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Wrestlers Protest: पहलवानों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की याचिका पर अब 9 जून को होगी सुनवाई, प्रदर्शकारियों पर लगे ये आरोप
Wrestlers Protest: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पहलवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने मांग की याचिका बम बम महाराज नौहटिया ने दर्ज कराई है। हालांकि आज होने वाले सुनवाई को कोर्ट टाल दी है और इसकी अगली डेट 9 जून रखी है।
Wrestlers Protest: यौन उत्पीड़न सहित कई मांगों लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर एक महीने से अधिक समय से पहलवानों का धरना प्रदर्शन जारी है। पहलवानों का यह धरना प्रदर्शन भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष एवं भाजपा से यूपी के कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के विरुद्ध चल रहा है। इस दौरान पहलवानों ने सांसद बृजभूषण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कई ऐसे शब्दों को उपयोग किया है, जिसके बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसको लेकर अब पहलवानों के लिए खिलाफ एफआईआर दर्ज की मांग लेकर पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है। इस याचिका का आज दोपहर दो बजे सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट इस सुनवाई को टाल दिया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 9 जून, 2023 को मुकर्रर की है। हालांकि पटियाला हाउस कोर्ट ने पहलवानों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट तलब किया है।
नौहटिया ने दर्ज कराई याचिका
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पहलवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने मांग की याचिका बम बम महाराज नौहटिया ने दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि प्रदर्शनकारी पहलवानों ने सांसद बृजभूषण शरण सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ असंसदीय भाषा का प्रयोग किया है। इसने आरोपी व्यक्तियों द्वारा सिंह के चरित्र हनन का भी आरोप लगाया।
शिकायतकर्ता ने कहा है कि उसने 4 मई 2023 को उपरोक्त कथित आरोपियों के खिलाफ थाना संसद मार्ग के एसएचओ, एसीपी और डीसीपी को लिखित शिकायत दी थी। इसके अलावा दिल्ली के पुलिस आयुक्त को भी शिकायत की गई है।
पहलवानों के सारे आरोप झूठे
याचिका में कहा कि धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी पहलवान विनेश फोगट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक द्वारा बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं। यह आरोप किसी के व्यक्तिगत लाभ के लिए दबाव में लगाए हैं।
याचिका में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि आरोप लगाने वाले पहलवान ने न तो कथित उत्पीड़न का विरोध किया। न ही पुलिस स्टेशन या फिर महिला हेल्पलाइन नंबर पर कोई मदद ली। न ही किसी भी महिला पहलवान ने महिला आयोग में लिखित या मौखिक शिकायत दर्ज कराई है। इस लिहाज से जंतर मंतर पर चल रहा है धरना केवल कार्रवाई के लिए पुलिस और कोर्ट पर दबाव बनाने के लिए संबंध में है।