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अब तक तैयार वैक्सीनों की भारत में कीमत, यहां जानें पूरी डिटेल

भारत में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान दुनिया में अपनी तरह का सबसे व्यापक अभियान है। सरकार ने वैक्सीन लेने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि वैक्सीनेशन के लिए लोगों को ‘कोविन प्लेटफॉर्म’ पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

SK Gautam
Published on: 15 Jan 2021 2:32 PM GMT
अब तक तैयार वैक्सीनों की भारत में कीमत, यहां जानें पूरी डिटेल
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अब तक तैयार वैक्सीनों की भारत में कीमत, यहां जानें पूरी डिटेल

नील मणि लाल

लखनऊ: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार फाइजर द्वारा तैयार कोरोना वैक्सीन की दो खुराकों की कीमत करीब 2,800 रुपये हैं। इसी तरह मॉडर्ना की वैक्सीन की दोनों खुराकों की कीमत 2,300 से 2,800 रुपये, चीन की सिनोफार्मा द्वारा तैयार वैक्सीन की कीमत 5,600 रुपये प्रति खुराक, सिनोवेक बायोटेक की वैक्सीन की कीमत 1,200 रुपये प्रति खुराक और रूस की स्पुतनिक-5 वैक्सीन की कीमत 734 रुपये प्रति खुराक होगी।

नोवावैक्स द्वारा तैयार वैक्सीन की कीमत 1,114 रुपये प्रति खुराक

जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन की एक खुराक की कीमत 734 रुपये और नोवावैक्स द्वारा तैयार वैक्सीन की कीमत 1,114 रुपये प्रति खुराक होगी। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की ‘कोविशील्ड’ को सरकार 200 रुपये प्रति खुराक और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सिन’ को 206 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से खरीदा जा रहा है। ये अब तक की सबसे सस्ती वैक्सीनें हैं। हालाँकि बताया जाता है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को यूरोपियन यूनियन ने 159 रुपये प्रति खुराक की दर पर खरीदा है।

jhonson and jhonsan

कोविन प्लेटफार्म पर होगी पूरी कवायद

भारत में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान दुनिया में अपनी तरह का सबसे व्यापक अभियान है। सरकार ने वैक्सीन लेने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि वैक्सीनेशन के लिए लोगों को ‘कोविन प्लेटफॉर्म’ पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए एक ऐप भी लॉन्च किया जाएगा। ये जान लीजिये कि सरकार की तरफ से अभी तक ‘कोविन प्लेटफॉर्म’ और इसका मोबाइल ऐप जारी नहीं किया गया है। सो भूल कर भी अभी कोई ऐप कहीं से डाउनलोड न करें। ऐप लॉन्च होने के बाद लोग कोविन प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर कर सकेंगे।

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रजिस्ट्रेशन के लिए जन्म तिथि वाला पहचान पत्र अपलोड करना होगा

रजिस्ट्रेशन के बाद उस जानकारी के आधार पर यह पता लगा जाएगा कि वह व्यक्ति प्राथमिकता सूची में है या नहीं। अगर कोई व्यक्ति 1 जनवरी 1971 से पहले पैदा हुआ है तो उसे शुरुआती दौर में वैक्सीन दी जाएगी। रजिस्ट्रेशन के लिए जन्म तिथि वाला पहचान पत्र अपलोड करना होगा। इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, वोटर आईडी, आधार कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक, मनरेगा जॉब कार्ड, पासपोर्ट, पेंशन दस्तावेज और राज्य या केंद्र द्वारा जारी सर्विस आइडेंटिटी कार्ड आदि मान्य होंगे। रजिस्ट्रेशन के लिए अपलोड किये गए दस्तावेज को वैक्सीनेशन सेंटर पर दिखाना जरूरी होगा। किसी भी चरण में लोगों को मौके पर रजिस्ट्रेशन करने का विकल्प नहीं दिया जाएगा। राज्य और जिला स्तर पर पहले ही प्राथमिकता सूची में शामिल लोगों की जानकारी जुटाई जा चुकी है और इसे कोविन पर अपलोड कर दिया गया है।

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क्यूआर कोड वाला सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा

रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद लाभार्थियों को एक एसएमएस भेजा जाएगा। मैसेज में समय और जगह के बारे में बताया जाएगा, जहां उन्हें वैक्सीन दी जाएगी। 28 दिनों के अंतराल पर लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जाएगी। दोनों खुराक मिलने के बाद लोगों के पास मैसेज आएगा। इसमें बताया जाएगा कि उनकी वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। साथ ही उन्हें इससे संबंधित एक क्यूआर कोड वाला सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। इसके 14 दिन बाद इनका प्रभाव दिखेगा। फिलहाल लाभार्थियों को भारत की दो वैक्सीनों में से एक चुनने का विकल्प नहीं मिलेगा।

कोविन प्लेटफॉर्म पर लगभग 25 हजार कोल्ड चेन सेंटरों की भी जानकारी होगी। इसके अलावा इसमें वैक्सीन को ट्रेस करने की भी सुविधा मौजूद होगी। स्टोर में कितनी वैक्सीन रखीं हैं ये जानकारी का भी पता लगाया जा सकेगा।

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लम्बा चलेगा वैक्सीनेशन अभियान

कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को पूरा होने में एक साल या इससे अधिक समय लग सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वैक्सीनों की उपलब्धता तो देखते हुए इनका क्रमबद्ध तरीके से वितरण किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अनुसार कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत में गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाओं पर बहुत असर पड़ा था और सरकार नहीं चाहती कि ऐसा दोबारा हो। वैक्सीनेशन अभियान के दौरान कुछ सेवाओं में थोड़ी सी देरी हो सकती है, लेकिन भविष्य में किसी भी सेवा को बंद नहीं किया जाएगा। सरकार उम्मीद करती है कि देश में वैक्सीनेशन अभियान के दौरान भी सभी लोग कड़ाई से नियमों का पालन जारी रखेंगे। सरकार का लक्ष्य जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाना है।

स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाने के बाद 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। इसके बाद 50 से कम उम्र के ऐसे लोग जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उनका नंबर आएगा और उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। सबसे अंत में युवा और स्वस्थ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं होगा, बल्कि यह लोगों की स्वेच्छा पर निर्भर करेगा।

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