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दुनिया को बड़े आर्थिक संकट की ओर ले जा रहा कोरोना, भारत को इतना नुकसान
मोटे तौर पर कोरोना के असर से भारत की विकास दर में .4 फीसद की गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। कोरोना के बाद वित्तीय वर्ष 2020 में भारत की अर्थ व्यवस्था में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद की जा रही है, पूर्व-कोरोना की स्थिति में यह अनुमान 5.7 प्रतिशत था। यानी भारत की विकास दर पर आधा फीसद का असर पड़ेगा।
रामकृष्ण वाजपेयी
कोरोना वायरस के व्यापक होने के साथ कामकाज और अर्थ व्यवस्था पर उसका असर तेजी से बढ़ रहा है। 12 मार्च को, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने यूरोपीय संघ से अमेरिकी यात्रा पर 30 दिनों के प्रतिबंध का एलान किया है। शेयर मार्केट में अभूतपूर्व गिरावट आई है। इन सब को देखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस का आर्थिक प्रभाव क्या पड़ेगा इस विषय पर बात करना जरूरी हो जाता है।
कोरोना वायरस के बारे में अनिश्चितता है कि यह कितना फैलेगा या कब जाएगा। ऐसे में आर्थिक प्रभाव को निर्धारित करना बहुत दूर की कौड़ी है। लेकिन मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 2019-2020 और 2020-2021 में विकास दर नीचे गिरते हुए दिख रही है।
मोटे तौर पर कोरोना के असर से भारत की विकास दर में .4 फीसद की गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। कोरोना के बाद वित्तीय वर्ष 2020 में भारत की अर्थ व्यवस्था में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद की जा रही है, पूर्व-कोरोना की स्थिति में यह अनुमान 5.7 प्रतिशत था। यानी भारत की विकास दर पर आधा फीसद का असर पड़ेगा।
कोरोना का असर दो चीजें अहम
मोटे तौर पर कोरोना वायरस को दो नजरियों से देखा जा सकता है पहला तो यह कि जिन देशों में कोरोना वायरस फैल गया है वहां उत्पादन और उत्पादकता का जबर्दस्त नुकसान होगा। दूसरा यह कि जहां वायरस पहुंच गया है लेकिन अभी व्यापक नहीं है वहां आर्थिक गतिविधियों में इसका असर मंदी तक रहेगा।
अब इसमें भी दो बातें हो सकती हैं यदि कोरोना वायरस और तेजी से फैलता है तो वैश्विक स्थिति और खराब होगी लेकिन अगर यह थम जाता है तो इसका प्रभाव कुछ सीमित क्षेत्रों में ही दिखायी देगा।
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संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस की महामारी से भारत का 34.8 करोड़ डॉलर यानी 2,540 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित होने की आशंका जताई गई है। भारत कोरोना वायरस की वजह से आर्थिक तौर पर प्रभावित होने वाले शीर्ष 15 देशों में शामिल है।
50 अरब डालर से अधिक का नुकसान अनुमानित
विकास और व्यापार पर संयुक्तराष्ट्र के सम्मेलन की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से चीन के विनिर्माण क्षेत्र को बड़ा धक्का लगा है। इससे दुनियाभर की आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्यात में 50 अरब डॉलर की कमी आने की आशंका है। इसकी वजह से मशीनरी, वाहन और संचार उपकरण विनिर्माण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
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कोरोना वायरस के प्रकोप से यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था पर 15.6 अरब डॉलर, अमेरिका पर 5.8 अरब डॉलर, जापान पर 5.2 अरब डॉलर, दक्षिण कोरिया पर 3.8 अरब डॉलर, ताइवान पर 2.6 अरब डॉलर और वियतनाम पर 2.3 अरब डॉलर का प्रभाव पड़ने की आशंका जताई गई है।
भारत का 34.8 करोड़ डॉलर का व्यापार प्रभावित
भारत का 34.8 करोड़ डॉलर का व्यापार प्रभावित होने की आशंका है। भारत पर कोरोना का असर यूरोपीय संघ, अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया से कम माना जा रहा है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि भारत की चीन पर निर्भरता बहुत कम है।
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अनुमान के मुताबिक कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव भारत के रसायन क्षेत्र पर 12.9 करोड़ डॉलर, कपड़ा क्षेत्र पर 6.4 करोड़ डॉलर, वाहन क्षेत्र पर 3.4 करोड़ डॉलर, इलेक्ट्रिक मशीनरी क्षेत्र पर 1.2 करोड़ डॉलर, चर्म उत्पाद क्षेत्र पर 1.3 करोड़ डॉलर, धातु एवं धात्विक उत्पाद क्षेत्र पर 2.7 करोड़ डॉलर और फर्नीचर क्षेत्र पर 1.5 करोड़ डॉलर पड़ने की आशंका है। इसके अलावा पर्यटन क्षेत्र पर भी कोरोना वायरस का बहुत ही बुरा असर पड़ने की संभावना है।