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उपचुनाव से पहले ही एमपी भाजपा में महाभारत, भाजपा नेता ने विजयवर्गीय को घेरा

मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले ही भाजपा में महाभारत छिड़ गई है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत ने...

Ashiki
Published on: 28 Jun 2020 8:05 PM IST
उपचुनाव से पहले ही एमपी भाजपा में महाभारत, भाजपा नेता ने विजयवर्गीय को घेरा
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अंशुमान तिवारी

भोपाल: मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले ही भाजपा में महाभारत छिड़ गई है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय पर बड़ा आरोप लगाया है। शेखावत का आरोप है विजयवर्गीय ने 2018 में भाजपा को हराने में बड़ी भूमिका निभाई थी और वे एक बार फिर शिवराज सरकार को गिराने की कोशिश में लगे हुए हैं।

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मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष भंवर सिंह शेखावत को भी धार जिले के बदनावर सीट से 2018 में पराजय का मुंह देखना पड़ा था। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 114 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबकि भाजपा को 109 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। शेखावत की बदनावर सीट पर भी विधानसभा उपचुनाव होने वाला है मगर उपचुनाव से पहले ही शेखावत ने कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

भाजपा के खिलाफ बागी उम्मीदवार उतारे

शेखावत ने विजयवर्गीय को घेरते हुए आरोप लगाया 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने मालवा और निमाड़ इलाके की 10-12 सीटों पर भाजपा के बागियों को चुनाव लड़ाया था। इन बागियों के चुनाव मैदान में उतरने से भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवारों के वोटों में काफी कमी हुई। इस कारण पार्टी को 2018 में पराजय का मुंह देखना पड़ा। विजयवर्गीय ने बागी उम्मीदवारों को आर्थिक मदद भी पहुंचाई। शेखावत ने दावा किया की वे ही विजयवर्गीय को सियासत में लेकर आए थे, लेकिन उन्होंने मुझे ही बाहर का रास्ता दिखा दिया।

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शिवराज के खिलाफ रची साजिश

दरअसल शेखावत को बदनावर सीट से हारने से काफी धक्का लगा है और उनकी हार का प्रमुख कारण निर्दलीय उम्मीदवार राजेश अग्रवाल रहे जिन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण भाजपा से निलंबित कर दिया गया था। अग्रवाल ने करीब 30000 वोट हासिल कर शेखावत को चुनाव हरवा दिया था। शेखावत ने कहा कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कैलाश विजयवर्गीय 35 सीटों के प्रभारी थे। उन्होंने पूरी कोशिश की कि उनके प्रभार वाले इलाके में भाजपा को कम से कम सीटें मिलें ताकि शिवराज सिंह चौहान को सत्ता से बेदखल किया जा सके।

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सुमित्रा को भी हरवाने की कोशिश

शेखावत ने विजयवर्गीय पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने सुमित्रा महाजन को भी चुनाव हरवाने की कोशिश की क्योंकि वे इंदौर में किसी का पैर नहीं जमने देना चाहते। अपने बेटे को स्थापित करने के लिए उन्होंने ऊषा ठाकुर को इंदौर की सियासत से बाहर करके महू से टिकट दिलवाया। शेखावत ने कहा कि मैंने दूसरी विधानसभा सीट से टिकट मांगा था मगर विजयवर्गीय ने मुझे बदनावर से चुनाव लड़ने पर मजबूर किया। पश्चिम बंगाल के प्रभारी होने के बावजूद विजयवर्गीय हमेशा एमपी में ही सक्रिय बने रहते हैं और वे 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी पार्टी को हराने में जुटे हुए हैं।

भाजपा अध्यक्ष ने थमाया नोटिस

विजयवर्गीय पर शेखावत के इन आरोपों से साफ है कि मध्य प्रदेश भाजपा में भीतर ही भीतर चिंगारी सुलग रही है। शेखावत के इन आरोपों के बाद मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा ने उन्हें नोटिस थमा दिया है। शर्मा ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मेदारी दी गई है और पार्टी में अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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दूसरी ओर शेखावत ने अपने आरोपों की जांच कराने की चुनौती देते हुए कहा कि यदि विजयवर्गीय के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह पार्टी अध्यक्ष नड्डा से इस बाबत शिकायत करेंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा को मजबूत बनाने के लिए पार्टी को विजयवर्गीय के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

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