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मिशन बंगाल: शाह के कामयाब दौरे से BJP बम-बम, गृह मंत्री ने चला बड़ा सियासी दांव
पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे के दौरान अमित शाह ने तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले बीरभूम जिले में जोरदार रोड शो करके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को यह संदेश दे दिया है कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को कमजोर आंकना भारी भूल साबित होगी।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय कामयाब दोनों ने भाजपा कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त उत्साह का संचार किया है। इस दौरे के दौरान अमित शाह ने तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले बीरभूम जिले में जोरदार रोड शो करके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को यह संदेश दे दिया है कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को कमजोर आंकना भारी भूल साबित होगी। देश के विभिन्न हिस्सों में कामयाब रोड शो कर चुके अमित शाह ने बाद में टिप्पणी भी की कि आज जैसा रोड शो मैंने पहले कभी नहीं देखा।
भाजपा की रणनीति असरदार
शाह ने कहा कि यह रोड शो बंगाल की जनता का पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति विश्वास और ममता दीदी के प्रति गुस्से का प्रतीक है। भाजपा की हर महीने पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल के दौरे की रणनीति काफी असरदार साबित होती दिख रही है। सियासी जानकारों का भी मानना है कि पश्चिम बंगाल की चुनावी फिजां में अब तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दो ही बड़े खिलाड़ी रह गए हैं और बाकी सभी सियासी दल काफी पीछे छूट गए हैं।
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नए सियासी दांव से टीएमसी को जवाब
शाह ने अपने इस बार के दौरे के दौरान एक बड़ा सियासी दांव चला है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से लगातार भाजपा पर बाहरी होने का आरोप लगाया जाता रहा है। ममता सरकार पर राजनीतिक हिंसा, भ्रष्टाचार और बांग्लादेशी घुसपैठियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए यह एलान भी किया कि अगर बंगाल में भाजपा अपनी सरकार बनाने में कामयाब हुई तो फिर अगला मुख्यमंत्री राज्य से ही होगा। इसके जरिए उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की है कि भाजपा बाहर से मुख्यमंत्री नहीं थोपेगी बल्कि बंगाल का चेहरा ही राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
बंगाली अस्मिता के प्रतीकों को सम्मान
पश्चिम बंगाल में वैसे तो विधानसभा चुनाव अभी चार-पांच महीने दूर है और अभी तक चुनावी तिथियों की घोषणा भी नहीं हुई है, लेकिन भाजपा ने उसके पहले ही अपनी तैयारियों में पूरी ताकत झोंक दी है। अपने हर दौरे के दौरान अमित शाह उन स्थानों पर जाना नहीं भूलते, जिन्हें बंगाली अस्मिता का प्रतीक माना जाता है।
अपने इस दौरे के दौरान भी उन्होंने महान क्रांतिकारी खुदीराम बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की तो शांतिनिकेतन में गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर को भी श्रद्धांजलि दी। दौरे के पहले दिन जहां उन्होंने एक किसान के घर भोजन करके बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश की तो दूसरे दिन बीरभूम में बाउल गायक बासुदेव के घर जाकर दोपहर का भोजन किया। दरअसल यह सबकुछ शाह और भाजपा की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है और इसके जरिए वे पश्चिम बंगाल की जनता को बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।
टैगोर को किया नमन
अपने दौरे के दूसरे दिन गुरुदेव टैगोर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शाह ने कहा कि आज मेरे लिए बड़ा सौभाग्य का दिन है क्योंकि मुझे विश्वभारती में जाकर उस महामानव को श्रद्धांजलि अर्पित करने का मौका मिला जिन्होंने दुनिया भर में भारतीय ज्ञान, कला, साहित्य और दर्शन की गूंज पहुंचाई। मैंने उस स्थान पर भी कुछ समय बिताया जहां महात्मा गांधी और गुरुदेव रहा करते थे। टैगोर के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। अमित शाह उस कॉटेज में भी गए जहां गुरुदेव टैगोर रहा करते थे। उन्होंने टैगोर की कुर्सी पर भी पुष्प अर्पित किया। इसके साथ ही उन्होंने शांतिनिकेतन के संगीत भवन में बाउल संगीत का लुत्फ भी उठाया।
ध्रुवीकरण की कोशिश में जुटी है भाजपा
