×

क्या है शाकाहारी कंडोम, जानें इसकी खासियत के बारे में

आपने बहुत से कंडोम के बारे में सुना होगा या देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी शाकाहारी कंडोम (vegetarian condom) के बारे में सुना है।

Roshni Khan
Published on: 24 Dec 2019 5:24 AM GMT
क्या है शाकाहारी कंडोम, जानें इसकी खासियत के बारे में
X

लखनऊ: आपने बहुत से कंडोम के बारे में सुना होगा या देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी शाकाहारी कंडोम (vegetarian condom) के बारे में सुना है। अगर नहीं सुना तो हम आपको बताते हैं शाकाहारी कंडोम के बारे में।

ये भी देखें:अभी-अभी फिर दहकी दिल्ली: भीषण आग की चपेट में दो फैक्ट्रियां, रेस्क्यू जारी

पार्टनर के साथ फिजिकल होते टाइम अनचाही प्रेगनेंसी को रोकने और सेक्सुअल डिसीज से बचने के लिए लोग कंडोम यूज़ करते हैं। मार्केट में कई तरह के फ्लेवर्ड और डॉटेड कंडोम पहले से ही मौजूद हैं। लेकिन क्या आपने कभी दुकानवाले से कहा है कि भैया शाकाहारी कंडोम देना? तो आइए जानते हैं क्या होते हैं शाकाहारी कंडोम...

एक वेबसाइट के मुताबिक, पहले के टाइम में कंडोम बनाने के लिए भेड़ की आंत का यूज़ होता था। लेकिन इसके बाद कंडोम को बनाने में पशुओं में पाए जाने वाले प्रोटीन 'केसीन' का यूज़ होने लगा। असल में, कंडोम को जिस रबड़ से बनाया जाता था उसे पतला करने के लिए पशुओं के प्रोटीन केसीन का यूज़ होता है। लेकिन शाकाहारी और पर्यावरण प्रेमी लोग इस कंडोम के यूज़ से बचना चाहते हैं। ये खास वजह है कि मार्केट में शाकाहारी कंडोम की मांग है।

शाकाहारी कंडोम-

फिलिप सीफ़र और वाल्डेमर ज़ाइलर ने शाकाहारी कंडोम का निर्माण किया है। इनकी कंपनी का नाम आइन्हॉर्न है। इस कंडोम की ख़ास बात ये हैं कि बाकी कंडोम की तरह इन्हें पशुओं के प्रोटीन 'केसीन' से नहीं बनाया जाता है। फिलिप सीफ़र और वाल्डेमर ज़ाइलर ने शाकाहारी कंडोम बनाने के लिए पेड़ों से मिलने वाली प्राकृतिक चिकनाई का यूज़ किया है। कंडोम को नर्म बनाने के लिए इसकी चिकनाई का यूज़ किया जाता है।

ये भी देखें:जियो का ‘2020 Happy New Year’ ऑफर: मिलेगा इतना कुछ, जल्दी देखें यहां

आइन्हॉर्न कंपनी द्वारा बनाए गए इन शाकाहारी कंडोम को खरीदने वाले कस्टमर्स की उम्र लगभग 20 से 40 साल के बीच है। इनमें से 60 फ़ीसदी ख़रीदारी महिलाएं हैं। शाकाहारी कंडोम बनाने के लिए पिछले 30 सालों में कंपनी ने रबड़ के पेड़ को बड़ी मात्रा में थाईलैंड के छोटे किसानों द्वारा लगवाया है। इन पेड़ों के बागानों में कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं होता है।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story