×

मध्य प्रदेश में फीके पड़े सारे मुद्दे, शिवराज बनाम कमलनाथ में तब्दील हुई चुनावी जंग

भाजपा शुरुआत से ही इस बात का प्रयास कर रहे थी कि 28 विधानसभा सीटों पर हो रही चुनावी जंग कमलनाथ बनाम शिवराज पर केंद्रित हो जाए ताकि शिवराज की लोकप्रियता के साथ ही उनकी सरल छवि का भाजपा चुनावी फायदा पा सके।

Newstrack
Published on: 13 Oct 2020 4:41 PM GMT
मध्य प्रदेश में फीके पड़े सारे मुद्दे, शिवराज बनाम कमलनाथ में तब्दील हुई चुनावी जंग
X
मध्यप्रदेश में जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उनमें से 16 सीटें सिंधिया के प्रभुत्व वाले ग्वालियर-चंबल इलाके से जुड़ी हुई है।

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के साथ इस समय देश की निगाह मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव पर भी टिकी हुई है। इन सीटों के चुनावी नतीजे राज्य की सत्ता का फैसला करने के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं और यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने इन सीटों पर विजय हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों पार्टियों के चुनाव प्रचार में किसान, बेरोजगारी, विकास और दलबदल जैसे मुद्दे किनारे हो गए हैं और पूरी लड़ाई कमलनाथ बनाम शिवराज पर केंद्रित हो गई है।

भाजपा शुरू से ही कर रही थी प्रयास

बीजेपी शुरुआत से ही इस बात का प्रयास कर रहे थी कि 28 विधानसभा सीटों पर हो रही चुनावी जंग कमलनाथ बनाम शिवराज पर केंद्रित हो जाए ताकि शिवराज की लोकप्रियता के साथ ही उनकी सरल छवि का भाजपा चुनावी फायदा पा सके।

भाजपा को इस काम में कामयाबी मिलती दिख रही है क्योंकि कांग्रेस जनता से जुड़े मुद्दों को छोड़कर शिवराज पर ही ज्यादा हमला करने में ही ज्यादा दिलचस्पी दिखा रही है। कांग्रेस के मुख्य प्रचारक कमलनाथ शिवराज पर ही अधिकांश हमला करने में जुटे हुए हैं। यही कारण है कि चुनावी जंग अब कमलनाथ बनाम शिवराज की जंग बन गई है।

ये भी पढ़ें...बिहार चुनाव: लालू के लाल ने बदला चुनाव क्षेत्र, इस सीट से अखाड़े में उतरे तेज प्रताप

ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हो गए किनारे

कमलनाथ की सरकार गिराने और शिवराज सिंह चौहान को फिर मुख्यमंत्री बनाने में सबसे बड़ी भूमिका ज्योतिरादित्य सिंधिया की थी। उनके समर्थक विधायकों के इस्तीफा देने के कारण ही इतनी ज्यादा सीटों पर उपचुनाव कराने की नौबत आई है मगर ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनावी चर्चा में कहीं नहीं दिख रहे हैं। हालांकि वे इन सीटों पर भाजपा को विजय दिलाने के लिए सक्रिय हैं क्योंकि अधिकांश सीटें उनके मजबूत गढ़ माने जाने वाले इलाके से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में इन सीटों पर चुनावी हार का ठीकरा सिंधिया पर भी फूटेगा। इसी कारण सिंधिया भी भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में हवा बनाने में जुटे हुए दिख रहे हैं।

Shivraj Singh Chouhan

कांग्रेस के बयान से गरमाया मामला

चुनाव प्रचार गरमाने के साथ ही भाजपा ने आक्रामक रुख अपना लिया है। कांग्रेस की ओर से कमलनाथ को देश में दूसरे नंबर का उद्योगपति बताने और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भूखे नंगे परिवार का बताने के बयान के बाद माहौल पूरी तरह गरमा गया है।

हालांकि कांग्रेस ने अपने नेता दिनेश गुर्जर के बयान से पल्ला झाड़ लिया है मगर भाजपा इस बयान को लेकर हमलावर हो गई है। शिवराज सिंह चौहान ने भी खुद को गरीब परिवार का बताते हुए कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उनका कहना है कि कांग्रेस को कभी गरीबों की फिक्र ही नहीं रही।

ये भी पढ़ें...देसी कोरोना वैक्सीन पर बड़ी खबर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी ये खुशखबरी

शिवराज की ब्रांडिंग में जुटी भाजपा

भाजपा ने कांग्रेस के इस बयान के बाद मौके का फायदा उठाते हुए शिवराज सिंह की ब्रांडिंग करना भी शुरू कर दिया है। पार्टी की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि शिवराज गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले हैं और यही कारण है कि उन्हें गरीबों के कल्याण की हमेशा चिंता बनी रहती है।

Kamal Nath

दूसरी ओर कमलनाथ हमेशा कारपोरेट की राजनीति में जुटे रहते हैं और उन्हें गरीबों की योजनाओं से कोई लेना-देना ही नहीं है। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने नादानी में भाजपा को ऐसा मौका मुहैया करा दिया है कि दलबदलुओं का मुद्दा किनारे हो गया है और अब लड़ाई कमलनाथ बनाम शिवराज होती दिख रही है।

ये भी पढ़ें...वाहन चालकों को तोहफा: कमाल का है ये डिवाइस, ऐसे बचाएगी जान

सिंधिया के इलाके की हैं 16 सीटें

प्रदेश में जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उनमें से 16 सीटें सिंधिया के प्रभुत्व वाले ग्वालियर-चंबल इलाके से जुड़ी हुई है। सिंधिया इन सीटों पर उपचुनाव के अहम कारण हैं मगर वे चुनावी चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु नहीं रह गए हैं।

हालांकि इन सीटों के चुनावी नतीजे शिवराज का भविष्य तय करने के साथ ही सिंधिया की ताकत का असर भी बताएंगे। यही कारण है कि सिंधिया और उनके समर्थक भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए जुटे हुए हैं।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story