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Independence Day 2023: शिक्षा से मिलती है विचारों की आज़ादी
Independence Day 2023: अगर हम महिलाओं की बात करें तो उनके जीवन में स्वतंत्रता न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को आकार देने में मदद करती है, बल्कि समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।
Independence Day 2023: आज देश अपना 77 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है । आज हम स्वतंत्र राष्ट्र हैं लेकिन यह सोचने का एक गंभीर विषय है कि आजादी के इतने वर्षों के बाद भी क्या वाकई हम समाज की रूढ़िवादी सोच से आज़ाद हो पाए हैं?हम जिस सामाजिक प्रष्ठभूमि से आते हैं वहाँ पर आज भी हम विभिन्न रूढ़िवादी सोच और विचारों में कैद हैं ।
देश में अभी भी ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें मूलभूत सुविधाओं और अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ता है । अगर हम महिलाओं की बात करें तो उनके जीवन में स्वतंत्रता न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को आकार देने में मदद करती है, बल्कि समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । स्वतंत्रता का मतलब यह है कि उन्हें स्वाधीनता और समानता की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिले और वो समाज में आगे बढ़ते हुए अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें ।
किशोरी का जीवन में स्वतंत्रता का महत्वपूर्ण योगदान
लखनऊ के गोसाईगंज ब्लॉक में स्थित सुरैयामऊ गाँव की शांति भी ऐसी ही एक किशोरी हैं जिसके जीवन में स्वतंत्रता का महत्वपूर्ण योगदान है । शांति को आज से कुछ वर्ष पूर्व 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़ना पड़ा क्योंकि उसके गाँव में जो स्कूल था उसमें 10 वीं कक्षा तक ही पढ़ाई होती थी| आगे की पढ़ाई के लिए छात्रों को 10-12 किलोमीटर दूर दूसरे गाँव के स्कूल में जाना पड़ता था इसलिए जब शांति ने अपने घर में आगे की पढ़ाई करने का प्रस्ताव रखा तो उसे फौरन ही मना कर दिया गया कि अकेली लड़की के लिए 10-12 किलोमीटर दूर दूसरे स्कूल में जाना सुरक्षित नहीं होगा । यहाँ यह ध्यान रखने वाली बात यह है कि आज भी महिलाओं की गतिशीलता को लेकर सुरक्षा को एक बड़ा मुद्दा बनाया जाता है और उन्हें बाहर आने-जाने को ले कर रोक लगाई जाती है ।
इसी दौरान ब्रेकथ्रू के कार्यक्रम से जुड़ने के दौरान शांति को अपने बुनियादी अधिकारों के बारे में जानकारी मिली| इस जानकारी को ले कर शांति ने अपने परिवार के लोगों से बातचीत करी और उन्हें समझाया कि क्यों पढ़ाई जीवन में जरूरी है और उसने यह भी कहा कि वो पढ़ाई ज़रूर करेगी भले ही उसे प्राइवेट एडमिशन क्यों ना लेना पड़े| यह बात कह कर उसने अपना एडमिशन घर के पास की एक कोचिंग में करवा लिया ।
कुछ समय बाद शांति और उसके कुछ दोस्तों ने देखा की गाँव में ऐसे बहुत से छात्र हैं जिनकी पढ़ाई स्कूल दूर होने कि वजह से छूट गई है और ऐसा इसलिए हो रह है क्योंकि गाँव का स्कूल में सिर्फ 10 वीं कक्षा तक ही पढ़ाई होती है । शांति और उसके दोस्तों ने इस समस्या के समाधान हेतु गाँव के प्रधान से चर्चा करी और उनके साथ मिल कर एक ज्ञापन भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिया । तो इस तरह से शांति ने ना सिर्फ़ अपनी पढ़ाई बल्कि अपने जैसे और भी छात्रों के लिए पढ़ाई की बेहतर व्यवस्था हेतु पहल करी । आज शांति अपने जैसे दूसरे छात्रों के लिए एक मिसाल की तरह है जहाँ अब वो पढ़ाई छूटने वाले हर छात्र को वापिस स्कूल ले जाने की प्रक्रिया में अपना योगदान दे रही है ।
ब्रेकथ्रू में उत्तर प्रदेश और झारखण्ड की राज्य प्रमुख कर्ति प्रकाश कहती हैं कि अगर आज के परिपेक्ष में देखा जाए तो शिक्षा,स्वास्थ्य जैसे मुद्दे आज़ादी को मुख्य तौर पर परिभाषित करते हैं । आज भी शांति जैसा आधी आबादी का एक बड़ा तबका अपनी इच्छा अनुसार पढ़ाई के अवसर नहीं प्राप्त कर पाता है और ना ही अपने मनपसंद करियर को लेकर कोई प्रयास कर पाता है । हमें यह समझने की जरूरत है कि हमें उन्हें यह स्वतंत्रता देने की ज़रूरत है ताकि वो अपने विकास के पथ को तय कर सकें और समाज को दिशा देने में अपना योगदान दे सकें ।
ब्रेकथ्रू इंडिया के बारे में:
ब्रेकथ्रू महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को अस्वीकार्य बनाने वाला संगठन है। हम कला, मीडिया, पॉप संस्कृति और सामुदायिक लामबंदी की शक्ति का उपयोग लोगों को एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए साहसिक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करने के लिए करते हैं जिसमें सभी लोग सम्मान, समानता और न्याय के साथ रहते हैं। हम अभूतपूर्व मल्टीमीडिया अभियान बनाते हैं जो मानव अधिकारों के मुद्दों को मुख्यधारा में लाते हैं और उन्हें दुनिया भर के व्यक्तियों और समुदायों के लिए प्रासंगिक और अत्यावश्यक बनाते हैं। ये, युवाओं, सरकारी अधिकारियों और सामुदायिक समूहों के साथ हमारे गहन प्रशिक्षण के साथ, नेताओं की एक नई निर्णायक पीढ़ी को प्रज्वलित करते हैं, जिससे उनके आसपास की दुनिया में बदलाव आता है।