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कोरोना और तपिश के बीच शुरू हो रहा रमजान, जानिए कैसे रखें सेहत का ख्याल

रमजान को मुसलमान संप्रदाय के लिए पवित्र महीना माना जाता हैं और इसकी शुरुआत 24-25 अप्रेैल से हो सकती है। इसके साथ ही मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग रोजे रखना शुरू कर देते हैं। रमजान में इस्लाम धर्म के लोग एक महीने तक रोजा रखते हैं।

suman
Published on: 23 April 2020 5:05 PM GMT
कोरोना और तपिश के बीच शुरू हो रहा रमजान, जानिए कैसे रखें सेहत का ख्याल
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जयपुर: रमजान को मुसलमान संप्रदाय के लिए पवित्र महीना माना जाता हैं और इसकी शुरुआत 24-25 अप्रेैल से हो सकती है। इसके साथ ही मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग रोजे रखना शुरू कर देते हैं। रमजान में इस्लाम धर्म के लोग एक महीने तक रोजा रखते हैं। रोजा के दौरान वह दिनभर कुछ भी नहीं खाते-पीते हैं। सुबह के समय सहरी और शाम में इफ्तार खाते हुए उनका ये पाक महीना बीतता है। रमजान में बच्चे से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक रोजा रखते हैं। दिनभर बिना कुछ खाए-पिए रहना और फिर अचानक इफ्तार या सहरी खाने से सेहत पर खराब असर पड़ता है।इस बार कोरोना के कारण रमजान में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है।

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साथ में इस बार गर्मी में रमजान शुरू हो रहा है तो ज्यादा गर्मी और ढेर सारा खाना भी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में रोजे के दौरान किस तरह अपनी सेहत का ख्याल रखें ये भी जानेंगे । साथ हीं रमजान का महीना भी हर जगह विशेष आयोजन के साथ मनाया जाता हैं। जैसे भारत में रमजान की शुरुआत होती है। वैसे पूरी दुनिया में नहीं होती। अलग-लग देशों में रमजान मनाने का तरीका अलग है।

ऐसे मनाते हैं यहां रमजान

*बाल्कन देश बोस्निया की राजधानी सारायेवो में स्थानीय परंपरा के मुताबिक इफ्तार के समय यानी रोजा खोलने के वक्त तोप चलायी जाती है।

*ट्यूनीशिया के कुछ लोग दूरबीन से चांद हैं। कई जगह खुली आंख से भी चांद देखने की परंपरा है। इसीलिए विभिन्न देशों में रमजान भी अलग अलग तारीख पर शुरू होता है।

*मिस्र में रमजान के दौरान खास लालटेन जलाना जरूरी माना जाता है। इसलिए रोजे शुरू होते ही शहरों में ऐसी लालटेनों की भरमार हो जाती है।

*पाकिस्तान रमजान शुरू होते ही पाकिस्तान के बाजारों में हर तरफ खजूर, पकौड़े और समोसे दिखाई पड़ते हैं।

*अल्जीरिया में रोजे रखने वाले लोगों में शहद और मिठाई खास तौर से लोकप्रिय हैं।

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रोजा के दौरान

इस भीषण गर्मी व कोरोना के कहर के बीच ऐसे रखें सेहत का ख्याल...

*खाने के साथ एक गिलास ठंडा दूध या छाछ पिएं। इससे दिनभर की पानी की कमी की एक हद तक पूर्ति हो जाती है।इस तरह का खाना खाएं, जिसे पचने में वक्त लगता हो ताकि अगली सुबह तक आपको भूख न सताए।

*इस दौरान पानी, दूध और जूस जैसी चीजों को तरजीह दें, शरीर में पानी की कमी गर्मी में बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।रमज़ान के दौरान कैफीनयुक्त पदार्थों जैसे चाय, कॉफी को अवॉइड करना चाहिए। गर्मियों में आने वाले फल जैसे तरबूज, नारियल पानी, खरबूज, अनानास और आम खाएं।

*नींद की कमी नहीं होनी चाहिए। पूरी नींद लें ताकि कमजोरी न सताए।इफ्तार में खजूर खाना न भूलें। ये तुरंत ऊर्जा देने वाला फल है और इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होने पाती है।रमज़ान के दौरान शारीरिक मेहनत वाले काम न भी हों तो भी योग और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज की जानी चाहिए। सहरी में भी उन खाद्य पदार्थों को तरजीह दें जो दिनभर शरीर को हाइड्रेटेड रखे। तला-भुना कम से कम लें।

क्या खाएं और क्या ना खाएं

रोजे के समय डॉक्टर खान पान की चीजों पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं। इस दौरान गैरजरूरी चीजों को खाने से बचना चाहिए। रोजे के दौरान तली हुई चीजों को खाने से बचने की सलाह दी जाती है। सहरी के समय अंडा, आटे की रोटी या परांठा, ताजे फल आदि खाने से सेहत ठीक रहती है। ध्यान रहे सहरी के समय ज्यादा कॉफी या सोडा नहीं पीना चाहिए। साथ ही सहरी में बिरयानी, कबाब, पिज्जा और फास्ट फूड्स नहीं खाने चाहिए। ये आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं।

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रोजे में इफ्तार के दौरान खजूर खाना चाहिए। खजूर सेहत के लिए फायदेमंद होता है। खजूर में आयरन होता है, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। इफ्तार के समय तला हुआ खाना शरीर के लिए हानिकारक होता है। इफ्तार में तला हुआ खाना खाने से बचना चाहिए। अगर रमजान के वक्त अपच की समस्या आती है तो इसे पचाने के लिए फाइबरयुक्त चीजें खानी चाहिए। इफ्तार के समय खाने खाते समय कम से कम पानी पीना चाहिए। क्योंकि ज्यादा पानी पीने खाना पचता नहीं है। जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। रमजान के महीने में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन खाना चाहिए। अधिक मात्रा में प्रोटीन खाने से कम भूख लगती है। जिन लोगों को दिल की बीमारी और मधुमेह की बीमारी है उन लोगों को कबाब, बिरयानी और चिकन खाने से बचना चाहिए।

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