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क्या होते हैं क्यूरियो और एंटीक हथियार? पुराने हथियारों को रखने के क्या हैं नियम और कानून, जानिए पूरी डिटेल
Antique Arms Rule : क्यूरियो और एंटीक हथियार हमारी धरोहर होते हैं जो अपनी विशेषताओं और निशानियों के कारण संग्रहीत किए जाते हैं। प्राचीन काल से ही हथियार लोगों के रक्षा के लिए उपयोग किए जाते रहे हैं।
Antique Arms Rule : प्राचीन काल से ही हमारी परंपरा में शस्त्रों का बड़ा महत्व रहा है। बड़े बड़े ऐतिहासिक युद्ध से लेकर आत्म सुरक्षा की बात हो आपको हर जगह अस्त्र मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। यही वजह है कि भारतीय सभ्यता में मानव जीवन के आरंभ से लेकर वर्तमान समय तक हथियारों ने विविध स्वरूपों में अपने रूप परिवर्तन के साथ अपने महत्व को बरकरार रखा है। आइए अब बात करते हैं एंटीक और क्यूरियो हथियार की। क्या आपको पता है कि ये किस तरह के हथियार होते हैं और इनको रखने के लिए देश में क्या कायदे कानून हैं।
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आपको बता दें कि राजस्थान प्राचीन काल के हथियारों का एक गढ़ रहा है जहां इसका एक बड़ा संग्रह आज भी लोगों के पास मौजूद है। लेकिन हथियारों की श्रेणी में आने वाले इन विंटेज हो चुके हथियारों को रखने के लिए शस्त्र लाइसेंस का रखना कितना जरूरी हैं इस बात को लेकर लोग आशंकित रहते हैं। लेकिन राज्य सरकार द्वारा बनाए गए शस्त्र कानून के तहत इच्छुक लोग प्राचीन और पौराणिक हथियारों के रूप में अपने पुरखों की स्मृति संजोकर रख सकते हैं। राज्य सरकार ने एंटीक और क्यूरियो हथियार रखने की मंजूरी दे दी है। हालांकि इस शस्त्र लाइसेंस को प्राप्त करने से पहले इस बात का सबूत देना होगा कि वह हथियार अब पूरी तरह से अनुपयोगी अर्थात निष्क्रिय किया जा चुका है। जिसके लिए उन्हें इन हथियारों को निष्क्रीय करवाना होगा। देश की राज्य सरकारों द्वारा एंटीक हथियार रखने के इस तरह के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
आखिर क्यूरियो और एंटीक हथियार का क्या अर्थ है?
क्यूरियो वेपन के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देते हुए बताते है की ये हथियार वे हथियार होते हैं जिनकी उत्पत्ति लगभग पचास साल से भी अधिक पुरानी हों। ऐसे हथियार जो पौराणिक हथियार की श्रेणी में आते हैं, क्यूरियो वेपन कहलाते हैं। जबकि 100 वर्षों से भी अधिक पुराने हो चुके हथियारों को एंटीक हथियारों की श्रेणी में रखा जाता है।
आर्म्स एक्ट में संशोधन से क्या हो रहीं मुश्किलें
देश में साल 2019 से पहले एक व्यक्ति तीन हथियार रख सकता था। लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिसंबर 2019 में आर्म्स एक्ट 1959 में संशोधन कर दिया। इस संशोधन के अनुसार व्यक्ति तीन के बजाय दो ही हथियार रख सकता है। संशोधन के बाद तीसरा हथियार रखने को लेकर लोगों को खासी परेशानी हो रही थी। इनमें भी उन लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही थी, जिनके पास पुरखों के हथियार थे और जिन्होंने देश में लड़े गए ऐसे कई युद्धों में उन्हीं हथियारों के साथ दुश्मनों को रक्तरंजित किया था। ऐसे में पीढ़ी दर पीढ़ी लोग उन हथियारों को अपने पास एक थाथी की तरह संजो कर रखते आ रहे हैं। आर्म्स एक्ट में संशोधन होने के बाद लोगों को ऐसे केवल दो ही हथियार रखने की इजाजत है। ऐसे में लोगों को या तो हथियार बेचने पड़ रहे थे या थाने में जमा कराने पड़ रहे थे और या फिर निस्तारित करने पड़ रहे थे।
शस्त्र लाइसेंस के क्या हैं नए सर्कुलर नियम?
शस्त्र लाइसेंस के नए नियम जारी किए जाने के लिए इन विंटेज हथियारों को लाइसेंस प्रदान करने की प्रक्रिया में गृह विभाग द्वारा ऐसे हथियारों को लाइसेंस से मुक्त करने के लिए प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री के पास भेजा गया जिस पर मुख्यमंत्री की सहमति के बाद गृह विभाग की ओर से संशोधन करते हुए नया सर्कुलर जारी कर दिया गया है। अब इस सर्कुलर में नए संशोधन के बाद लोगों के पास दो विकल्प आ गए। इसके तहत पुराने हथियार का लाइसेंस हर साल रिन्यूअल कराने के झंझट से मुक्ति पाने के लिए लाइसेंस से तीसरे हथियार को हटवाकर और उसे निष्क्रिय करवाकर घर रख सकते हैं। हालांकि इन हथियारों को घर ही रखा जा सकता है, इन हथियारों को अपने साथ कहीं लेकर नहीं जाया जा सकता है।
हथियारों को निष्क्रिय की क्या होती है प्रक्रिया?
सर्कुलर में कहा गया है कि ऐसे किसी व्यक्ति जिसके पास दो से ज्यादा हथियार है और वह व्यक्ति अपने हथियारों को पुस्तैनी विरासत या प्रतीक चिन्ह की तरह अगर रखना चाहता है। तो उसे अपने लाइसेंस पर दर्ज फायर आर्म्स को निष्क्रिय करने का आवेदन देना पड़ेगा। शस्त्र धारी व्यक्ति द्वारा आवेदन देने के बाद ही उसके शस्त्र को निष्क्रिय करने का काम किया जाएगा। इस प्रक्रिया से गुजरने के लिए आवेदक के पास लीगल लाइसेंस का होना जरूरी है। फायर आर्म्स को निष्क्रिय करने के लिए पुलिस लाइन के आर्मोरर को निर्देश दिया जाएगा। इसके बाद आवेदक निर्धारित तारीख पर आर्मोरर से हथियार निष्क्रिय करवाएगा।जिसके उपरांत आर्मोरर हथियार निष्क्रियीकरण का प्रमाण पत्र जारी करेगा। अगली प्रक्रिया में कलेक्टर-कमिश्नर प्रमाण पत्र के आधार पर फायर आर्म्स को लाइसेंस से डिलीट करने के आदेश जारी करेंगे। आवेदक निष्क्रिय किए गए फायर आर्म्स का पुन: उपयोग, मरम्मत और इनको साथ नहीं लेकर जा सकेगा इन्हें केवल सहेजकर एक थाथी के रूप में अपने साथ अपने घर पर रख सकेगा।