TRENDING TAGS :
HIV Aids का मिल गया तोड़! वैज्ञानिकों ने हासिल की नई उपलब्धि
साइंस ट्रांसलेशन मेडिसिन में यह रिपोर्ट छपी भी है। इसमें ये बात सामने आई है है कि लोगों पर किए गए ट्रायल के नतीजे काफी संतोषजनक हैं। वैसे थाइलैंड में यूएस आर्मी पर भी साल 2003 में इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल किया गया, जिसके नतीजे अच्छे थे।
नई दिल्ली: वैज्ञानिकों के सामने हमेशा से खतरनाक बीमारियों के लिए वैक्सीन तैयार करना एक चुनौतीपूर्ण काम होता है। ऐसे में अगर इनमें से किसी एक भी खतरनाक बीमारी की वैक्सीन तैयार कर ली जाये तो यह किसी उपलब्धि से कम नहीं है। इसी क्रम में वैज्ञानिक HIV Aids और कैंसर की वैक्सीन तैयार करने में लगे हुए हैं।
HIV Aids के वायरस के कई तरह के होते हैं स्ट्रेन
दरअसल एक बड़ी दिक्कत ये है कि HIV Aids के वायरस के स्ट्रेन कई तरह के होते हैं, जिसकी वजह से एक सिंगल वैक्सीन इसके मुकाबले में फेल हो जाती है। मगर हाल ही चल रहे HIV Aids वैक्सीन के ट्रायल में नतीजे काफी अच्छे हैं। साउथ अफ्रीका में रहने वाले लोगों पर यह ट्रायल किया गया है।
यह भी पढ़ें: हुए 6 बड़े ऐलान: सरकार का ये तोहफा आपको देगा बड़ी राहत
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वैक्सीन से एड्स फैलाने वाले वायरस से मुकाबला करने के लिए काफी मात्रा में सेल्स का प्रॉडक्शन हुआ। ऑथर्स का मानना है कि इस वैक्सीन से शरीर ने 31 परसेंट से ज्यादा एचआईवी एड्स से बचाव किया।
यह भी पढ़ें: छप्परफाड़ डिस्काउंट! iPhone 11 में इतनी ज्यादा छूट, अभी खरीद लें
बता दें कि ट्रायल में हिस्सा लेने वाले एक वॉलंटियर को पहले से ही एड्स था। ऑथर्स के सामने यह बात भी आई कि इम्यूनाइजेशन एचआईवी के कई तरह के स्ट्रेंस से बचा सकता है, इस तरह से यूनिवर्सल वैक्सीन तैयार की जा सकती है।
यह भी पढ़ें: महिलाओं के ये अंग! मर्दो को कर देते हैं मदहोश, क्या आप जानते हैं
साइंस ट्रांसलेशन मेडिसिन में यह रिपोर्ट छपी भी है। इसमें ये बात सामने आई है है कि लोगों पर किए गए ट्रायल के नतीजे काफी संतोषजनक हैं। वैसे थाइलैंड में यूएस आर्मी पर भी साल 2003 में इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल किया गया, जिसके नतीजे अच्छे थे।