पापड़ बड़ी कब बनाये बताता है ये दिवस

विश्व मौसम विज्ञान के दिवस हम दुनिया भर में सभी विशेषज्ञों द्वारा मौसम विज्ञान में हो रहे परिवर्तन पर विचार विमर्श किया जाता है तथा हो रहे नए परिवर्तनों को समाज के सामने लाकर समाज को जागरूक बनाया जाता है|

Newstrack
Published on: 23 March 2021 7:16 AM GMT
पापड़ बड़ी कब बनाये बताता है ये दिवस
X
विश्व मौसम विज्ञान दिवस पर राजीव गुप्ता जनस्नेही का लेख (PC: social media)

Rajiv Gupta Janasnehi

राजीव गुप्ता जनस्नेही

लखनऊ: आज 23 मार्च 2021 को हम विश्व मौसम विज्ञान दिवस के विषय में और मौसम विज्ञान मे हो रहे परिवर्तन के बारे में ना केवल जागरूक करेंगे बल्कि विषय की विस्तार से बात करेंगे।

ये भी पढ़ें:US बॉर्डर पर हजारों नाबालिग, बढ़ रही प्रवासियों की संख्या, सरकारी आंकड़ो से खुलासा

मौसम विज्ञान क्या है

हम सब लोग रेडियो ,टीवी अखबार ,अनेक संचार साधनों से मौसम विभाग द्वारा दी गई सूचनाओं ,भविष्यवाणियों ,आने वाले बाढ़ ,भूकंप ,बरसात ,आदि का अनुमान पढ़कर या सुनकर अपने दिनचर्या व रहन-सहन किस समय कितनी ठंड पड़ेगी उस हिसाब से अपने को व्यवस्थित करते हैं |ग्रहलक्ष्मी के कपड़े व पापड़ बड़ी आदि बनाने तक में काम करता है ।इसी मौसम विज्ञान के माध्यम से हम यातायात के अनेक साधन सड़क हो वायुयान हो या नौकायान हो समुद्री तट पर चलने वाले जहाजों का सभी का दिशानिर्देश व आगे रास्ते की स्थिति का ज्ञान भी इसी मौसम विज्ञान के माध्यम से किया जाता है |अंग्रेजी में इसे मेट्रोलॉजी कहते हैं|

विश्व मौसम विज्ञान( मेट्रोलॉजी)कैसे मनाते

विश्व मौसम विज्ञान के दिवस हम दुनिया भर में सभी विशेषज्ञों द्वारा मौसम विज्ञान में हो रहे परिवर्तन पर विचार विमर्श किया जाता है तथा हो रहे नए परिवर्तनों को समाज के सामने लाकर समाज को जागरूक बनाया जाता है| विश्व मौसम विज्ञान दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष मौसम विज्ञान की शोध करने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों को पुरस्कृत किया जाता है|इन पुरस्कारों में प्रोफेसर डॉ. विल्हो वाईसाईला अवार्ड, इंटरनेशनल मेटरोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन प्राइज और द नोर्बर्ट गेरबीयर- मुम्म इंटरनेशनल अवार्ड शामिल हैं|इस दिवस पर देश के विभिन्न हिस्सों में बैठकें, संगोष्ठियां और अन्य कार्यक्रम होते हैं जिनमें मौसम वैज्ञानिक आपस में विचार एवं अनुभव भी बांटते हैं|

कैसे हुई इस इस दिवस की शुरुआत

विश्व मौसम विज्ञान संगठन एक मौसम विज्ञान संगठन है |जिसे 11 अक्टूबर 1947 को एक संधि के बाद इस दिवस की शुरुआत 30 मार्च सन 1950 को विश्व मौसम संगठन संयुक्त राष्ट्र के एक विभाग के रूप में स्थापित हुआ तथा मुख्यालय जिनेवा ,स्विट्जरलैंडमें रखा गया ।अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन वर्ष 1951 में संयुक्त राष्ट्र का विशेष एजेंसी बना था ।विश्व मौसम संगठन में कुल 151 देश एवं क्षेत्र हैं ।विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा हर वर्ष एक बिषय रखता है|

कैसे करता है यह काम

विश्व भर में जलवायु परिवर्तन को बेहतर समझने के लिए अंतरिक्ष में बड़ी संख्या में उपग्रह लगाए जाते हैं |इससे वैज्ञानिक मौसम और जल विज्ञान का अध्ययन करते रहते हैं यह दिवस आपदा जोखिम को कम करने में शुरुआती चेतावनी एक महत्वपूर्ण बिंदु है| कई खतरों की चेतावनी है जैसे बाढ़,तूफान और अन्य बड़े खतरों को घटाने में काफी पहले सूचना देकर उसका समाधान करने के लिए सक्षम बनाती है |इस दिवस पर हर देश विभिन्न हिस्सों में बैठक संगोष्ठी और अन्य कार्यक्रम होते हैं जिसमें मौसम विज्ञान आपस में विचार एवं अनुभवों को बांटते हैं|

लाभ

समय समय पर आने वाली बाढ़, सूखा, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा ही नहीं वरन वर्षा की स्थिति चक्रवातों की संभावनाएं एवं हवाई यातायात, समुद्री यातायात आदि को मौसम की सटीक जानकारी प्रदान कर सहायता करना है| उच्च तकनीक से युक्त कृत्रिम उपग्रहों एवं कंप्यूटरों के माध्यम से हम मौसम की सटीक जानकारी पाने के और अग्रसर हुए हैं कृत्रिम उपग्रहों द्वारा भेजे जाने वाली उच्च स्तर के चित्रोंतथा उनके द्वारा फिल्टर की गई जानकारियों से हम फसलों का उनका रकबा फसल का प्रकार इत्यादि हम आसानी से जान सकते हैं| यही नहीं मौसम विभाग विभिन्न शहरों के उच्चतम निम्नतम तापमान आर्द्रता वहां का प्रदूषण का स्तर भी भलीभांति पूर्वक बता सकता है।

ये भी पढ़ें:बैंकों को राहत: लोन मोरेटोरियम मामले में SC का फैसला- ब्याज माफी संभव नहीं

यह आदमी के जीवन में सीधी तोर पर मदद करता है मौसम विज्ञान की अनेक ऐप्लिकेशन आपके स्मार्ट फ़ोन पर उपलब्ध हैं| रहीम का का दोहा है देखन में लगे छोटा पर घाव करे गंभीर आपको मौसम विज्ञान दिवस की बहुत

Newstrack

Newstrack

Next Story