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दोस्त के लिए विंग कमांडर बना अमित शाह, फिर जो हुआ...

एक विंग कमांडर ने खुद को गृहमंत्री अमितशाह बता कर मध्यप्रदेश के राज्यपाल से बात की। इसके पीछ की वजह यह थी कि विंग कमांडर अपने दोस्त को आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बनवाना चाहता था। इसलिए उसने  कानून को ताक में रखकर गृह मंत्री अमित शाह बनकर राज्यपाल को सिफारिश के लिए फोन कर दिया।

suman
Published on: 11 Jan 2020 11:46 AM IST
दोस्त के लिए विंग कमांडर बना अमित शाह, फिर जो हुआ...
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भोपाल : एक विंग कमांडर ने खुद को गृहमंत्री अमितशाह बता कर मध्यप्रदेश के राज्यपाल से बात की। इसके पीछ की वजह यह थी कि विंग कमांडर अपने दोस्त को आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बनवाना चाहता था। इसलिए उसने कानून को ताक में रखकर गृह मंत्री अमित शाह बनकर राज्यपाल को सिफारिश के लिए फोन कर दिया।

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विंग कमांडर कुलदीप वाघेला अपने दोस्त डॉ चंद्रेश कुमार शुक्ला को आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बनवाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने राज्यपाल लालजी टंडन को अमित शाह के नाम से फोन लगाया। संदेह होने के बाद राजभवन की शिकायत पर एसटीएफ ने कार्रवाई कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है।विंग कमांडर कुलदीप वाघेला एयर फोर्स हेड क्वार्टर दिल्ली में पोस्टेड हैं,

पूरा मामला

विंग कमांडर कुलदीप वाघेला अपने दोस्त डॉ चंद्रेश कुमार शुक्ला ,दोनों ने आपसी सहमति के बाद गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से पैरवी करने की साज़िश रची। इसी प्लान के तहत दो दिन पहले चंद्रेश कुमार शुक्ला ने अपने मोबाइल फोन नंबर से राजभवन फोन लगाया। साथ ही उन्होंने विंग कमांडर कुलदीप वाघेला को कांफ्रेंस में लिया। चंद्रेश कुमार शुक्ला ने राजभवन स्टॉफ को बताया कि वो गृह मंत्री अमित शाह के पीए हैं। राज्यपाल लालजी टंडन से गृहमंत्री अमित शाह बात करना चाहते हैं। इस पर राजभवन स्टॉफ ने फोन ट्रांसफर कर राज्यपाल से उनकी बात करवा दी। दिल्ली में गृह मंत्री शाह के बंगले पर इस तरह के कॉल का सत्यापन कराने पर पाया गया कि इस तरह का कोई कॉल उनके बंगले से नहीं किया गया है।

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एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर में कुलपति की चयन प्रक्रिया अधिसूचना 29 जुलाई 2019 को मध्यप्रदेश राजभवन से जारी हुई थी। कुलपति के पद के लिए चंद्रेश कुमार शुक्ला ने भी दावेदारी की थी।उनका तीन जनवरी को इंटरव्यू भी हो गया था। कुलपति बनने के लिए चंद्रेश कुमार शुक्ला ने कई राजनैतिक लोगों के जरिए सिफारिश लगवाई। साथ ही उन्होंने एक और सिफारिश के लिए नई दिल्ली एयरफोर्स हेडक्वार्टर में पदस्थ अपने पुराने मित्र विंग कमांडर कुलदीप वाघेला से संपर्क किया। कुलपति चयन के लिए सर्च कमेटी ने साक्षात्कार लिए थे। इसी पद के लिए अमित शाह बनकर विंग कमांडर ने अपने दोस्त चंद्रेश कुमार शुक्ला के लिए सिफारिश की थी। जांच में यह तथ्य पाए जाने पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।



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