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कोरोना मरीजों की संख्या पर ममता घिरीं, वोट बैंक को लेकर गरमाई सियासत

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या और लॉकडाउन के दौरान ढिलाई बरतने को लेकर उठे सवालों में घिर गई हैं। ‌केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अभी तक पश्चिम बंगाल में सिर्फ 116 कोरोना पॉजिटिव मामले ही दर्ज किए गए हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 12 April 2020 4:04 AM GMT
कोरोना मरीजों की संख्या पर ममता घिरीं, वोट बैंक को लेकर गरमाई सियासत
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या और लॉकडाउन के दौरान ढिलाई बरतने को लेकर उठे सवालों में घिर गई हैं। ‌केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अभी तक पश्चिम बंगाल में सिर्फ 116 कोरोना पॉजिटिव मामले ही दर्ज किए गए हैं। पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स एसोसिएशन और भाजपा ने इस आंकड़े को लेकर सवाल उठाए हैं। भाजपा ने ममता पर वोट बैंक की नाराजगी के डर से ज्यादा टेस्ट ना कराने का आरोप लगाया है।

दूसरी और गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखकर लॉकडाउन में ढिलाई ना देने और धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। अब इन दोनों मुद्दों को लेकर सियासत शुरू हो गई है और भाजपा ने ममता बनर्जी को घेरना शुरू कर दिया है।

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डॉक्टर्स एसोसिएशन ने उठाए सवाल

यदि कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या को देखा जाए तो राज्य में अभी तक सिर्फ 116 पॉजिटिव केस ही दर्ज किए गए हैं। इस आंकड़े पर पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी सवाल उठाया है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की सही और प्रामाणिक संख्या सार्वजनिक की जाए ताकि दुनिया के सामने राज्य की सही तस्वीर आ सके। इसके साथ ही एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से अच्छी किस्म के पीपीई किट मुहैया कराने और कोरोना वायरस की रोकथाम में लगे लोगों को विशेष पैकेज दिए जाने की भी मांग की है।

भाजपा ने किया ममता पर हमला

एसोसिएशन के इस पत्र के बाद भाजपा ममता बनर्जी पर हमलावर हो गई। पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने ममता सरकार पर कोरोना पीड़ितों का असली डाटा छुपाने का आरोप तक लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य के मालदा और पश्चिम मेदइनापुर जिलों में टेस्टिंग किट मौजूद होने के बावजूद लोगों की टेस्टिंग नहीं की जा रही है।

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राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग

भाजपा का कहना है कि डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना बिल्कुल सही है। कोरोना पीड़ितों की राज्य में सही तस्वीर सामने नहीं आ पा रही है। इस बाबत भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि राज्य में कोरोना पीड़ित लोगों की सही तस्वीर जनता के सामने लाई जाए और इसके लिए वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें।

वोट बैंक की नाराजगी का डर

राहुल सिन्हा ने ममता सरकार को घेरते हुए कहा कि तबलीगी जमात के काफी संख्या में लोग भागकर पश्चिम बंगाल आए हैं। ममता सरकार को इस बात का भय सता रहा है कि अगर उन्होंने ऐसे लोगों का टेस्ट कराया तो उनका वोट बैंक उनसे नाराज हो जाएगा।

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पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

सिन्हा ने पश्चिम बंगाल की पुलिस को घेरते हुए कहा कि पुलिस के पास ऐसे लोगों की पूरी सूचना है। दिल्ली के मरकज में शामिल होने वाले लोगों की पूरी लिस्ट होने के बावजूद पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। राजनीतिक डर की वजह से पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है।

लॉकडाउन का उड़ाया जा रहा मजाक

भाजपा नेता ने ममता सरकार को घेरते हुए यह भी आरोप लगाया कि राज्य में लॉकडाउन का सही मायने में पालन ही नहीं हो रहा। अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में लॉकडाउन का मखौल उड़ाया जा रहा है। ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस के संक्रमण का काफी खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ममता को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

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गृह मंत्रालय की चिट्ठी से आरोपों को बल

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ममता सरकार को भेजे गए पत्र से भाजपा के आरोपों को बल मिला है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में गैर जरूरी सामानों की दुकानें खुलने दी गईं और पुलिस ने धार्मिक कार्यक्रमों तक की इजाजत दे डाली।

मांस बाजारों पर कोई नियंत्रण नहीं

पत्र में यह भी कहा गया है कि सब्जी, मछली और मांस बाजारों में पुलिस और शासन का कोई नियंत्रण ही नहीं रह गया है। सुरक्षा एजेंसियों को मिली रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में क्रमिक छूट दर्ज की गई है। काफी संख्या में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों तक को छूट दे दी गई।

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कार्रवाई की रिपोर्ट तलब

मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया है कि ऐसी गतिविधियां केंद्र सरकार की तरफ से आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत समय-समय पर जारी किए गए आदेशों के खिलाफ है और यह इस कानून के तहत कार्रवाई किए जाने लायक है। पत्र में कड़ी कार्रवाई पर जोर देते हुए इस बाबत रिपोर्ट भी तलब की गई है।

30 अप्रैल तक बढ़ाया लॉकडाउन

अभी तक इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग में ममता बनर्जी ने भी हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने राज्यों के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की थी। इस बैठक के तुरंत बाद उन्होंने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन की समय सीमा 30 अप्रैल तक बढ़ाने का एलान कर दिया। ममता के इस एलान के बाद माना जा रहा है कि वे यह दिखाने में कोई चूक नहीं करना चाहतीं कि लॉकडाउन को लेकर उनके तेवर काफी सख्त हैं।

Dharmendra kumar

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