Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज से ऐसे ले सकते हैं आप गुरु दीक्षा, बस करना होगा ये काम

Premanand Ji Maharaj: आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि श्री प्रेमानंद महाराज जी से आप गुरु दीक्षा कैसे ले सकते हैं।

Shweta Shrivastava
Published on: 25 Aug 2023 2:00 AM GMT
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज से ऐसे ले सकते हैं आप गुरु दीक्षा, बस करना होगा ये काम
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Premanand Ji Maharaj (Image Credit-Social Media)

Premanand Ji Maharaj: श्री प्रेमानंद महाराज जी की ज्ञान भरी बातें सभी को काफी प्रभावित करतीं हैं उनके द्वारा बताये सत्य के मार्ग और प्रभु भजन में लगकर ही मनुष्य धन्य हो सकता है। वो लोगों को ये बताते हैं कि कैसे आप अपनी ज़िन्दगी को सही तरह से जी सकते हैं। उनको मानने वाले भक्त देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं जो उन्हें सुनते हैं और उनके द्वारा बताये मार्ग पर चलने का प्रयास भी कर रहे हैं। वहीँ आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि श्री प्रेमानंद महाराज जी से आप गुरु दीक्षा कैसे ले सकते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज से ऐसे ले सकते हैं आप गुरु दीक्षा

अगर आप प्रेमानंद जी महाराज से गुरु दीक्षा लेना चाहते हैं तो आपको उनके आश्रम जाना होगा और वहां उनके शिष्य से इस विषय पर बात करनी होगी। इसके बाद आपके इस विचार को प्रेमानंद जी महाराज तक पहुंचाया जायेगा और अगर वो इस बारे में पूछेंगे तब ही आपको दीक्षा मिलेगी। इसके बाद अगर आप नमसंकीर्तन में निपुण हैं और जब आप दिन 16 माला का जाप करने लगेंगें तभी आपको गुरु दीक्षा मिलेगी। इसके साथ ही साथ एक और बात ज़रूरी है और वो ये कि आपके घर में इसके लिए बाल राधा और बाल गोपाल का हों। अगर बाल राधा और बाल गोपाल आपके घर पर नहीं हैं तो आपको गुरु दीक्षा नहीं मिल पायेगी। इसके बाद जब आप नमसंकीर्तन 16 माला का जाप करने में निपुण हो जाएंगे तो इसके बाद आपको बाल राधा और बाल गोपाल की सेवा करने का अवसर मिलेगा वो भी 6 से 7 महीने तक इसके बाद आपको प्रेमानंद जी महाराज के पास जाएं वो आपको गुरु दीक्षा दे सकते हैं।

इसके साथ ही साथ आपको कुछ नियमों का भी कड़ाई से पालन करना होगा। जिसमे सबसे पहले अगर आप लहसुन-प्याज खाते हैं तो उसका त्याग करना होगा। माथे पर तिलक लगाना होगा। गले में कंठी होनी चाहिए साथ ही घर पर भी सात्विक भोजन बनना चाहिए। आपको इसके लिए ब्रह्मचारी होना जरुरी है साथ ही एकदासी का व्रत भी रखना होगा। और वृन्दावन जाना होगा।

Shweta Shrivastava

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