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महिलाओं की गंभीर समस्या, पीरियड्स के इन संकेतों को ना करें नजरअंदाज
पिछले कुछ सालों से महिलाओं में पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी PCOS की समस्या काफी तेजी से बढ़ी है। इसे पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर यानी PCOD भी कहा जाता है।
लखनऊ: पिछले कुछ सालों से महिलाओं में पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी PCOS की समस्या काफी तेजी से बढ़ी है। इसे पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर यानी PCOD भी कहा जाता है। एक रिसर्च के मुताबिक भारत में करीब 10 प्रतिशत महिला आबादी पीसीओडी की समस्या से जूझ रही है। इस बीमारी में हॉर्मोन्स के कारण ओवरी में छोटी-छोटी सिस्ट यानी गांठ बन जाती हैं। इन सिस्ट की वजह से महिलाओं में बड़े स्तर पर हॉर्मोनल बदलाव होने लगते हैं। क्योंकि ये सिस्ट पीरियड्स और प्रेग्नेंसी दोनों को डिस्टर्ब करती हैं।
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बता दें कि सितंबर का महीना PCOS जागरूकता के रूप में मनाया जाता है। PCOS महिलाओं में होने वाली एक गंभीर हार्मोनल समस्या है जिसकी वजह मेटाबॉलिक और प्रजनन संबंधी समस्या आती है। PCOS के बारे में बहुत कम लोगों को ही पता होता है। तो चलिए आज इसी के बारे में जानते हैं....
क्या होता है PCOS ??
PCOS होने पर महिलाओं के शरीर में सामान्य की तुलना में अधिक हार्मोन्स बनते लगते हैं। हार्मोन में इस असंतुलन की वजह से एक ओवुलेशन होता है जिसकी वजह से पीरियड्स नियमित नहीं रहते हैं। लेकिन आगे चलकर इससे प्रेग्नेंसी में भी समस्या आ जाती है। ये समस्या 20 से 30 साल की उम्र में अधिक पाई जाती है।
इसके लक्षण
डॉक्टर्स के मुताबिक PCOS के लक्षण पहले मासिक धर्म के समय के आसपास विकसित होते हैं। इससे चेहरे पर रोए और शरीर के दूसरे अंगों पर घने बाल उगने लगते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि PCOS के लक्षण हर महिलाओं में अलग-अलग होते हैं।
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1 - अनियमित पीरियड्स
महिलाओं में अनियमित या लंबे समय तक दर्द के साथ पीरियड्स का होना PCOS का सबसे आम संकेत माने जाते हैं। जैसे, साल में 9 पीरियड्स से कम होना, दो पीरियड्स के बीच में 35 दिनों से ज्यादा का अंतराल और असामान्य रूप से बहुत ज्यादा पीरियड होना।
2- अतिरिक्त एण्ड्रोजन
कुछ महिलाओं में कई बार हार्मोन के असंतुलन की वजह से चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बाल आने लगते हैं और कभी-कभी चेहरे पर बहुत मुंहासे होने लगते हैं। कभी-कभी गंजेपन की भी समस्या भी आ सकती है। ये सारे महिलाओं में PCOS के संकेत हो सकते हैं।
इलाज-
इसके सामान्यतः दो तरह से इलाज किये जा सकते हैं, लेकिन फिर भी अगर आपमें इसके लक्षण दिखे तो एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
1- घर पर इलाज
अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव कर इसे घर पर ही ठीक किया जा सकता है। इसके लिए लो कार्बोहाइड्रेट डाइट अपनाएं, वजन कम करें और रोज कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज जरूर करें। वजन कम करने से डायबिटीज और दिल की बीमारी का खतरा भी कम होता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी सही होता है।
2- मेडिकल ट्रीटमेंट
इस बीमारी की मेडिकली ट्रीटमेंट भी कराई जा सकती है। इसमें डॉक्टर हार्मोन को संतुलित करने के लिए दवाएं देते हैं और इसकी वजह से पीरियड्स नियमित हो जाते हैं। इसके अलावा इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करने के लिए ओवरी की सर्जरी भी की जाती है।
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