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इस दिग्गज कंपनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अत्यधिक सोफिस्टिकेटेड मेलवेयर का इस्तेमाल करके सिविल सोसाइटी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ 1,400 व्हाट्सएप यूजर्स को टारगेट किया गया है।
नई दिल्ली: क्या आपका WhatsApp हैक हुआ है, नहीं हुआ है तो सतर्क रहें, खबर यह है कि फेसबुक ने एक इजरायली सर्विलांस कंपनी NSO ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
दरअसल, इस दिग्गज कंपनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अत्यधिक सोफिस्टिकेटेड मेलवेयर का इस्तेमाल करके सिविल सोसाइटी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ 1,400 व्हाट्सएप यूजर्स को टारगेट किया गया है।
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बता दें कि यह पहली बार है, जब यूजर्स पर इस प्रकार का हमला करने के लिए कंपनी ने किसी निजी संस्थान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है।
WhatsApp ने पहले भी किया आगाह...
WhatsApp ने मई 2019 में अपने सिस्टम के वीडियो कॉलिंग पर हुए बेहद गंभीर सोफिस्टिकेटेड मालवेयर हमले को रोका था, हमले का मकसद कई व्हाट्सएप यूजर्स के मोबाइल उपकरणों पर मिस्ड कॉल के माध्यम से मालवेयर भेजना था।
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इस तरह करते हैं WhatsApp हैक...
फेसबुक ने बताया कि NSO ग्रुप ने यूजर्स के स्मार्टफोन को हैक करने के लिए व्हाट्सएप की एक खामी का इस्तेमाल कर यूएस कंप्यूटर फ्रॉड और अब्यूज एक्ट और कानूनों का उल्लंघन किया है।
एक मीडियो रिपोर्ट की माने तो WhatsApp प्रमुख विल कैथार्थ के हवाले से यह बात सामने आई है कि इसने पूरी दुनिया में कम से कम 100 मानवाधिकार रक्षक, पत्रकार और सिविल सोसाइटी के अन्य सम्मानित सदस्यों को निशाना बनाया है।
NSO ग्रुप का बयान...
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NSO ग्रुप ने एक बयान में इन सभी बतों से दरकिनार करते हुए कहा कि वह इन आरोपों का खंडन करता है और इसके खिलाफ ‘सख्ती से लड़ने के लिए’ तैयार है।
इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि NSO का एकमात्र उद्देश्य लाइसेंस प्राप्त सरकारी खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आतंकवाद और गंभीर अपराध से लड़ने में मदद करने के उद्देश्य से उन्हें तकनीक प्रदान करना है।
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इसके साथ ही बयान में आगे कहा गया है कि हमारी तकनीक मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के खिलाफ उपयोग के लिए डिजाइन या लाइसेंस नहीं है, इसने हाल के वर्षो में हजारों लोगों की जान बचाने में मदद की है।