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बिहार चुनाव: महागठबंधन में तेज हुई महाभारत, अब राजद और कांग्रेस में भिड़ंत
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के दो प्रमुख दलों में राजद- कांग्रेस के बीच तनाव बढ़ गया है। विवाद के कारण सीट बंटवारे की घोषणा टाल दी गई।
अंशुमान तिवारी
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के दो प्रमुख दलों में राजद और कांग्रेस के बीच सीटों की मारामारी तेज हो गई है। कांग्रेस की ओर से सभी 243 सीटों पर चुनावी तैयारी संबंधी बयान आने के बाद राजद ने भी अपना रुख कड़ा कर लिया है। राजद की ओर से सोमवार को कांग्रेस को दो टूक जवाब दिया गया कि उसे सिर्फ 58 विधानसभा सीटें और वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट ही लड़ने को दी जा सकती है।
पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि महागठबंधन में सीटों के बंटवारे में कांग्रेस को 70 सीटें मिल सकती हैं। महागठबंधन के दोनों प्रमुख दलों के बीच पैदा हुए इस ताजा विवाद के बाद सीट बंटवारे की घोषणा टाल दी गई है।
कांग्रेस को सिर्फ 58 सीटें
कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय के 243 विधानसभा सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों की सूची तैयार होने के बयान के बाद राजद ने भी अपना रुख साफ कर दिया है। राजद का कहना है कि कांग्रेस को 58 विधानसभा सीटें और वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट ही मिलेगी।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने साफ शब्दों में राजद का पक्ष रखते हुए कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और वह देश भर में चुनाव लड़ती है। राजद बिहार बेस्ड पार्टी है और उसका अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का स्वाभाविक हक बनता है।
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उन्होंने यह भी दावा किया कि महागठबंधन में किसी प्रकार का मतभेद नहीं है और सबकुछ ठीक चल रहा है जबकि एनडीए में घर के चिराग से ही आग लगी हुई है। उनका इशारा लोजपा के मुखिया चिराग पासवान की ओर था।
महागठबंधन में सीटों की मारामारी
सियासी जानकारों का कहना है कि महागठबंधन में सीटों को लेकर अंतिम तालमेल नहीं बन पा रहा है। सीटों की लड़ाई के कारण ही जीतन राम मांझी ने महागठबंधन को छोड़कर एनडीए से हाथ मिला लिया है, जबकि उपेंद्र कुशवाहा की अगुवाई वाली रालोसपा की विदाई भी लगभग तय मानी जा रही है। महागठबंधन में शामिल वाम दलों की ओर से भी सीटें बढ़ाने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है। भाकपा माले भी सीटों में बदलाव की मांग कर रही है। मुकेश साहनी की वीआईपी की ओर से भी सीटों की मारामारी तेज कर दी गई है।
राजद और कांग्रेस के बीच विवाद बढ़ा
सूत्रों के मुताबिक कुछ समय पहले तक राजद और कांग्रेस की बातचीत पटरी पर चल रही थी मगर हाल के घटनाक्रमों से दोनों पार्टियों के बीच विवाद बढ़ गया है। हालांकि दोनों दलों के नेताओं की ओर से मामला जल्द समझने की बात कही जा रही है मगर विवाद सुलझने के बजाय और उलझता ही जा रहा है।
भाजपा का महागठबंधन पर बड़ा हमला
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने विपक्षी दलों पर बड़ा हमला बोला है। भाजपा नेता और बिहार सरकार में मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि विपक्षी दलों को सीटों पर खड़ा करने के लिए दमदार प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे हैं।
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विपक्षी दल जुगाड़ तकनीक में लगे हुए हैं जबकि जुगाड़ के सूरमाओं के बल पर कोई भी जंग नहीं जीती जा सकती। उन्होंने कहा कि बिहार को जुगाड़ वाले नेता नहीं बल्कि डबल इंजन की सरकार चाहिए।
दूसरे दलों के नेताओं का स्वागत
भाजपा नेता ने कहा कि राजद के बड़बोले नेता दूसरे दलों के नेताओं का स्वागत करने को उतावले दिख रहे हैं। जो लोग अपने दलों के नेताओं की इज्जत नहीं करते, उन्हें दूसरे दलों के लोग अच्छे लगने लगे हैं।
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उन्होंने कहा कि राज्य के मतदाताओं को राजद के दिखावों और चालों से सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब सभी दलों के लोग राजद की हकीकत जान गए हैं। इसलिए कोई भी राजद में नहीं जाने वाला।
फिरोज हुसैन ने थामा जदयू का दामन
इस बीच पूर्व मंत्री और राजद मुखिया लालू प्रसाद के खास माने जाने वाले इलियास हुसैन के पुत्र फिरोज हुसैन ने जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली। जदयू सांसद आरसीपी सिंह ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। फिरोज को जदयू की सदस्यता दिलाने के लिए आयोजित समारोह में उनके काफी संख्या में समर्थक भी मौजूद थे। इन समर्थकों ने भी फिरोज के साथ ही जदयू का दामन थाम लिया।
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