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शेरों ने गर्भवती महिला को घेरा, फिर हुआ इस बच्ची का जन्म
गांव से कुछ दूर पर ही गिर गढड़ा से उना के रास्ते में 4 बब्बर शेरों ने गाड़ी का रास्ता रोक लिया। एम्बुलेंस के सामने अचानक शेरों का झुण्ड आने से सब डर गए
देश में जारी लॉकडाउन के दरमियान आए दिन ऐसी तस्वीरें सामने आ रहीं हैं जो काफी संवेदना भरी हैं। ऐसी ही एक तस्वीर अब गुजरात से सामने आ रही है। लॉकडाउन के चलते जंगली जानवर आज कल जंगलों से निकल कर खुलेआम सड़कों पर निकल रहे हैं। ऐसे में गुजरात में एक गर्भवती महिला को कई बब्बर शेरों के बीच एंबुलेंस में ही अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा। इस घटना ने सबको चौंका दिया। फिलहाल अब बच्चा और महिला दोनों स्वस्थ हैं। और अस्पताल में हैं।
शेरों के झुंड ने रोकी एम्बुलेंस
यह हैरतअंगेज घटना गढड़ा के भाका गांव की है। जानकारी पर पता चला कि गढड़ा के भाखा गांव की गर्भवती महिला अफसाना सबरिश रफीक को 20 मई की रात लगभग 12 बजे अचानक लेबर पेन शुरू हुआ। महिला को दर्द बढ़ता देख घरवालों ने तुरंत 108 पर फ़ोन करके एम्बुलेंस बुलाई और महिला को लेकर अस्पताल के लिए निकल लिए। लेकिन गांव से निकल कर थोड़ी दूर पहुँचने पर ही रास्ते में कुछ ऐसा घटा जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। गांव से कुछ दूर ही गिर गढड़ा से उना के रास्ते में 4 बब्बर शेरों ने गाड़ी का रास्ता रोक लिया।
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अचानक एम्बुलेंस के सामने शेरोन का झुण्ड आ जाने से एम्बुलेंस में बैठे लोगों का डर की वजह से गला सूख गया। शेरोन को देख कर लग रहा था कि वो रास्ता रोकने की उद्येश्य से ही खड़े हैं। ऐसे में किसी की गाड़ी से निकल कर उंज शेरोन को वहाँ से हटाने की हिम्मत भी नहीं हुई। क्योंकि शेर अपने पूरे झुण्ड में थे। ऐसे में घर वाले काफी परेशान थे। क्योंकि बाहर शेरोन का पूरा झुण्ड और अन्दर एम्बुलेंस में दर्द बिलख रही महिला।
महिला ने शेरों के सामने एम्बुलेंस में दिया बच्ची को जन्म
बाद महिला की स्थिति को बिगड़ता देख लग रहा था कि उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाना ही होगा। लेकिन शेरोन के झुण्ड के सामने रहते ऐसा करना किसी खतरे से खाली भी नहीं था। ऐसे में कुछ देर बाद ईएमटी जगदीश मकवाना और पायलट भरत अहीर ने हिम्मत से स्थिति को संभाला। दोनों ने मिलकर एंबुलेंस के भीतर ही डिलीवरी कराई। फिर महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। महिला ने बच्ची को सफलतापूर्वक जन्म दिया। लेकिन इस दौरान चारों शेर वहीं खड़े रहे और गाड़ी के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते रहे।
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जब 20 मिनट के बाद जब बच्ची का जन्म हो गया तब शेरों ने रास्ता छोड़ा। इसके तुरंत बाद एंबुलेंस के दोनों स्टाफ ने मां और बच्ची को गिर गढड़ा के अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल अब महिला और उसकी बच्ची दोनों स्वस्थ हैं। अमरेली के 108 आपातकालीन प्रबंधन कार्यकारी अधिकारी चेतन ने बताया कि रसूलपुरा गांव की रहने वाली मकवाना को जाफराबाद कस्बे के सरकारी अस्पताल ले जाया जा रहा था। इसी दौरान शेर एंबुलेंस का रास्ता रोककर खड़े हो गए थे।