इस पार्टी के कांग्रेस में विलय का भारी विरोध, कई मंत्री सोनिया के प्रस्ताव के खिलाफ

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) के कांग्रेस में विलय के मुद्दे पर पार्टी में गहरे मतभेद उभर गए हैं। कांग्रेस के एक बड़े धड़े ने पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस प्रस्ताव पर अपना विरोध जताया है।

Dharmendra kumar
Published on: 3 Jun 2020 7:16 PM GMT
इस पार्टी के कांग्रेस में विलय का भारी विरोध, कई मंत्री सोनिया के प्रस्ताव के खिलाफ
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नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) के कांग्रेस में विलय के मुद्दे पर पार्टी में गहरे मतभेद उभर गए हैं। कांग्रेस के एक बड़े धड़े ने पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस प्रस्ताव पर अपना विरोध जताया है। छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ भूपेश बघेल सरकार के कई मंत्री भी इस प्रस्ताव के खिलाफ बताए जा रहे हैं। स्वर्गीय अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को इस विरोध का बड़ा कारण बताया जा रहा है।

अजीत जोगी के निधन के बाद तेज हुई चर्चाएं

पिछले दिनों स्वर्गीय अजीत जोगी के निधन के बाद ही राजनीतिक हलकों में इस चर्चा ने तेजी पकड़ ली थी कि जकांछ का कांग्रेस में विलय हो जाएगा। यह मामला पार्टी हाईकमान तक भी पहुंचा था और उसके बाद कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बाबत राज्य के पार्टी नेताओं की राय जाननी चाही थी।

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भूपेश कैबिनेट में उभरे मतभेद

पार्टी अध्यक्ष के इस प्रस्ताव पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों की राय ली है। जानकार सूत्रों का कहना है कि भूपेश कैबिनेट के तीन से अधिक मंत्री अजीत जोगी की पार्टी के कांग्रेस में विलय के प्रस्ताव के खिलाफ हैं। उन्होंने अपने मन की बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बता दी है। मंत्रियों के इस विरोध की जानकारी भूपेश बघेल ने आलाकमान तक पहुंचा दी है। अब पार्टी आलाकमान की ओर से कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया को संगठन के लोगों से राय लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

अमित जोगी की वजह से प्रस्ताव का विरोध

जानकार सूत्रों का कहना है कि राज्य के पूर्व सीएम के बेटे अमित जोगी की वजह से इस प्रस्ताव की खिलाफत की जा रही है। राज्य के अधिकांश नेता अमित जोगी को पार्टी में लेने के पक्ष में नहीं है। पार्टी नेताओं का यह भी मानना है कि इस विलय से पार्टी को बहुत ज्यादा फायदा होने वाला नहीं है। साथ ही बाद में चलकर अमित जोगी पार्टी के लिए मुसीबत भी साबित हो सकते हैं।

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अमित जोगी दिखाएंगे ताकत

पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी का दशगात्र कार्यक्रम 8 जून को उनके गृह ग्राम में आयोजित किया गया है। इसके लिए काफी तैयारियां की जा रही हैं और परिजनों व समाज के अलावा मरवाही विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में इस बाबत शोक पत्र बांटे जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस कार्यक्रम के जरिए अमित जोगी अपनी राजनीतिक ताकत दिखाएंगे ताकि छत्तीसगढ़ की राजनीति में उनका वजूद बना रहे। अमित जोगी का यह कार्यक्रम प्रशासन के लिए भी मुसीबत साबित होगा क्योंकि इतनी बड़ी भीड़ से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण काम साबित होगा। इस आयोजन को लेकर भी राज्य की सियासत गरमाने लगी है।

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स्कूलों में बंद होंगे क्वारंटाइन सेंटर

देश के अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी कोरोना का कहर दिख रहा है। कोरोना पर काबू पाने के लिए राज्य में 19 हजार से अधिक क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें से अधिकांश सेंटर विभिन्न स्कूलों और छात्रावासों में बनाए गए हैं। इस बीच सरकार की ओर से एक जुलाई से मिडिल स्कूल खोलने के फैसले के बाद स्कूलों में चल रहे क्वारंटाइन सेंटरों को बंद करने का फैसला किया गया है। सरकार की ओर से निर्देश जारी किया गया है कि 25 जून तक सभी स्कूलों में चल रहा है क्वारंटाइन सेंटरों को बंद कर उन्हें सेनिटाइज किया जाए ताकि एक जुलाई से स्कूलों को खोलने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

Dharmendra kumar

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