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सात संमदर पार नॉन स्टॉप अखंड रामायण, 150 से ज्यादा लोगों ने किया पूरा

पूरी दुनिया में कोरोना का प्रकोप है। ऐसे में मंदिरों का पट बंद है। धार्मिक आयोजन बंद है, लेकिन लॉकडाउन में भी लोगों की आस्था कम नहीं हुई है इसका जीता जागता उदाहरण गूगल मीट के जरिए हुए अखंड रामायण को देख पता चला।

suman
Published on: 3 Jun 2020 4:23 PM GMT
सात संमदर पार नॉन स्टॉप अखंड रामायण, 150 से ज्यादा लोगों ने किया पूरा
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न्यू जर्सी: पूरी दुनिया में कोरोना का प्रकोप है। ऐसे में मंदिरों का पट बंद है। धार्मिक आयोजन बंद है, लेकिन लॉकडाउन में भी लोगों की आस्था कम नहीं हुई है इसका जीता जागता उदाहरण गूगल मीट के जरिए हुए अखंड रामायण को देख पता चला।

अखंड रामायण का पाठ टेक्नोलॉजी की मदद से पूरी दुनिया को जोड़कर किया गया है। इसके लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत में 19 से अधिक स्थानों पर 4 अलग-अलग समय क्षेत्रों में 50 से भी ज्यादा परिवारों को जोड़ कर Google meet का प्रयोग creative तरीके से करके किया जा रहा है।

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क्यों हैं अनोखा प्रयोग

सन्1574 में लिखे गए रामचरित मानस के इस धार्मिक महाकाव्य को 24 घंटों में लगातार जारी रख कर करना था। एक यह पाठ बिना रूके ही पूरा करना था, टेक्नोलॉजी की मदद से सात समुंदर पार बैठे परिवार के करीब 150 से अधिक लोगों ने पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ यह पूरा किया।

देखें लिंक...

https://www.facebook.com/watch/?v=1639088342907750

आशुतोष त्रिपाठी के द्वारा तकनीकि का सहारा बनाकर इस ग्लोबल अखंड रामायण का पाठ करवाया गया। वह खुद न्यू जर्सी से लाइव थे और उनके साथ उनके परिवार के लोग मुम्बई में उसी समय पाठ कर रहे थे। इसके बाद धीरे-धीरे लोगों के जुड़ने का सिलसिला शुरू हो गया और 24 घंटों में लगातार पाठन के साथ रामाय़ण के एक-एक दोहे को बिना रूके पूरा किया गया।

कोरोना महामारी को देखते हुए परिवार के द्वारा यह निश्चित किया गया था कि भगवान की भक्ति और रामायण के पाठ के लिए लोगों को जुड़ने का प्रयोग किया जाय। भक्ति की शक्ति ही है कि आशुतोष त्रिपाठी के साथ दुनिया भर से लोग जुड़ गये। सबसे बड़ी और चमत्कारी बात तो यह है कि इन 24 घंटों में बिना किसी तकनीकि व्यवधान के यह पाठ पूरा हो गया। 23 मई को शुरू किया गया यह पाठ 24 मई को पूरा हुआ।

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तकनीकि की वजह से पूरी दुनिया को एक साथ जोड़ने के लिए आशुतोष ने गूगल का धन्यवाद भी दिया है। पूरे परिवार को साथ जोड़ने और 24 घंटें के बाद प्रयोजन के पूरा होने पर त्रिपाठी की छोटी बेटी को अब घर में सूनापन अखर रहा है क्योंकि तकनीकि ही सही लोगों के साथ जुड़ने से अकेलेपन का माहौल भी खत्म हो गया था।

इस मौजूदा दौर में यह अनोखा प्रयोग इतिहास में जरूर दर्ज हो ही जायेगा क्योंकि देखते ही देखते लोगों की बहुत बड़ी संख्या में प्रतिक्रिया इस विडियो पर दर्ज करवायी जा रही है।

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