरत जहां ने चला मुस्लिम कार्ड
इस बीच टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने भाजपा पर हमला करते हुए उसे कोरोना वायरस से भी खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा हिंदू और मुसलमानों के बीच दंगा कराने वाली पार्टी है और अगर यह पार्टी सत्ता में आई तो राज्य में मुस्लिमों की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के मुस्लिम बहुल इलाके देगंगा में चुनाव प्रचार के दौरान नुसरत ने लोगों को सतर्क करते हुए कहा कि आप लोगों को अपनी आंख खोल कर रखनी चाहिए क्योंकि भाजपा जैसा खतरनाक वायरस घूम रहा है।
नुसरत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया
नुसरत जहां के इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि टीएमसी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में वैक्सीन पर सबसे खराब राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले ममता के मंत्री सिद्धिकुला चौधरी ने वैक्सीन ले जा रहे वाहन को रुकवा दिया और अब टीएमसी सांसद ने मुस्लिम बहुल इलाके में भाजपा की तुलना कोरोना वायरस से की है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों का वोट हासिल करने के लिए यह सबकुछ किया जा रहा है।
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ममता को लग सकते हैं और झटके
पश्चिम बंगाल की सियासत में ममता बनर्जी की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। भाजपा उनकी तगड़ी घेरेबंदी में जुटी हुई है। इस बीच उनके कई करीबियों के पार्टी छोड़ देने के कारण उन्हें लगातार झटके लग रहे हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में ममता बनर्जी को और भी सियासी झटके लग सकते हैं। ऐसी स्थिति में भाजपा की चुनौतियों का सामना करना उनके लिए और मुश्किल भरा साबित होगा।
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