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मोदी सरकार का लक्ष्य पूरा करने के लिए योगी सरकार ने कसीं कमर
राज्य में पोषण मिशन की सफलता के लिए राज्य में 1.73 लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्री व इतनी ही सहायिकाएं, लगभग 24 हजार एएनएम, 1.50 लाख आशा, 1.50 लाख स्कूल शिक्षक, 57 हजार ग्राम प्रधान तथा शासन-प्रशासन के अधिकारी मिल कर कोशिश करेंगेे।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: मोदी सरकार के वर्ष 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए यूपी की योगी सरकार ने कमर कस ली है। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में करोड़ों बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए रविवार से बाल सुपोषण उत्सव माह की शुरुआत कर दी गई है।
अब राज्य में पोषण मिशन की सफलता के लिए राज्य में 1.73 लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्री व इतनी ही सहायिकाएं, लगभग 24 हजार एएनएम, 1.50 लाख आशा, 1.50 लाख स्कूल शिक्षक, 57 हजार ग्राम प्रधान तथा शासन-प्रशासन के अधिकारी मिल कर कोशिश करेंगेे। इतना ही नहीं कुपोषण को प्रदेश से बाहर करने के लिए इस मिशन को स्कूल चलो अभियान से भी लिंक किया जायेगा।
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इंसेफिलाइटिस व अन्य संक्रामक रोगों पर काबू पाने के लिए विभागों के समन्वय के जरिये टीम वर्क
पूर्वाचंल में इंसेफिलाइटिस व अन्य संक्रामक रोगों पर काबू करने के लिए कई विभागों के समन्वय के जरिये टीम वर्क में काम करने के तरीके से मिले परिणामों से उत्साहित प्रदेश सरकार ने इस अभियान की सफलता के लिए भी इसी तरीके को इस्तेमाल करने की योजना बनायी है। इसके लिए पंचायतीराज, खाद्य एवं रसद, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, कृषि, ग्राम्य विकास, नगर विकास तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागों का समन्वय करके टीम बनाई गई है।
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पोलियों अभियान की तरह ही कुपोषण का भी यूपी से समूल नाश करने के लिए इस अभियान से जिलों के प्रभारी मंत्री को जोड़ा जायेगा तथा जिले के सभी जनप्रतिनिधि इस योजना में पूरा सहयोग देंगे। इसके अलावा जिलाधिकारियों को इस अभियान की लगातार मानीटरिंग करने की जिम्मेदारी दी गयी है और अपने जिले में इस योजना के लिए एक नोडल अधिकारी भी तैनात करना होगा।
योगी आदित्यनाथ ने 40 बच्चों को अपने हाथ से भोजन परोस कर इस कार्यक्रम की शुरूआत की
रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा 40 बच्चों को अपने हाथ से भोजन परोस कर इस कार्यक्रम की शुरूआत की। भोजन में बच्चों को सहजन की सब्जी, सहजन की दाल, सहजन के पराठे और गुड़ के लड्डू परोसे गए, इस दौरान मुख्यमंत्री ने बच्चों से बातचीत भी की।
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पहली सितम्बर से 30 सितम्बर, 2019 तक चलने वाले पोषण माह के लिए पांच थीम निर्धारित की गयी हैं, जिनमें जीवन के प्रथम 1000 दिन, ऊपरी आहार, एनीमिया की रोक, दस्त प्रबन्धन, साफ-सफाई व स्वच्छता पर कार्य करने का संदेश शामिल है।
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 में लागू किये गये राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत वर्ष 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पोषण अभियान चलाया जा रहा है।