×

क्या आप जानते हैं सहजन से दूर होती हैं सैकड़ों बीमारी, पढ़ें ये रिपोर्ट

सहजन के विभिन्न अंगों के रस को मधुर,वातघ्न,रुचिकारक, वेदनाशक,पाचक आदि गुणों के रूप में जाना जाता है सहजन के छाल में शहद मिलाकर पीने से वात, व कफ रोग शांत हो जाते है।

Shivakant Shukla
Published on: 9 Jun 2023 9:23 AM GMT
क्या आप जानते हैं सहजन से दूर होती हैं सैकड़ों बीमारी, पढ़ें ये रिपोर्ट
X

लखनऊ: सहजन,सेंजन, मुनगा और भी कई नामों से जाना जाने वाला सहजन औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके अलग-अलग हिस्सों में सैकड़ों रोगों के रोकथाम के गुण हैं। इसमें मल्टीविटामिन्स, एंटी आक्सीडेंट, दर्द निवारक और एमिनो एसिड मिलते हैं।

सहजन को अंग्रेजी में ड्रमस्टिक कहा जाता है। इसका वनस्पति नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। फिलीपीन्स, मैक्सिको, श्रीलंका, मलेशिया आदि देशों में भी सहजन का उपयोग बहुत अधिक किया जाता है। दक्षिण भारत में व्यंजनों में इसका उपयोग खूब किया जाता है।

ये भी पढ़ें... प्लास्टिक हुआ बैन तो न करें चिंता, शुरू करें ये बिज़नेस, कमायें करोड़ों

औषधीय गुणों से भरपूर है सहजन

इसकी फली के अचार और चटनी कई बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक हैं। इसे सांबर में डाला जाता है। उत्तर भारत में यह साल में एक बार ही फली देता है। सर्दियां जाने के बाद फूलों की सब्जी बना कर खाई जाती है फिर फलियों की सब्जी बनाई जाती है। इसके बाद इसके पेड़ों की छटाई कर दी जाती है। इसके फूल, फली और टहनियों को अनेक उपयोग में लिया जा सकता है। इसमें पानी को शुद्ध करने के गुण भी मौजूद हैं।

सहजन के बीज से तेल निकाला जाता है और छाल पत्ती, गोंद, जड़ आदि से दवाएं तैयार की जाती हैं। सहजन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ए, सी और बी कॉम्पलैक्स प्रचुर मात्रा में है। सहजन में दूध की तुलना में 4 गुना कैल्शियम और दुगना प्रोटीन पाया जाता है।

ये भी पढ़ें... ये खिलाड़ी फैशन पर करता है इतना खर्च, दातों उंगली दबा लेंगे आप

इन बीमारियों के लिए है रामबाण

सहजन की फली वात व उदरशूल में पत्ती नेत्ररोग, मोच ,शियाटिका ,गठिया में उपयोगी है। सहजन की जड़ दमा, जलोधर, पथरी,प्लीहा रोग के लिए उपयोगी है। छाल का उपयोग शियाटिका,गठिया,यकृत आदि रोगों के लिए लाभकरी है।

सहजन के विभिन्न अंगों के रस को मधुर,वातघ्न,रुचिकारक, वेदनाशक,पाचक आदि गुणों के रूप में जाना जाता है सहजन के छाल में शहद मिलाकर पीने से वात, व कफ रोग शांत हो जाते है।

सहजन की सब्जी खाने से पुराना गठिया रोग सही होता है

सहजन को अस्सी प्रकार के दर्द व बहत्तर प्रकार के वायु विकारों का शमन करने वाला बताया गया है। सहजन की सब्जी खाने से पुराने गठिया, जोड़ों के दर्द, वायु संचय, वात रोगों में लाभ होता है।

