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ट्रैक्टर परेड हिंसा पर बोले ये नेता, केंद्र पर की टिप्पणी, देखें किसने क्या कहा
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर ट्वीट किया कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुक़सान हमारे देश का ही होगा।
नई दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते दो महीने से आंदोलनरत किसानों ने 72वें गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) के मौके पर ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) निकाली है। इस मार्च के दौरान कई जगहों पर किसानों का उग्र रूप देखने को मिला है। इस मामले को लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है।
राकेश टिकैत ने कही ये बात
इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है। किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि इस आंदोलन को राजनीतिक पार्टियों के लोगों ने खराब किया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के लोग किसान आंदोलन में शामिल होकर गड़बड़ी कर रहे हैं।
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राहुल गांधी ने कहा- हिंसा से किसी समस्या का हल नहीं
वहीं कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर ट्वीट किया कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुक़सान हमारे देश का ही होगा। साथ ही उन्होंने देशहित में कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है।
गौतम गंभीर ने कहा- शांति और सम्मान बनाए रखें
उनके अलावा भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट करते हुए कहा कि हिंसा और तोड़फोड़ से कोई हल नहीं निकलेगा। मैं सभी से अपील करना चाहता हूं कि शांति और सम्मान बनाए रखें। आज का दिन ऐसी अराजकता भरी घटनाओं के लिए नहीं है।
अशोक गहलोत ने हिंसा ना करने की अपील की
साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा है किसान आंदोलन अभी तक शांतिपूर्ण रहा है। किसानों से अपील है कि शांति बनाए रखें और हिंसा ना करें। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। अगर इस आंदोलन में हिंसा हुई तो यह किसान आंदोलन को असफल बनाने की कोशिश कर रही ताकतों के मंसूबों की कामयाबी होगी इसलिए हर हाल में शांति बनाए रखें।
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संजय राउत ने लाल किले में कैसे घुसे उपद्रवी
वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने मामले में कहा कि लाल किले में उपद्रवी कैसे घुसे, सरकार क्या कर रही थी। इसके अलावा उन्होंने ट्वीट किया कि अगर सरकार चाहती तो आज की हिंसा रोक सकती थी। दिल्ली में जो चल रहा है, उसका समर्थन कोई नहीं कर सकता। कोई भी हो लाल किला और तिरंगे का अपमान सहन नहीं करेंगे। लेकिन माहौल क्यों बिगड़ गया? सरकार किसान विरोध कानूनों को क्यों रद्द नहीं कर रही? क्या कोई अदृश्य हाथ राजनीति कर रहा है? जय हिंद!
शरद परवार ने कहा- किसानों का संयम हुआ खत्म
वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि मुझे लग रहा था कि यह आंदोलन कहीं न कहीं रास्ते से भटक रहा है। जो हो रहा है, पुलिस को देखना चाहिए। लेकिन ऐसा क्यों हुआ ? केंद्र सरकार ने जिम्मेदारी नहीं निभाईलेकिन ऐसा क्यों हुआ? केंद्र सरकार ने जिम्मेदारी नहीं निभाई। केंद्र बड़प्पन दिखाए। उन्होंने कहा कि किसानों का संयम खत्म हुआ इसलिए ट्रैक्टर मार्चा निकाला गया।
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