×

मोदी की बिहार रैलियां: JDU की टिकी निगाहें, इस मुद्दे पर पीएम के रुख का इंतज़ार

सूत्रों के मुताबिक, पहले चरण की सीटों के लिए प्रधानमंत्री की दो रैलियां आयोजित की जाएंगी जबकि बाकी दो अन्य चरणों के लिए 18 रैलियां आयोजित करने की योजना है।

Shivani
Published on: 10 Oct 2020 9:10 AM IST
मोदी की बिहार रैलियां: JDU की टिकी निगाहें, इस मुद्दे पर पीएम के रुख का इंतज़ार
X

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। बिहार में एनडीए के पक्ष में चुनावी फिजां बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उतरेंगे। राज्य में उनकी 20 रैलियों का कार्यक्रम तैयार किया गया है। भाजपा के साथ ही जदयू की भी नजर पीएम मोदी की रैलियों पर टिकी है। दरअसल एनडीए से बाहर होने वाली लोजपा की चुनाव में भूमिका और पार्टी की ओर से लगातार पीएम मोदी का महिमामंडन किए जाने के बाद जदयू को इस पूरे मामले पर पीएम मोदी के रुख का इंतजार है।

जदयू के खिलाफ लोजपा के उम्मीदवार उतारने और भाजपा के खिलाफ नरम रुख अपनाने से भी जदयू नेता आशंकित हैं। यही कारण है कि जदयू को इस पूरे मामले में पीएम के रुख का बेसब्री से इंतजार है।

बिहार में 20 रैलियां करेंगे मोदी

एनडीए और भाजपा में पीएम मोदी को सबसे स्टार प्रचारक माना जाता है और चुनावी फिजां को भाजपा के पक्ष में मोड़ने के लिए बिहार भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री की राज्य में 20 रैलियां कराने का कार्यक्रम बनाया गया है।

bihar-election-2020-Nitish kumar JDU waiting for PM Narendra modi rallies

राज्य भाजपा के सूत्रों का कहना है कि पहले चरण की सीटों के लिए प्रधानमंत्री की दो रैलियां आयोजित की जाएंगी जबकि बाकी दो अन्य चरणों के लिए प्रधानमंत्री की अठारह रैलियां आयोजित करने की योजना बनाई गई है।

ये भी पढ़ेंः कंगना बुरी फंस गईं: कोर्ट ने सुनाया ये फैसला, अब FIR दर्ज करने के आदेश

एनडीए में शामिल सभी दलों के नेता अपने चुनाव क्षेत्र में पीएम मोदी की रैलियां कराना चाहते हैं ताकि उनके पक्ष में चुनावी हवा बन सके।

लोजपा-जदयू में खींचतान के बाद पहला दौरा

देश में कोरोना संकट शुरू होने के बाद पीएम मोदी अधिकांश कार्यक्रमों में वर्चुअल तरीके से ही हिस्सा लेते रहे हैं। हाल के दिनों में उन्होंने कई बड़े कार्यक्रमों में वर्चुअल तरीके से ही हिस्सा लिया है। राम मंदिर के शिलान्यास के मौके पर वे अयोध्या पहुंचे थे। इसके अलावा अटल टनल का उद्घाटन करने के लिए भी उन्होंने हाल में हिमाचल प्रदेश का दौरा किया था।

Bihar_Elections_2020

हालांकि उनके दोनों कार्यक्रमों में कोरोना संबंधी गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया था। लोजपा और जदयू में खींचतान शुरू होने के बाद उनका बिहार का यह पहला दौरा होगा। इसलिए हर किसी की नजर पीएम मोदी की रैलियों पर टिकी हुई है।

चिराग का भाजपा को लेकर नरम रुख

लोजपा नेता चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर रुख अपना रखा है मगर उनका यह भी कहना है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का समर्थन करते हैं और लोजपा एनडीए का हिस्सा बनी रहेगी।

ये भी पढ़ेँ- मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार: बढ़ा दबाव, इन 6 मंत्रियों पर टिकी सारी जिम्मेदारी

उन्होंने जदयू के खिलाफ तो प्रत्याशी उतारने का एलान किया है मगर इसके साथ ही यह भी कहा है कि भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ पार्टी अपने प्रत्याशी नहीं लड़ाएगी। राज्य के सियासी हलकों में भाजपा और लोजपा की मिलीभगत की खबरें भी तैर रही हैं। यही कारण है कि जदयू नेताओं के भीतर एक आशंका पैदा हो गई है।

chirag paswan

केंद्रीय नेताओं की चुप्पी से उठे सवाल

लोजपा के खिलाफ भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेताओं ने तो तीखी टिप्पणियां की हैं मगर केंद्रीय स्तर के नेताओं ने इस मामले में अभी तक चुप्पी साध रखी है। इसके साथ ही भाजपा के कई नेता लोजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर रहे हैं।

जदयू के कोटे वाली सीटों पर लोजपा ने इन नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है। अभी तक लोजपा की ओर से भाजपा के 6 पूर्व नेताओं को टिकट दिया जा चुका है।

ये भी पढ़ेंः आतंकियों की भर्ती: शुरू हुई ऑनलाइन प्रक्रिया, पाकिस्तान से रची जा रही साजिश

ऐसे में यह सवाल भी उठ खड़ा हुआ है कि कहीं भाजपा लोजपा की मिलीभगत तो नहीं है। जदयू के नेता चाहते हैं कि पूरे मसले पर केंद्रीय नेतृत्व अपना रुख साफ करें। यही कारण है कि पीएम मोदी की रैलियों का इंतजार किया जा रहा है कि वे लोजपा को लेकर क्या रुख अपनाते हैं।

इसलिए भी पीएम की रैलियों का इंतजार

लोजपा के संस्थापक और दलितों पर मजबूत पकड़ रखने वाले केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद पीएम मोदी की रैलियों पर हर किसी की नजर टिकी हुई है। हर कोई यह जानना चाहता है कि पीएम मोदी अपनी रैलियों में पासवान के नाम और उनके योगदान की चर्चा करते हैं या नहीं।

bjp

पासवान ने अपने जीवनकाल में ही पार्टी की कमान अपने बेटे चिराग पासवान को सौंप दी थी और अब चिराग के सामने भी दलित वोट बैंक को सहेजने की बड़ी चुनौती आ गई है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि चिराग इस वोट बैंक को सहेज पाते हैं या इस वोट बैंक में दूसरे दलों की सेंधमारी होती है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



Shivani

Shivani

Next Story