ये भी पढ़ें... महाराजा की 365 रानियां! इस तरह करते थे रात बिताने का फैसला

इसकी पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया, शियाटिका ,पक्षाघात,वायु विकार में शीघ्र लाभ पहुंचता है, शियाटिका के तीव्र वेग में इसकी जड़ का काढ़ा तीव्र गति से चमत्कारी प्रभाव दिखता है।

सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों तेल डालकर आंच पर पकाएं तथा मोच के स्थान पर लगाने से शीघ्र ही लाभ मिलने लगता है।

पत्तों का रस कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है

सहजन के ताज़े पत्तों का रस कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है। सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी कटकर निकल जाती है।

ये भी पढ़ें... वेश्यालय की मिट्टी के बिना अधूरी है मां दुर्गा की मूर्ति, ऐसे हुई थी उनकी उत्पत्ति

उलटी दस्त भी रोकता है सहजन

सहजन की जड़ की छाल का काढा सेंधा नमक और हिंग डालकर पीने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है। सहजन के पत्तों का रस बच्चों के पेट के कीड़े निकालता है और उलटी दस्त भी रोकता है।

सहजन में विटामिन ए होता है जो कि पुराने समय से ही सौंदर्य के लिये प्रयोग किया आता जा रहा है। इस हरी सब्जी को अक्सर खाने से बुढापा दूर रहता है। इससे आंखों की रौशनी भी अच्छी होती है। सहजन का सूप पीने से शरीर का रक्त साफ होता है। पिंपल जैसी समस्याएं तभी सही होंगी जब खून अंदर से साफ होगा।

पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा कम होता है

सहजन फली का रस सुबह शाम पीने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है। सहजन की पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे धीरे कम होने लगता है।

दर्द निवारक है सहजन

सहजन की छाल के काढ़े से कुल्ला करने पर दांतों के कीड़ें नष्ट होते है और दर्द में आराम मिलता है। सहजन के कोमल पत्तों का साग खाने से कब्ज दूर होती है।

सहजन के गोंद को जोड़ों के दर्द और शहद को दमा आदि रोगों में लाभदायक माना जाता है। सहजन में विटामिन सी की मात्रा बहुत होती है। विटामिन सी शरीर के कई रोगों से लड़ता है खासतौर पर सर्दी जुखाम से। अगर सर्दी की वजह से नाक कान बंद हो चुके हैं तोए आप सहजन को पानी में उबाल कर उस पानी का भाप लें। इससे जकड़न कम होगी।

ये भी पढ़ें... Zomato से खाना मंगाते हैं तो पढ़ें ये जरूरी खबर, नहीं तो खाली हो जाएगा एकाउंट

सहजन में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है जिससे हड्डियां मजबूत बनती है। इसके अलावा इसमें आयरन, मैग्नीशियम और सीलियम होता है।सहजन का जूस गर्भवती को देने की सलाह दी जाती है। इससे डिलवरी में होने वाली समस्या से राहत मिलती है और डिलवरी के बाद भी मां को तकलीफ कम होती है।

मिर्गी के दौरों में भी लाभकारी होता है सहजन

सहजन की जड़ का काढे को सेंधा नमक और हींग के साथ पीने से मिर्गी के दौरों में लाभ होता है। सहजन की पत्तियों को पीसकर लगाने से घाव और सुजन ठीक होते है। सहजन के पत्तों को पीसकर गर्म कर सिर में लेप लगाए या इसके बीज घीसकर सूंघे तो सर दर्द दूर हो जाता है।

ये भी पढ़ें...फेस्टिव सेल: Flipkart और Amazon देगा ये ऑफर, जानिए आपके लिए क्या है खास

इसके अलावा और भी सैकड़ों बीमारियों के लिए सहजन रामबाण होता है।

सहजन के पौष्टिक गुणों की तुलना

विटामिन सी- संतरे से सात गुना।

विटामिन ए- गाजर से चार गुना।

कैलशियम- दूध से चार गुना।

पोटेशियम- केले से तीन गुना।

प्रोटीन- दही की तुलना में तीन गुना।

Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story