×

कोरोना: मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने बनाई ये रणनीति, अब ऐसे होगी जंग

देश में फैले कोरोना वायरस की महामारी के शुरुआती दौर से ही कांग्रेस ने अपने आप को सक्रिय रखा है। कोरोना की इस लड़ाई ने ना केवल कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार को समर्थन करने आश्वासन दिया बल्कि सरकार की कमियों को उजागर करके अपने लिए सियासी जमीन तैयार करने का भी काम किया।

Shreya
Published on: 7 May 2020 11:32 AM IST
कोरोना: मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने बनाई ये रणनीति, अब ऐसे होगी जंग
X
कोरोना: मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने बनाई ये रणनीति, अब ऐसे होगी जंग

नई दिल्ली: देश में फैले कोरोना वायरस की महामारी के शुरुआती दौर से ही कांग्रेस ने अपने आप को सक्रिय रखा है। कोरोना की इस लड़ाई ने ना केवल कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार को समर्थन करने आश्वासन दिया बल्कि सरकार की कमियों को उजागर करके अपने लिए सियासी जमीन तैयार करने का भी काम किया।

समर्थन और खामियां

ऐसे में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ना केवल मजदूरों के ट्रेन का किराया पहले देने का एलान कर मास्टर स्ट्रोक चलाया, बल्कि बुधवार को कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों की बैठक में केंद्र सरकार पर आक्रामक रुख दिखाते हुए जबरदस्त हमला भी किया। जिससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि कांग्रेस कोरोना की इस लड़ाई में पीछे ना रहकर मोदी सरकार की खामियों उजागर उसे घेरेगी भी।

यह भी पढ़ें: करोड़ों ग्राहक अलर्ट: सबसे बड़े बैंक ने जारी किए दिशा-निर्देश, उड़ जाएगा खाता

कोरोना को लेकर आगाह करते आए राहुल

कोरोना के शुरुआती दौर से ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार को आगाह करते आए हैं। साथ ही प्रमुख विपक्षी दल होने के बावजूद भी कांग्रेस ने केंद्र सरकार को इस लड़ाई में उनका साथ देने का भी फैसला किया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनके द्वारा कोरोना के लिए लॉकडाउन समेत उठाए गए तमाम कदमों का स्वागत और समर्थन किया। साथ ही ये आश्वासन भी दिया कि कोरोना की इस लड़ाई में कांग्रेस सरकार के साथ है।

इन मुद्दोंं पर सवाल के घेरे में केंद्र

हालांकि अब कांग्रेस ने राजनीतिक लकीर खींचनी शुरू कर दी है। कांग्रेस लगातार केंद्र की मोदी सरकार को अपने सवालों के घेरे में ला रही है। लॉकडाउन और उसके बाद की कई तरह की योजनाओं में गरीबों, मजदूरों और छोटे कारोबिरायों के हित के बारे में ना सोचने, कोरोना के चलते देश की इकोनॉमो पर दूरगामी प्रभाव जैसे कई सारे मुद्दों के जरिए कांग्रेस ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।

मजदूरों से किराया वसूलना गलत

लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य वापस भेजने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, लेकिन उनसे टिकट का पैसा भी वसूला जा रहा है। इसे लेकर सोनिया गांधी ने एक पत्र लिखकर कहा था कि कांग्रेस द्वारा मजदूरों के किराए का भुगतान किया जाएगा। साथ ही मोदी सरकार पर सवाल भी खड़े किये कि जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, तो फिर तरक्की के इन ध्वजवाहकों को निशुल्क रेलयात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?

यह भी पढ़ें: आतंकी रियाज नायकू किसको की आखिरी कॉल, कहा- TRF बर्बाद कर देगा कश्मीर को

सोनिया गांधी ने कहा था कि परेशान करने वाली बात है कि दुख की बात यह है कि भारत सरकार और रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में किराया वसूलना गलत है।



कांग्रेस ने मोदी सरकार पर किए जमकर हमले

वहीं बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर हमले किए। सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 17 मई के बाद क्या? 17 मई के बाद कैसे? मोदी सरकार के पास लॉकडाउन को लेकर आगे की क्या रणनीति है?

मनमोहन सिंह ने केंद्र पर बोला हमला

मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार के पास लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की क्या रणनीति है? उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की रणनीति के बारें में जानकारी होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें: इस चीज से किया यहां बरातियों का स्वागत, सब रह गए अवाक

पंजाब ने लॉकडाउन पर उठाए सवाल

वहीं कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लॉकडाउन पर केंद्र के नजरिये पर सवाल खड़े किये। उन्होंने बताया कि हमने दो समितियों का गठन किया है, एक लॉकडाउन के एग्जिट प्लान के लिए और दूसरी आर्थिक पुनरुद्धार के बारे में रणनीति बनाने के लिए। दिल्ली के लोग बैठकर बगैर जाने जोनों के वर्गीकरण का फैसला कर रहे हैं।

गहलोत ने उठाया राहत पैकेज का मसला

वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता, तबतक राज्य और देश कैसे चलेंगे? हमने 10 हजार करोड़ का राजस्व खो दिया है। राज्यों ने पैकेज के लिए बार-बार प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है लेकिन हमारी बात को अनसुना कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मदद नहीं करती है तो उनके लिए अपने यहां गरीबों की मदद करना बहुत मुश्किल होगा।

यह भी पढ़ें: BJP विधायक ने की कोरोना योद्धा से गाली गलौज: ओपीडी बंद, काम ठप्प

पुदुचेरी ने भी उठाया जोन का मसला

पुदुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी ने कहा, जोन बंटवारे में किसी भी राज्य या मुख्यमंत्री से परामर्श नहीं किया जाता है। उन्होंने जोनों के वर्गीकरण पर आपत्ति जताई है। ‘बिना राज्य सरकारों की सलाह के भारत सरकार जोनों का वर्गीकरण कर रही है। दिल्ली में बैठे लोग राज्यों की हालत को नहीं बता सकते हैं।

राहुल गांधी का मोदी सरकार से सवाल

वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मोदी सरकार की नीतियों पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने और उनके खातों में पैसे डालने जैसी मांग उठाई हैं। राहुल गांधी लगातार सरकार से कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर देने की बात करते आए हैं और छोटे मंझोले उद्योगपतियों पर छाए संकट को लेकर भी उन्होंने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में कांग्रेस नेताओं ने भी अब केंद्र सरकार के खिलाफ जुबानी जंग तेज कर दी है।

यह भी पढ़ें: मुसलमानों में बढ़ते कोरोना के मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



Shreya

Shreya

Next Story