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राष्ट्रपति कोविंद के बेटे और बेटी क्या करते हैं, क्या आप जानते हैं?
वैसे तो राष्ट्रपति के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन उनके बेटे या बेटी के बारे में शायद ही कोई जानता हो। इनके दो संताने हैं, एक पुत्र जिसका नाम प्रशांत कुमार और दूसरी पुत्री जिसका नाम स्वाती, तो आइए हम आपको उनके बारे में बताते हैं...
नई दिल्ली: देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात की तहसील डेरापुर, के एक छोटे से गाँव परौंख में हुआ था। वैसे तो राष्ट्रपति के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन उनके बेटे या बेटी के बारे में शायद ही कोई जानता हो। इनके दो संताने हैं, एक पुत्र जिसका नाम प्रशांत कुमार और दूसरी पुत्री जिसका नाम स्वाती, तो आइए हम आपको उनके बारे में बताते हैं...
रामनाथ कोविंद के बेटे का गाजियाबाद में है पेट्रोल पंप
रामनाथ कोविंद के बेटे प्रशांत कुमार दोनों संतानों में सबसे बड़े हैं। उनसे छोटी एक बहन भी है। उनका नाम स्वाति है। 41 साल के प्रशांत गाजियाबाद में हिन्डन एयर फोर्स स्टेशन के पास एक पेट्रोल पंप चलाते हैं। इससे दो साल पहले वह जेट एयरवेज में केबिन मैनेजर थे। प्रशांत ने 12वीं तक की पढ़ाई दिल्ली के मशहूर सरदार पटेल विद्यालय से की है। इसके बाद उन्होंने इन्स्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, पूसा से होटल मैनेजमेंट किया। प्रशांत की पत्नी गौरी कुमार एयर फोर्स बाल भारती स्कूल, लोधी रोड के जूनियर विंग में शिक्षिका हैं।
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एयर हॉस्टेस हैं कोविंद की बेटी स्वाति
रामनाथ कोविंद की बेटी स्वाति कोविंद की चौकी इंडियन एयरलाइंस में एयर हॉस्टेस है,और वह लंबे रूट पर जाती है अमेरिका फ्रांस रूस तक उनकी प्लेन जाती है और वह अपने काम में ही मन लगाकर रखती हैं।
उन्होंने कभी भी अपने पिता का नाम लेकर कोई बड़ी जॉब के लिए आवेदन नहीं किया वह अपने काम में कुछ है और उनका कहना है कि उनके पिता हमेशा से यह कहते थे कि इंडिपेंडेंट बनना चाहिए। दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की बेटी स्वाति, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और यूएस जैसे लंबे रूट पर उड़ने वाले एयर इंडिया के बोइंग 777 और 787 एयरक्राफ्ट में एयरहोस्टेस हैं।
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क्या कहना है स्वाति का
वहीं स्वाति का कहना है कि उनका पूरा परिवार जमीन से जुड़ा हुआ है और परिवार का हर सदस्य अपने पिता की तरह अपने दम पर आगे बढऩा चाहता है और स्वाति के अनुसार उनके पिता हमेशा से सभी बच्चों को अच्छी तरह पढ़ाई-लिखाई करने की हिदायत देते रहे हैं और इसी का नतीजा है कि परिवार के सभी सदस्य खुद अपने दम पर आगे बढ़ना और अपनी पहचान बनाना चाहते हैं और उन्होंने कहा कि उनके पिता अपनी मेहनत के बल पर इस ऊंचाई पर पहुंचे हैं और उन्हें अपने पिता पर गर्व है।