अपने हर दौरे के दौरान शाह तुष्टीकरण को लेकर ममता बनर्जी पर हमला करना नहीं भूलते। अपने इस दौरे के दौरान भी उन्होंने ममता बनर्जी पर भाई भतीजावाद, तानाशाही, तुष्टीकरण और टोलबाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में इस बार सत्ता परिवर्तन होना तय है। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि शाह अपने संबोधन में जयश्री राम का नारा लगाना नहीं भूलते। उनकी मिदनापुर में हुई रैली के दौरान भी जयश्री राम का नारा गूंजा तो रोड शो के दौरान भी जयश्रीराम के नारे के साथ ही वंदेमातरम की धुन भी बजाई गई। माना जा रहा है कि यह सबकुछ सियासी ध्रुवीकरण की भाजपा की रणनीति का हिस्सा है और इसका असर निश्चित रूप से विधानसभा चुनावों में दिखेगा।
परिवारवाद को लेकर साधा निशाना
कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाली भाजपा टीएमसी में परिवारवाद को लेकर ममता बनर्जी के घेरेबंदी में जुट गई है। तृणमूल कांग्रेस के भीतर भी ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को लेकर काफी नाराजगी है और अमित शाह ने भी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ममता बनर्जी पर परिवारवाद का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी किसी भी तरह अपने भतीजे अभिषेक को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश में जुटी हुई है और यही कारण है कि उन्हें हर वक्त अभिषेक बनर्जी की चिंता सताए रहती है।
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हिंसा का जवाब चुनावी नतीजों से देंगे
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा की पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में भाजपा के 300 से ज्यादा कार्यकर्ता मारे गए हैं मगर हम हिंसा का जवाब हिंसा से देने में विश्वास नहीं रखते। शाह ने कहा कि टीएमसी को हमारे कार्यकर्ता हिंसा से नहीं बल्कि आने वाले चुनाव के नतीजों से जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि हमने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले को काफी गंभीरता से लिया है क्योंकि यह हमला लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला है। उन्होंने कहा कि ममता की कार्यप्रणाली के चलते तृणमूल कांग्रेस में भी नाराजगी फैल रही है और यही कारण है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता लगातार भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं।
बंगाल में बदलाव की बयार
अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों के मूड से साफ हो गया है कि बंगाल की जनता इस बार परिवर्तन चाहती है और यह परिवर्तन बंगाल के विकास के लिए और बांग्लादेश से घुसपैठ रोकने के लिए होगा। उन्होंने राज्य के मतदाताओं से एक बार फिर अपील की कि आपने लंबे समय तक कांग्रेस, वामदलों और तृणमूल कांग्रेस को आजमा कर देख लिया और अब भाजपा को 5 साल का मौका देकर देखिए। हम निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल को सोनार बांग्ला बनाने में कामयाब होंगे।
भाजपा ने बढ़ाई ममता की चिंता
सियासी जानकारों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी भाजपा की बढ़ती ताकत का एहसास हो चुका है। गत लोकसभा चुनाव में वे भाजपा को कम आंकने की भूल का खामियाजा भुगत चुकी हैं। गत लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को इतना मजबूत नहीं माना जा रहा था मगर चुनावी नतीजों ने सबकी आंखें खोल कर रख दीं। भाजपा ने 42 लोकसभा सीटों में 18 सीटें जीतकर ममता बनर्जी को भी चौंका दिया था। इस बार विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा ने जिस तरह पश्चिम बंगाल की सियासी लड़ाई को अपनी नाक की लड़ाई बनाया है, वह निश्चित रूप से ममता बनर्जी की चिंता बढ़ाने वाला है।
ममता की घेरेबंदी के लिए बड़ी योजना
ममता बनर्जी की घेरेबंदी के लिए भाजपा की ओर से कई केंद्रीय मंत्रियों को पश्चिम बंगाल के मोर्चे पर लगाया गया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, प्रह्लाद पटेल, संजीव बालियान, मनसुखभाई मांडविया और अर्जुन मुंडा अगले कुछ दिनों के भीतर पश्चिम बंगाल का दौरा करने वाले हैं। इन मंत्रियों के अलावा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी पश्चिम बंगाल में जिम्मेदारी सौंपी गई है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा को गई पश्चिम बंगाल के मोर्चे पर लगाया गया है। माना जा रहा है कि इन नेताओं की तैनाती के साथ ही भाजपा चुनाव अभियान में और तेजी लाने की मुहिम में जुटी हुई है। भाजपा की ओर से की जा रही चुनावी तैयारियां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिंता बढ़ाने वाली है। यही कारण है कि ममता बनर्जी भाजपा पर पलटवार करने में जुटी हुई है।
अंशुमान तिवारी