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काम की बात: अगर आजमाएंगे ये तरीके तो नहीं होगा कमर दर्द
अगर आप अपने काम की वजह से नहीं देते हैं अपने शरीर पर ध्यान, तो आगे चल कर आपको बहुत सी समस्या हो सकती है। इसलिए पहले से ही अपने शरीर को लेकर सतर्क हो जाएं ताकि आगे दिक्कत ना हो। लेकिन आप ज्यादा आराम करते हैं तो ये भी सही नहीं है।
लखनऊ: अगर आप अपने काम की वजह से नहीं देते हैं अपने शरीर पर ध्यान, तो आगे चल कर आपको बहुत सी समस्या हो सकती है। इसलिए पहले से ही अपने शरीर को लेकर सतर्क हो जाएं ताकि आगे दिक्कत ना हो। लेकिन आप ज्यादा आराम करते हैं तो ये भी सही नहीं है। आपके शरीर का दिनभर चलते रहना ज़रूरी है। फिर भी हममें से ज्यादातर लोग रोज आठ-दस घंटे कुर्सियों से चिपके रहते हैं।
लेकिन आपको नहीं पता इसका सबसे ज्यादा असर कमर के नीचे हिस्से पर पड़ता है। यही वजह है कि वर्क रिलेटेड मस्क्यूलोस्केलेटल डिसऑर्डर (WMSDs), भारत ही नहीं दुनिया की सबसे कॉमन बीमारी हो गई है। रिसर्च की माने तो दुनियाभर में 24-39 आयु वर्ग के 4.2 फीसदी लोगों को कमर के नीचे हिस्से में पुराना दर्द है। आयु वर्ग का दायरा 20-59 वर्ष करने पर यह प्रतिशत 19.6 तक बढ़ जाता है।
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लेकिन एक्सरसाइज से शरीर के इस हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है। एक्सरसाइज से जिदंगी में बहुत सुधार आएगा। योगासन सस्ता सुंदर विकल्प है। बस, चटाई बिछाई और कुछ मिनटों का समय खर्च किया, जिंदगी खुशहाली के रास्ते पर दौड़ पड़ेगी। लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि ऐसे केस में सलाह दी जाती है कि योग की शुरुआत किसी अनुभवी टीचर या प्रशिक्षित ट्रेनर के साथ की जाना चाहिए।
ये सात आसन कमर के नीचे हिस्से को करते हैं मजबूत-
शलभासन (Locust pose):
समतल मुलायम सतह पर पेट के बल लेट जाएं
हाथों को शरीर के पास रखें
अब, सांस बाहर निकालें और धड़ तथा सिर को ऊपर उठाएं
इसी समय, पैरों को ऊपर उठाएं, आपकी जांघें फर्श से थोड़ा ऊपर आनी चाहिए
कूल्हों पर वजन संतुलित करें। 20 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें
प्रारंभिक स्थिति में वापस आएं
चार से पांच बार दोहराएं
सेतुबंध सर्वांगासन (Bridge pose):
समतल सतह पर पीठ के बल लेट जाएं
घुटनों को मोड़ें और पैरों को जमीन पर मजबूती से चिपकाएं रखें
अपनी भुजाओं को शरीर के साथ जमीन पर सीधा रखें
अब शरीर को ऊपर उठाएं और फिर धीरे-धीरे नीचे लाएं
पैरों और कंधों पर वजन का संतुलन रखें। सुनिश्चित करें कि आपके कंधे और हाथ फर्श पर बने रहें।
30 सेकंड से 1 मिनट तक इस स्थिति में रहें
धीरे से प्रारंभिक स्थिति में लौटें
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ऊर्ध्व मुख शवासन (Upward facing dog):
समतल सतह पर पेट के बल लेट जाएं
अपने पैरों को थोड़ा-सा चौड़ा करें
हथेलियों को अपने कंधों के पास रखें
गहरी सांस लें और धीरे-धीरे शरीर को ऊपर उठाएं
शरीर का सारा भार आपके पैरों और हथेलियों पर होना चाहिए
30 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें
वापस प्रारंभिक स्थिति में आएं
पांच बार दोहराएं
त्रिकोणासन (Extended triangle pose):
सीधे खड़े हो जाएं और पैरों के बीच करीब 3-4 फीट दूरी बनाएं
हाथों को फर्श के समानांतर उठाएं और अंग्रेजी अक्षर "T" का आकार बनाएं
अब दाहिने पैर के अंगूठे को आगे की ओर मोड़ें और बाएं पैर के अंगूठे को अपनी बाईं ओर मोड़ें
हाथों को सीधा रखते हुए कमर से बगल की तरफ झुकें, जब तक आपका बायां हाथ आपके बाएं पैर को न छू ले
30 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें
प्रारंभिक स्थिति पर लौटें और दाईं तरफ दोहरा
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धनुरासन (Bow pose):
यह सबसे मुश्किल आसन है और वर्कआउट के अंत में किया जाना चााहिए।
अपने पेट के बल लेट जाएं
घुटनों को मोड़ें। अब अपने हाथों से अपनी एड़ियों को मजबूती से पकड़ें
गहरी सांस लें और अपनी छाती तथा जांघों को फर्श से उठाएं
15-20 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें
सांस छोड़ें और वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं
अपनी क्षमता के आधार पर तीन से पांच बार दोहराएं
पश्चिमोत्तानासन (Seated forward bend pose):
जमीन पर बैठें, पैरो को सामने की ओर रखें, पंजों को मिलाकर रखें
गहरी सांस लें और हाथों को सीधे रखते हुए ऊपर उठाएं
सांस छोड़ें और तब तक आगे झुकें जब तक पेट आपकी जांघों तक न आ जाए। पैर की उंगलियों को शरीर की ओर मोड़ें और हाथ से पैरों को पकड़ने की कोशिश करें। यदि यह संभव नहीं है, तो अपनी एड़ियों को पकड़ें।
30 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें
सांस छोड़ें और वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं
तीन से पांच बार दोहराएं
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अर्द्ध मत्येंद्रासन (Half Lord of the Fishes Pose):
पैरों को सीधा रखते हुए बैठें। पीठ सीधी होनी चाहिए
धीरे से घुटनों को मोड़ें
अब, अपने बाएं घुटने को फर्श पर ही रखते हुए पैर को दाहिने कूल्हे के करीब लाएं
कमर को मोड़ें और बाईं कोहनी को दाहिने घुटने के बाहरी हिस्से के पास रखें
दाहिने घुटने के विपरीत जोर देने के लिए बाईं कोहनी का उपयोग करें और अधिक मोड़ें। पीछे मुड़कर देखें
प्रारंभिक स्थिति में वापस आएं, दूसरी तरफ दोहराएं
हर आसन पांच बार दोहराएं।
सभी आसन करने के बाद अंत में शवासन करें। पीठ के बल लेट जाएं और शरीर के हर अंग को शिथिल छोड़ दें। आंखें बंद रखें। सिर्फ सांस के आने-जाने पर ध्यान लगाएं। पांच मिनट तक इस स्थिति में रहें। आराम से उठें और अच्छा महसूस करें। रोज ये आसान करने पर जिंदगी में कभी पीठ दर्ज नहीं होगा।