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भारत के ये 5 रहस्य! आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए इसको

'भारत' एक ऐसा देश है जो रहस्यों से भरा है। यहां कई ऐसे स्थान हैं जिनके रहस्य आज भी अनसुलझे हैं। यहां कई मानव निर्मित और प्राकृतिक चमत्कार मौजूद हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के 5 अनसुलझे रहस्य के बारे में....

Shivakant Shukla
Published on: 31 Jan 2020 5:41 PM IST
भारत के ये 5 रहस्य! आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए इसको
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नई दिल्ली: 'भारत' एक ऐसा देश है जो रहस्यों से भरा है। यहां कई ऐसे स्थान हैं जिनके रहस्य आज भी अनसुलझे हैं। यहां कई मानव निर्मित और प्राकृतिक चमत्कार मौजूद हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के 5 अनसुलझे रहस्य के बारे में....

(1.) लटकता हुआ खम्भा

आंध्रप्रदेश के लेपाक्षी मंदिर में एक खम्‍भा हवा में लटका हुआ है लेकिन फिर भी पूरे मंदिर का भार संभाले हुए है। आपको ये बात हैरान जरूर कर रही होगी लेकिन ये बिलकुल सच है। बता दें कि लेपाक्षी मंदिर को 'हैंगिंग टेम्पल' भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मंदिर में कुल 70 खम्भे हैं जिसके आधार पर ये बना हुआ है लेकिन इन 70 खम्भो में एक खम्भा ऐसा है जो हवा में लटका हुआ है। इस मंदिर को वीरभद्र मंदिर नाम से भी जाना जाता है।

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ग्रंथो की मानें तो इस मंदिर को ऋषि अगस्त्य ने बनवाया था लेकिन कुछ लोगों का ये भी कहना है कि 1583 में विजयनगर साम्राजय में काम करने वाले दो भाई विरुपन्ना और वीरन्नाने ने बनाया था। इस मंदिर के एक भाग में पैर का ऐ बड़ा निशान है। कुछ लोग कहते है कि ये भगवान श्री राम के पांव है तो कुछ का मानना है कि ये निशान माता सीता का है।यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि इन झूलते हुए खम्भों के नीचे से कपड़ा निकालने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

(2.) तैरते हुए पत्थरों का रहस्य

हिंदू पौराणिक कथाओं में यह वर्णन है की, रावण से अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए, भगवान राम ने रामेश्वरम से एक फ्लोटिंग पुल का निर्माण पाक स्ट्रेट में श्रीलंका तक किया था। यह पुल राम सेतु या एडम ब्रिज के रूप में जाना जाता है।

चौंकाने वाली बात यह है की, इस क्षेत्र के आसपास पाए गए कुछ पत्थर सामान्य पत्थरों की उपस्थिति में होते हुए भी पानी में डालते समय तैरते हैं। इस तरह के फ्लोटिंग पत्थरों की घटना के पीछे कारण अभी तक विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा अध्ययन किए जाने के बावजूद पहचाना नहीं जा सका है।

(3.) महाबलीपुरम की बेलेंसिंग चट्टान

महाबलीपुरम दक्षिण भारत के शहर चेन्‍नई से लगभग 60 किलो मीटर की दूरी पर बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित एक मंदिर कस्‍बा है। प्रांरभ में इस शहर को मामल्लापुरम कहा जाता था. महाबलीपुरम के मंदिर अपनी नक्काशियों के लिए खासा जाने जाते हैं। इन मंदिरों में वाराह मंडपम, कृष्णा मंडपम, पांच रथ और शोर टेम्पल मुख्य रूप से दर्शनीय है। यहाँ पत्थरों को काटकर बनाई गई चट्टानें भी देखने योग्य हैं।

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लोगों का मानना है कि,यहां के पत्थर भगवान कृष्ण के मक्खन का मटका था जो आसमान से गिरा है। अब यह महाबलीपुरम में एक विशाल चट्टान के रूप में ऐसी ढलान पर रखा है, जिसे देखकर लोग चौंक जाते हैं। दरअसल, यह पत्थर एक तीव्र ढलान के किनारे पर रखा है। देखने पर लगता है की, यह पत्थर कभी भी लुढ़क सकता है।

(4.) जुड़वां बच्चों का गावं

आपको जानकार यह हैरानी होगी कि भारत में एक गाँव ऐसा भी है जहां तकरीबन 350 जुड़वा जोड़े रहते हैं। बड़ी संख्या में इस गाँव में जुड़वा लोग होने के कारण यह गाँव "जुड़वों का गाँव" का गाँव भी कहलाता है। बड़ी बात यह है कि इस गाँव में नवजात शिशु से लेकर 65 साल के बुजुर्ग तक शामिल हैं।

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भारत में यह गाँव है केरल के मलप्पुरम जिले में और इस गाँव का नाम है कोडिन्ही गाँव। असल में कोडिन्ही गाँव एक मुस्लिम बाहुल्य गाँव है। वहीं, वर्ष 2008 में इस गाँव में 300 बच्चों पर 15 जुड़वा बच्चे जन्मे थे। यह आंकड़ा एक साल में जन्मे सबसे अधिक जुड़वा बच्चों में है। बड़ी बात यह है कि इस गाँव में चाहे स्कूल हो, बाजार हो हर जगह जुड़वा बच्चे नजर आते हैं।

(5.) भानगढ़ का किला

भानगढ़ का जिसे भूतों को किला कहा जाता है। जिसका नाम सुनते ही कई लोगो डर भी जाते है। इसे आम बोलचाल की भाषा में भूतों का भानगढ़ कहा जाता है। भानगढ का किला राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है।

माना जाता है कि 16वीं शताब्दी में यह बसा था और 300 साल तक भानगढ खूब फलता रहा, लेकिन उसके बाद तो इसमें ऐसा कुछ हुआ कि आज ये वीरान पड़ा हुआ है।



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Shivakant Shukla

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