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कहां है निर्भया का दोस्त और इस केस का आखिरी गवाह? जो उस भयावह रात मौजूद था
अब निर्भया रेप केस अपने अंतिम मुकाम पर है, तो इस बीच हम आपको उस इंसान के बारे में बताने जा रहे हैं जो वारदात वाली भयावह रात निर्भया के साथ मौजूद था और इस केस का चश्मदीद गवाह बना। देश की बेटी निर्भया को इंसाफ दिलाने में उसके दोस्त अवनींद्र की भूमिका बहुत अहम रही। इकलौते चश्मदीद गवाह दोस्त ने ना सिर्फ दोस्ती निभाई बल्कि आरोपियों को फांसी तक पहुंचाने में भी उसकी गवाही अहम कड़ी साबित हुई थी।
नई दिल्ली: करीब 7 सालों के लंबे इंतजार के बाद देश की बेटी को कल इंसाफ मिल जायेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 20 मार्च को सभी दोषियों को फांसी दी जानी है। निर्भया के माता पिता समेत पूरे देश को इस दिन का इंतजार था। लेकिन अभी भी लोगों के मन में संशय है कि दोषियों को फांसी होगी या नहीं। क्योंकि दोषियों और उसके वकील द्वारा तमाम पैंतरे आजमा कर पहले भी फांसी पर रोक लगवा दी गई थी। लेकिन देश के लोगों को न्यायालय पर पूरा विश्वास है कि आज नहीं तो कल सही, निर्भया के चारों दोषी (मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर) फांसी के फंदे पर झूलते नजर आएंगे।
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कहां है निर्भया का दोस्त-
अब निर्भया रेप केस अपने अंतिम मुकाम पर है, तो इस बीच हम आपको उस इंसान के बारे में बताने जा रहे हैं जो वारदात वाली भयावह रात निर्भया के साथ मौजूद था और इस केस का चश्मदीद गवाह बना। देश की बेटी निर्भया को इंसाफ दिलाने में उसके दोस्त अवनींद्र की भूमिका बहुत अहम रही। इकलौते चश्मदीद गवाह दोस्त ने ना सिर्फ दोस्ती निभाई बल्कि आरोपियों को फांसी तक पहुंचाने में भी उसकी गवाही अहम कड़ी साबित हुई थी। तो चलिए जानते हैं कहां है निर्भया के दोस्त-
दरअसल निर्भया के गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए लड़ने वाला दोस्त इस घटना से खुद इतना टूट गया था कि उसे संभालने में उसके परिवार को चार साल लग गए। किसी तरह से वह इस सदमे से बाहर निकला और फिर तीन साल पहले उनके परिवार द्वारा उसकी शादी करा दी गई है। जानकारी के मुताबिक अवनींद्र का एक दो बेटा भी है। अब वह दो साल के बेटे और पत्नी के साथ देश से बाहर विदेश में रहने लगे हैं।
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16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया अपने दोस्त अवनींद्र के साथ बस से जा रही थी। इस दौरान दरिंदों ने ना सिर्फ उसे अपनी हवस का शिकार बनाया बल्कि दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी। इस घटना ने अवनींद्र को अंदर से झकझोर दिया। वह सदमे में चला गया। चश्मदीद गवाह के तौर पर सिर्फ वही मौजूद था जिसकी गवाही से दोषियों को सजा होती।
कहां है इस केस से संबंधित एक और आरोपी?
इस केस से जुड़ा एक और आरोपी है जिसे नाबालिग होने की वजह से सजा से बरी कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद वो कहां गया बात की जानकारी किसी को भी नहीं है। एक एनजीओ ने दो साल पहले इस बात की पुष्टि की थी कि वह दक्षिणी समुद्र तट के इलाके में किसी ढाबे में खाना बनाने वाले की नौकरी कर रहा है। यहां वो अपना नाम बदल कर गुमनामी की जिंदगी जी रहा है।
इस केस से जुड़े निर्भया के दोस्त और दुश्मन दोनों ही गुमनाम हैं। लेकिन उम्मीद है कि वो दोनों ही इस केस से वाकिफ होंगे। एक ओर दोषियों को फांसी के फंदे के नजदीक जाते देखकर अवनींद्र को खुशी हो रही होगी, वहीं दूसरी ओर नाबालिग दोषी की रूह भी कांप गई होगी।
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