TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

...तो कर्नाटक की इस बात के लिए कहा जा सकता है राजनीति तो वेश्या है

हम समझ रहे हैं कि कर्नाटक के नाटक का समापन हो गया। विधानसभा में विश्वास का प्रस्ताव क्या गिरा और मुख्यमंत्री डी. कुमारस्वामी ने इस्तीफा क्या दिया, देश के लोगों ने चैन की सांस ले ली लेकिन पिछले 18 दिन से चल रहे इस नाटक का यह पटाक्षेप या अंत नहीं है, बल्कि उसकी यह शुरुआत है।

Anoop Ojha
Published on: 25 July 2019 4:01 PM IST
...तो कर्नाटक की इस बात के लिए कहा जा सकता है राजनीति तो वेश्या है
X

डॉ. वेदप्रताप वैदिक

हम समझ रहे हैं कि कर्नाटक के नाटक का समापन हो गया। विधानसभा में विश्वास का प्रस्ताव क्या गिरा और मुख्यमंत्री डी. कुमारस्वामी ने इस्तीफा क्या दिया, देश के लोगों ने चैन की सांस ले ली लेकिन पिछले 18 दिन से चल रहे इस नाटक का यह पटाक्षेप या अंत नहीं है, बल्कि उसकी यह शुरुआत है।

यह भी पढ़ें......आजम खान पर बड़ी कार्रवाई, यूनिवर्सिटी से हटेगा अवैध कब्जा, चुकाने होंगे 3 करोड़

जद के अस्वाभाविक गठबंधन का राज कायम हो गया था

यह किसको पता नहीं था कि कांग्रेस+जद (से) गठबंधन की यह सरकार गिरनेवाली ही है। इसे बचाना पहले दिन से ही लगभग असंभव दिख रहा था। अब जिन तेरह विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं, उनका भाग्य तो अधर में लटका ही हुआ है, यह भी पता नहीं कि सिर्फ 6 के बहुमत से बननेवाली भाजपा सरकार कितने दिन चलेगी ? इसमें शक नहीं कि 14 महीने पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण कांग्रेस और जद के अस्वाभाविक गठबंधन का राज कायम हो गया था।

यह भी पढ़ें......बाल यौन शोषण मामले पर SC ने विशेष अदालतें गठित करने का दिया निर्देश

पहले दिन से ही गठबंधन के इस दूध में मक्खियां तैरने लगी थीं और अब जब लोकसभा चुनाव हुए तो इस गठबंधन का सूपड़ा लगभग साफ हो गया। कांग्रेस और जद (से) के जिन विधायकों ने दल-बदल किया है, वे कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने उनके निर्वाचन-क्षेत्रों की उपेक्षा की है, इसीलिए वे पार्टी छोड़ रहे हैं। उनका करारा जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने विधानसभा को बताया है कि किस विधायक को विकास के नाम पर कितने सौ करोड़ रु. दिए गए हैं।

यह भी पढ़ें......आम्रपाली फ्रॉड मामला: चार्जजशीट में धोनी का नाम, पत्नी साक्षी ने किया बड़ा खेल

सभी पार्टियों ने सिद्धांतों को ताक पर रख दिया है

उधर कांग्रेस आरोप लगा रही है कि इन विधायकों को भाजपा ने 40 करोड़ से 100 करोड़ तक प्रति व्यक्ति दिए हैं। दूसरे शब्दों में कर्नाटक में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हुई है। कर्नाटक में पहले उन पार्टियों ने हाथ से हाथ मिलाकर सरकार बनाई, जो चुनाव में एक-दूसरे पर गालियों की वर्षा कर रहे थे और अब भाजपा की जो नई सरकार बन रही है, वह उन लोगों के सहारे बन रही है, जो भाजपा, येदियुरप्पा और मोदी को पानी पी-पीकर कोसते रहे हैं। ऐसी स्थिति में जबकि सभी पार्टियों ने सिद्धांतों को ताक पर रख दिया है, आप किसको सही कहें और किसको गलत ?

यह भी पढ़ें......तीन तलाक पर सपा सांसद के विवादित बोल, बीवी को गोली मारने से बेहतर है दें तलाक

भर्तृहरि ने हजार साल पहले राजनीति को वारांगना (वेश्या) कहा था

गोवा में जो हुआ, वह इससे भी ज्यादा भीषण है। पैसों और पदों के खातिर कौन नेता और कौन दल कब शीर्षासन की मुद्रा धारण करेगा, कुछ नहीं कह सकते। सत्ता की खातिर कांग्रेस कब भाजपा बन जाएगी और भाजपा कब कांग्रेस बन जाएगी, कोई नहीं जानता। इसीलिए भर्तृहरि ने हजार साल पहले राजनीति को वारांगना (वेश्या) कहा था।



\
Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story