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कोरोना के डर से यूरोप में शट डाउन, लेकिन ब्रिटेन में सब नार्मल
कोरोना वायरस के कहर के बीच ब्रिटेन में अलग ही स्थिति है। जहां यूरोप समेत दुनिया के सभी हिस्सों में बड़े पैमाने पर बंदी कर दी गयी हैं वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अलग ही रास्ता अख्तियार किये हुए हैं।
नीलमणि लाल
लखनऊ: कोरोना वायरस के कहर के बीच ब्रिटेन में अलग ही स्थिति है। जहां यूरोप समेत दुनिया के सभी हिस्सों में बड़े पैमाने पर बंदी कर दी गयी हैं वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अलग ही रास्ता अख्तियार किये हुए हैं।
यूरोप के देशों में स्कूल-कालेज, सिनेमा हाल, मॉल, रेस्तरां, बार, खेल आयोजन वगैरह बंद कर दिए गए हैं, लेकिन ब्रिटेन में सब कुछ खुला हुआ है। सरकार ने सिर्फ उन लोगों को घर के भीतर रहने को कहा है जिनमें वायरस संक्रमण के लक्षण हैं।
बोरिस जॉनसन के सरकार का तर्क है कि बड़े पैमाने पर बंदी करने से वायरस का फैलाव रुकने वाला नहीं है. इसलिए बड़ी आबादी को एक्स्पोज़ करने से लोगों में इम्युनिटी पैदा होगी जिससे भविष्य में होने वाले संक्रमणों को सीमित किया जा सकेगा।
ब्रिटिश सरकार की रणनीति से वैज्ञानिक, चिकित्सक, और ब्य्रोक्रेट्स हैरान हैं और सरकार से उसके तर्क का खुलासा करने को कह रहे हैं। ब्रिटेन में कोरोना वायरस अचानक तेजी से फैला है और संक्रमित लोगों की संख्या दस हजार तक बताई जा रही है।
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यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के महामारी विशेषज्ञ फ्रंकोइस बल्लोऊ का कहना है कि दुनिया का कोई भी देश कोरोना महामारी से इस तरह नहीं निपट रहा, लेकिन ये कोई बेवकूफी वाला का निर्णय नहीं है। ये वाकई में काम कर सकता है।
दरअसल, ब्रिटिश सरकार इस विचार के पक्ष में है कि व्यापक बंदी से बहुत प्रभावशाली उपाय नहीं होने वाला है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बड़े इवेंट्स से वायरस फैलने का ख़तरा कम है जबकि बार या घरों में एकत्र लोगों के बीच वायरस फैलने का ख़तरा कहीं ज्यादा है। विशेषज्ञ ये भी कह रहे हैं कि सरकार ने खांसी और तेज बुखार से पीड़ित लोगों को हफ्ते भर तक घर पर ही रहने की सलाह ठीक ही दी है। इससे वायरस का फैलाव काफी हद तक रोका जा सकेगा।
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ब्रिटिश सरकार के सलाहकार एक और विवादास्पद थ्योरी का सहारा लिए हुए हैं कि जनसंख्या के बड़े हिस्से को कोरोना वायरस के प्रति एक्सपोज़ करने से लोगों में इम्युनिटी पैदा होगी और अगली सर्दियों में दोबारा आने वाले इस वायरस से बेहतर तरीके से निपटा जा सकेगा।
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इंग्लैंड के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार सर पैट्रिक वैलेंस ने कहा है कि सरकार एक तरह की समूह इम्युनिटी पैदा करने की दिशा में देख रही है ताकि अधिक से अधिक लोग इस बीमारी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता वाले हो जाएं और परिणामस्वरूप हम इसका प्रसार घटा सकें। जिस तरह से व्यापक टीकाकरण बीमारी का प्रसार रोक सकता है और जो लोग इम्यून नहीं हैं उनका भी बचाव करता है उसे समूह इम्युनिटी कहते हैं।
पैट्रिक वैलेंस का कहना है कि ब्रिटेन की 60 फीसदी आबादी को संक्रमित होना पड़ेगा तभी अगली सर्दियों में इस वायरस का प्रकोप कमजोर होगा।