जानिए क्या है G7? सदस्य नहीं है भारत, फिर भी क्यों PM मोदी को मिला न्यौता

जी-7 समूह शिखर सम्मेलन फ्रांस में हो रहा है। इस सम्मेलन में भारत को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में शिरकत की है। यह दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत को दिखाता है। आई जानते हैं जी-7 क्या है और इसके सदस्य देश कौन-कौन हैं और यह क्या करता है?

Dharmendra kumar
Published on: 26 Aug 2019 1:36 PM GMT
जानिए क्या है G7? सदस्य नहीं है भारत, फिर भी क्यों PM मोदी को मिला न्यौता
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नई दिल्ली: जी-7 समूह शिखर सम्मेलन फ्रांस में हो रहा है। इस सम्मेलन में भारत को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में शिरकत की है। यह दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत को दिखाता है। आई जानते हैं जी-7 क्या है और इसके सदस्य देश कौन-कौन हैं और यह क्या करता है?

जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका शामिल हैं। इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहा जाता है।

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शुरुआत में यह छह देशों का समूह था, जिसकी पहली बैठक 1975 में हुई थी। इस बैठक में वैश्विक आर्थिक संकट के संभावित समाधानों पर विचार किया गया था। अगले साल कनाडा इस समूह में शामिल हो गया और इस तरह यह जी-7 बन गया।

जी7 अपने आप को कम्यूनिटी ऑफ वैल्यूज यानी मूल्यों का आदर करने वाला समूह मानता है। स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की सुरक्षा, लोकतंत्र और क़ानून का शासन और समृद्धि और सतत विकास, इसके प्रमुख सिद्धांत हैं।

जी-7 देशों के मंत्री और नौकरशाह आपसी हितों के मामलों पर चर्चा करने के लिए हर साल बैठक बुलाते हैं। सभी सदस्य देश बारी-बारी से इस समूह की अध्यक्षता और दो दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हैं।

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पिछले शिखर सम्मेलनों की बात करें, तो इसमें ऊर्जा नीति, जलवायु परिवर्तन, एचआईवी-एड्स और वैश्विक सुरक्षा जैसे कुछ विषयों पर चर्चाएं हुई थीं। शिखर सम्मेलन के अंत में एक बयान जारी कर बताया जाता है कि इसमें किन बिंदुओं पर चर्चा हुई।

सम्मलेन में भाग लेने वाले लोगों में जी-7 देशों के राष्ट्र प्रमुख, यूरोपीयन कमीशन और यूरोपीयन काउंसिल के अध्यक्ष शामिल होते हैं। शिखर सम्मेलन में अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को भी भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है जिसके इस साल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है। इस बार जी7 शिखर सम्मेलन में असमानता के खिलाफ लड़ाई चर्चा का मुख्य विषय है।

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चीन क्यों नही है जी7 में शामिल?

चीन दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवथा है, लेकिन इसके बावजूद वह इस समूह का हिस्सा नहीं है, क्योंकि चीन दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है और प्रति व्यक्ति आय संपत्ति जी-7 समूह देशों के मुकाबले बहुत कम है। इसकी वजह से चीन को विकसित अर्थव्यवस्था नहीं माना जाता है, जिसकी वजह से वह इस समूह में शामिल नहीं है।

इसलिए बाहर हो गया रूस

वर्ष 1998 में इस समूह में रूस को भी शामिल कर लिया गया था और यह जी-7 से जी-8 बन गया था। लेकिन साल 2014 में रूस ने यूक्रेन से क्रीमिया पर कब्जा जमा लिया जिसके इसे समूह से निलंबित कर दिया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का मानते हैं कि कि रूस को समूह में फिर से शामिल करना चाहिए "क्योंकि वार्ता की मेज पर हमारे साथ रूस होना चाहिए।"

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भारत को क्यों मिला न्योता?

भारत जी 7 देशों का सदस्य नहीं है, लेकिन इसके बावजूद इस सम्मेलन में भाग ले रहा। इसकी सबसे बड़ी वजह फ्रांस और भारत की बढ़ती नजदीकियां हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के निमंत्रण पर जी7 में पहुंचे हैं।

दरअसल, फांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इसबार जी 7 देशों के समूह के सम्मेलन के लिए सदस्य देशों से अलग कुछ खास देशों को आमंत्रित किया है, जो दुनिया की राजनीति में खास जगह रखते हैं। इस सूची में भारत का नाम सबसे ऊपर है। भारत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, सेनेगल और रवांडा जैसे देशों को भी ठीक भारत की तरह इस सम्मेलन में शामिल होने का न्योता मिला है।

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