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चाणक्य की ये कुटनीतिज्ञ बातेें जो जीवन के हर मोड़ पर आ सकती हैं आपके काम

 कौटिल्य के बारे में यह कहा जाता है कि वह बड़ा ही स्वाभिमानी एवं क्रोधी स्वभाव का व्यक्ति था। एक किंवदंती के अनुसार एक बार मगध के राजा महानंद ने श्राद्ध के अवसर पर कौटिल्य को अपमानित किया था।

Vidushi Mishra
Published on: 26 Jun 2019 11:48 AM IST
चाणक्य की ये कुटनीतिज्ञ बातेें जो जीवन के हर मोड़ पर आ सकती हैं आपके काम
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नई दिल्ली : कौटिल्य के बारे में यह कहा जाता है कि वह बड़ा ही स्वाभिमानी एवं क्रोधी स्वभाव का व्यक्ति था। एक किंवदंती के अनुसार एक बार मगध के राजा महानंद ने श्राद्ध के अवसर पर कौटिल्य को अपमानित किया था। कौटिल्य ने क्रोध के वशीभूत होकर अपनी शिखा खोलकर यह प्रतिज्ञा की थी कि जब तक वह नंदवंश का नाश नहीं कर देगा तब तक वह अपनी शिखा नहीं बाँधेंगा। कौटिल्य के व्यावहारिक राजनीति में प्रवेश करने का यह भी एक बड़ा कारण था।

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राजनीति के प्रकांड पंडित कौटिल्य (आचार्य चाणक्य) ने दैनिक जीवन में कार्य, व्यवहार व आचरण से जुड़े महत्वपूर्ण नियम बताए थे, जो आज भी बेहद प्रासंगिक है। यदि आप अपने रोजमर्रा के जीवन में इन नियमों पर अमल करते हैं तो आप कई बड़ी परेशानियों से बच सकते हैं। आइए आज आपको बताते हैं कि दैनिक कार्य व्यवहार में किन चीजों से बचकर रहना चाहिए और किन चीजों को तत्काल छोड़ देना चाहिए।

उपसर्गेन्यचक्रे च दुर्भिक्षे ज भयावहे.असाधुजनसम्पर्के पलायति स जीवति।

चाणक्य नीति में इस श्लोक के जरिए कहा गया है कि अगर आपके आसपास दंगे का महल बन रहा है तो उस जगह को तत्काल छोड़ देने में ही भलाई है। यदि आप वहां मौजूद रहते हैं तो इससे केवल आपको नुकसान ही पहुंचेगा। इसके साथ ही ये भी हो सकता है कि आपको पुलिस और प्रशासन के सवालों का भी सामना करना पड़े।

आचार्य चाणक्य ने कहा कि अगर कोई राजा अपनी पूरी सेना के साथ आपके राज्य पर चढ़ाई कर दे तो भलाई इसी में है कि आप अपने प्राणों की रक्षा करने के लिए समय रहते वहां से निकल जाएं।

चाणक्य नीति के अनुसार, अगर किसी राज्य में सूखा पड़े और जमीन बंजर हो जाए तो उस जगह को तत्काल छोड़ देना चाहिए। इस हालात में खाने-पीने की कमी होने से जान जा सकती है।

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श्लोक की अंतिम पंक्ति का अर्थ है कि समाज में कई तरह के व्यवहार वाले लोग रहते हैं। कुछ ऐसे भी होते हैं जिनका चरित्र और व्यवहार पूरी तरह संदिग्ध होता है। ऐसे लोग भरोसे के लायक नहीं होते हैं। ऐसे लोगों का साथ करने से केवल नुकसान ही होता है और समस्याएं बढ़ती हैं।



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Vidushi Mishra

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