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220 करोड़ लोग अंधेपन का शिकारः कोरोना बढ़ा रहा बीमारी

आज विश्व विकलांगता दिवस भारत में विकलांग को अब दिव्यांग कहा जाता है। एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक विश्व की आधी आबादी मायोपिया का शिकार हो जाएगी। फिलहाल पूरे विश्व में 220 करोड़ लोग अंधेपन के शिकार हैं।

Monika
Published on: 3 Dec 2020 8:33 AM IST
220 करोड़ लोग अंधेपन का शिकारः कोरोना बढ़ा रहा बीमारी
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World disability day

आज विश्व विकलांगता दिवस भारत में विकलांग को अब दिव्यांग कहा जाता है। एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक विश्व की आधी आबादी मायोपिया का शिकार हो जाएगी। फिलहाल पूरे विश्व में 220 करोड़ लोग अंधेपन के शिकार हैं। वहीं 100 करोड़ लोगों को आंखों से जुड़ी अन्य परेशानियां हैं। जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ रही है, उससे इन बीमारियों में तीन गुना तक उछाल अगले 30 सालों में हो सकता है।

2020 कोरोना (Covid-19) का साल रहा। अभी तक इस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कोविद के शिकार लोगों को कई तरह की बीमारियां हो रही हैं, जिससे पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है।

कोरोना से आंखों को भी खतरा

अब एक ताजा खबर के अनुसार विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) ने हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा है कि कोरोनावायरस की वजह से आंखों को भी काफी खतरा है, जिसकी वजह से कई लोग अंधे हो रहे हैं। ऐसे में काफी संख्या में लोग बेरोजगार हो रहे हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विकासशील देशों (Developing Countries) में आंखों की बीमारियां काफी तेजी से फैल रही हैं और इनमें से 25 फीसदी लोग अंधेपन का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में लोगों की नौकरी पर काफी संकट आ गया है। इन देशों में आंखों से जुड़ी बीमारियों का भी सही ढंग से इलाज नहीं हो पा रहा है।

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कोरोना वायरस का असर फेफड़ों सहित शरीर के अन्य अंगों के साथ ही आंखों पर भी हो रहा है। लोग आंखों पर इसके असर को समझ नहीं पा रहे हैं और अपनी आंखों का इलाज समय पर नहीं करा पा रहे हैं, क्योंकि अस्पतालों में इनसे जुड़ी सर्जरी नहीं हो रही है।

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मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोग

इसके अलावा लोगों में मनोरोग भी बढ़ने का खतरा हो गया है क्योंकि जो लोग कोरोना के शिकार हुए हैं वह मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। दुनिया की जानी मानी स्वास्थ्य पत्रिका द लांसेट के मुताबिक कोरोना के शिकार लोग मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मैगजीन के साइकियेट्रिक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार कोरोना से ठीक हुए 20 फीसद लोग साइकियेट्रिक डिस्आर्डर के शिकार हो रहे हैं।

अध्ययन के मुताबिक इन मानसिक बीमारियों से जूझ रहे मरीजों में चिंता अवसाद और अनिद्रा आम शिकायत है। मरीजों को डिमेंशिया भूलने की बीमारी भी हो रही है। इस अध्ययन के लेखक पॉल हैरिसन ने दुनिया के डॉक्टरों से इस पर काम करने की अपील की है।

रामकृष्ण वाजपेयी



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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