TRENDING TAGS :
महाराष्ट्र: BJP जल्द बनाएगी सरकार, कहा- पार्टी के पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन पत्र
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है। सभी राजनीतिक पार्टियां अभी भी सरकार बनाने की कोशिश कर रही हैं। शिवसेना के साथ एनसीपी-कांग्रेस की बात अब अंतिम दौर में पहुंच गई है। तीनों पार्टियों का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी तैयार हो चुका है।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है। सभी राजनीतिक पार्टियां अभी भी सरकार बनाने की कोशिश कर रही हैं। शिवसेना के साथ एनसीपी-कांग्रेस की बात अब अंतिम दौर में पहुंच गई है। तीनों पार्टियों का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी तैयार हो चुका है।
अब इस बीच बीजेपी ने एक बार फिर सरकार बनाने का ऐलान किया है। पार्टी ने कहा कि बीजेपी के बिना महाराष्ट्र में कोई सरकार नहीं हो सकती। बीजेपी ने दावा किया है कि उसके पास 119 विधायकों का समर्थन है और वह जल्दी ही सत्ता में लौटेगी।
यह भी पढ़ें…पाकिस्तान को आया चक्कर! सीमा पर तैनात हुए लाखों की संख्या में सैनिक
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने ऐसे वक्त में यह बयान दिया है, जब शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस एक साथ सरकार बनाने की कोशिश कर रही हैं। एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा है कि हम पूरे 5 साल तक साझा सरकार चलाएंगे।
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मीडिया से कहा कि राज्य में सरकार बनाने का दावा किया। उन्होंने कहा कि हमारे पास सबसे ज्यादा विधायक हैं। 119 विधायकों (105 बीजेपी और 14 निर्दलीय) के साथ बीजेपी राज्य में सरकार बनाएगी।
यह भी पढ़ें…जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को लेकर आई बड़ी खबर
पाटिल ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी के नेताओं के सामने यह विश्वास जताया था। प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष ने आगे कहा कि हम राज्य को एक स्थिर सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बीजेपी के बिना महाराष्ट्र में कोई सरकार नहीं हो सकती। शिवसेना की ओर से सरकार गठन की कोशिशों को लेकर पाटील ने कहा कि हम राज्य के राजनीतिक हालात पर नजर रख रहे हैं।
यह भी पढ़ें…राम जन्मभूमि: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फिर बोले ओवैसी, दिया ये बड़ा बयान
288 विधानसभा सीटों वाले राज्य में 24 तारीख को नतीजे आए थे और किसी भी दल या गठबंधन के सरकार न बना पाने पर बुधवार को राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। बीजेपी और शिवेसना ने एक साथ चुनाव लड़ा था और 161 सीटें जीती थीं। चुनाव के बाद शिवसेना ने बीजेपी से सीएम पद साझा करने की बात कही, जिस पर सहमति नहीं बन पाई जिसके दोनों पार्टियों ने अपने रास्ते अलग कर लिए।