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खतरे में दुनिया: अब गायब हुआ ग्लेशियर, तेजी से हो रहा क्लाइमेट चेंज
आइसलैंड में पहली एक ग्लेशियर के गायब हो गया है। जिसकी वजह जलवायु परिवर्तन है। इस ग्लेशियर का नाम ओकजोकुल था। आपको बता दें कि इस ग्लेशियर के साथ अन्य कई ग्लेशियरों के खत्म होने की संभावना बढ़ गई है। और इसे धरती के लिए काफी खतरनाक माना जा रहा है।
नई दिल्ली : आइसलैंड में पहली एक ग्लेशियर के गायब हो गया है। जिसकी वजह जलवायु परिवर्तन है। इस ग्लेशियर का नाम ओकजोकुल था। आपको बता दें कि इस ग्लेशियर के साथ अन्य कई ग्लेशियरों के खत्म होने की संभावना बढ़ गई है। और इसे धरती के लिए काफी खतरनाक माना जा रहा है।
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आपको बता दें कि पश्चिम के इस आइलैंड ओकजोकुल ग्लेशियर के गायब या खत्म हो जाने पर वहां के स्थानीय लोगों ने ग्लेशियर का अंतिम संस्कार किया है। आइसलैंड के पीएम कैटरीन जकोबस्डोटिर, यूएन ह्यूमन राइट्स कमिश्नर मैरी रॉबिनसन, रिसर्चर्स, छात्र और अन्य भी ग्लेशियर के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
ग्लेसियर के अंतिम संस्कार के मौके पर वहां के पीएम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आखिरी सेरेमनी न सिर्फ आइसलैंड के लोगों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरक होगी। क्योंकि हम यहां जो देख रहे हैं वह क्लाइमेट चेंज का सिर्फ एक चेहरा है।
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इसी सिलसिलें में वैज्ञानिकों का कहना है कि आइसलैंड के दर्जनों ग्लेशियरों के पिघलने का खतरा दिखाई दे रहा है। बर्लिन यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर जुलियन वीस ने कहा कि किसी ग्लेशियर को गायब होते देखना ऐसी घटना है जिसे आप सीधे महसूस कर सकते हैं और समझ सकते हैं।
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जलवायु परिवर्तन के लेकर प्रोफेसर जुलियन ने कहा कि आप क्लाइमेट चेंज को रोज महसूस नहीं करते, एक इंसान के तौर पर देखें तो यह बहुत धीरे हो रहा है। लेकिन सही मायने में भौगोलिक पैमाने पर यह काफी तेज है।
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