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गहलोत को तगड़ा झटका: ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू, ED के घेरे में इनके करीबी

राजस्थान सीएम अशोक गहलोत को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। जीं हां अब अशोक गहलोत के रिश्तेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) फर्टिलाइजर घोटाले को लेकर आज कई जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है।

Newstrack
Published on: 22 July 2020 6:55 AM GMT
गहलोत को तगड़ा झटका: ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू, ED के घेरे में इनके करीबी
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नई दिल्ली। राजस्थान सीएम अशोक गहलोत को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। जीं हां अब अशोक गहलोत के रिश्तेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) फर्टिलाइजर घोटाले को लेकर आज कई जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। ऐसे में ईडी ने अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के यहां भी छापा मारा है।

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अग्रसेन गहलोत का नाम फर्टिलाइजर घोटाले में

बता दें, पिछले दिनों ही राजस्थान सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत का नाम फर्टिलाइजर घोटाले में सामने आया था।

इस पर आरोप है कि अग्रसेन गहलोत ने 2007 से 2009 के बीच किसानों के लिए ली गई उर्वरक को प्राइवेट कंपनियों को दिया गया। उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी और अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री थे।

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कंपनियों को बेच दिया

बात ये है कि म्यूरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) निर्यात के लिए मनाही है। एमओपी को भारतीय पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) द्वारा आयात किया जाता है और किसानों को रियायती दरों पर वितरित किया जाता है।

साथ ही ये भी आरोप है कि 2007-2009 के बीच अग्रसेन गहलोत, (जो आईपीएल के लिए अधिकृत डीलर थे) ने रियायती दरों पर MoP खरीदा और किसानों को वितरित करने के बजाय उन्होंने इसे कुछ कंपनियों को बेच दिया। राजस्व खुफिया निदेशालय ने 2012-13 में इसका खुलासा किया था।

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बीजेपी ने आरोप लगाया

इसके साथ ही बीजेपी ने आरोप लगाया था कि राजस्थान के तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत के भाई की कंपनी ने कथित रूप से सब्सिडी वाले उर्वरक का निर्यात किया, जो घरेलू उपभोग के लिए था।

बीजेपी पार्टी के तरफ से कहा गया था कि अग्रसेन गहलोत की कंपनी ने देश के किसानों के लिए आयात किए जाने वाले उर्वरक, पोटाश के मूरेट का निर्यात किया था।

वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था, 'यह सब्सिडी की चोरी का एक स्पष्ट मामला है और यह सब 2007 से 2009 के बीच हुआ, जब कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए केंद्र में सत्ता में थी।

और उस समय राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत थे। जिस तरह सस्ती दर पर उर्वरक का निर्यात किया गया था, ऐसे में संदेह ये पैदा होता है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला हो सकता है।'

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