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विकास दुबे एनकाउंटरः निशाने पर योगी सरकार, तेज हुई सियासत

कानपुर मुठभेड़ कांड के मुख्य आरोपी और पांच लाख के ईनामी विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाते वक्त दुर्घटना और एनकाउंटर में मौत के बाद अब तमाम विपक्षी...

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Published on: 10 July 2020 12:11 PM IST
विकास दुबे एनकाउंटरः निशाने पर योगी सरकार, तेज हुई सियासत
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: कानपुर मुठभेड़ कांड के मुख्य आरोपी और पांच लाख के ईनामी विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाते वक्त दुर्घटना और एनकाउंटर में मौत के बाद अब तमाम विपक्षी दलों ने यूपी की योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जहां इसे राज खुलने और सरकार पलटने से बचाने की कोशिश बताया है तो वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी विकास दुबे को संरक्षण देने वालों के संबंध में सवाल किया है।

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बसपा सुप्रीमों मायावती ने पूरे मामलें की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है तो राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चैधरी ने इसे असली अपराधियों को बचाने के लिए रचा गया ड्रामा बताया है।

अखिलेश ने लगाए ये इल्जाम

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घटना के कुछ देर बाद ही अपने टवी्ट में लिखा कि दरअसल, ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है। इससे पहले कल यानी गुरुवार को अखिलेश ने विकास की गिरफ्तारी के बाद बयान जारी कर यह भी साफ किया था कि विकास दुबे का समाजवादी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा उनकी पार्टी को बदनाम करने में लगी हुई है।

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प्रियंका गांधी ने उठाया सवाल

विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने पर कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने टवी्ट कर सवाल उठाया कि अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको संरक्षण देने वाले लोगों का क्या? इससे पहले विकास की उज्जैन में हुई विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को टवी्ट कर इस मामले में यूपी सरकार को फेल बताते हुए पूरे मामलें की सीबीआई जांच की मांग की थी।

मायावती ने की ये मांग

इस एनकाउंटर पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने टवी्ट कर कहा है कि कानपुर पुलिस हत्याकांड की तथा साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्य प्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस गाड़ी पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

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बसपा सुप्रीमों ने कहा है कि यह जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इन्साफ मिल सके। साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हे भी सख्त सजा दिलाई जा सके। ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है।

जयंत चैधरी ने कही ये बात

इधर राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चैधरी ने भी इस घटना पर टवी्ट कर कहा है कि विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद देश के सारे न्यायाधीश को इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा के ठोक दो राज में अदालत की जरूरत नहीं है। 8 पुलिसकर्मियों के हत्या के असली अपराधियों को बचाने के लिए ये सब ड्रामा रचा गया।

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