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कश्मीरी नेताओं का सफाया! 370 पर अमित शाह का बड़ा बयान
इन दोनों ही राज्यों महाराष्ट्र और हरियाणा में बीजेपी की सरकार है। दोनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव कई मायनों में खास है, क्योंकि बीते चार महीनों में राजनीति में काफी बदलाव हुआ जिसका असर इन चुनाव के नतीजों पर दिखेगा।
मुंबई: महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल बज चुका है। ऐसे में अब सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में लग गयी हैं। वहीं, बीजेपी ने भी अपना चुनावी अभियान शुरू कर दिया है। ऐसे में रविवार को मुंबई में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 और 35ए को हटाने के लिए वह एक कार्यकर्ता रहे हैं।
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शाह ने आगे कहा कि बीजेपी और जनसंघ तब से आर्टिकल 370 और 35ए का विरोध कर रही है, जब से ये अस्तित्व में आया है। देश के साथ कश्मीर के जुड़ाव में आर्टिक्ल 370 बाधा डाल रहा था। ऐसे में इसे हटाना ही बेहतर था। जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार बंद न हो जाये, इसलिए वहां के तीन परिवारों ने 370 को संभालकर रखा था। मगर अब 370 हटने के बाद वहां से परिवारवादी पार्टियों का सफाया होने वाला है।
देश को एक करने का सरदार पटेल ने किया काम
सरदार पटेल ने देश को एक करने का काम किया है। उनके मुताबिक, जब मेरा कार्यक्रम तय हुआ तो, उस समय न मुझे मालूम था और न ही पार्टी को कि जब ये कार्यक्रम होगा तो महाराष्ट्र चुनाव की घोषणा के बाद होने वाला सबसे पहला कार्यक्रम होगा। ये हर्ष का विषय है कि महाराष्ट्र चुनाव का श्रीगणेश आर्टिकल 370 को हटाने के परिचय के कार्यक्रम से हो रहा है।
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अमित शाह ने कहा कि पिछले दो-तीन दिन से कांग्रेस और एनसीपी वाले कहते हैं कि ये नहीं हुआ तो जीत जाएंगे, वो नहीं हुआ तो जीत जाएंगे। मैं कहना चाहता हूं कि कुछ भी हो जाए महाराष्ट्र में एनडीए की सरकार तीन चौथाई बहुमत के साथ बनाना तय है।
दो तरह की पार्टियां चुनावी मैदान में
उनके मुताबिक, महाराष्ट्र चुनाव में दो तरह की पार्टियां चुनाव के मैदान में हैं। एक ओर भारत मां को अपना सर्वस्व मानने वाली पार्टी भाजपा है और दूसरी ओर अपने परिवारों को अपना सर्वस्व मानने वाली कांग्रेस और एनसीपी है। अब महाराष्ट्र की जनता को तय करना है कि उन्हें राष्ट्रवादी पार्टी के साथ जाना है या परिवारवादी पार्टियों के साथ जाना है।
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अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि अनुच्छेद 370 एक राजनीतिक मुद्दा है। राहुल बाबा अब आप राजनीति में आ गए हैं, लेकिन भाजपा की तीन पीढ़ियों ने कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए अपनी जान दे दी है। यह हमारे लिए राजनीतिक मामला नहीं है, भारत माता को अविभाजित रखना हमारे लक्ष्य का हिस्सा है।
नहीं करनी थी असामयिक युद्धविराम की घोषणा
शाह ने कार्यक्रम में ये भी कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) का मुद्दा कभी होता ही नहीं अगर 1947 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने असामयिक युद्धविराम की घोषणा नहीं की होती। तब म्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी घुसपैठियों से भारतीय सेना दृढ़ता से लड़ रही थी।
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बता दें, शनिवार को चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। इन दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और 24 अक्टूबर को नतीजे आएंगे।
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इन दोनों ही राज्यों महाराष्ट्र और हरियाणा में बीजेपी की सरकार है। दोनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव कई मायनों में खास है, क्योंकि बीते चार महीनों में राजनीति में काफी बदलाव हुआ जिसका असर इन चुनाव के नतीजों पर दिखेगा।