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राज्यपाल से तल्खी बढ़ने के बाद गहलोत बेचैन, कुर्सी बचाने के लिए रात भर लीं मीटिंग

राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत को अपनी कुर्सी जाने का डर रात दिन सता रहा है। शुक्रवार को रात साढ़े बजे तक जयपुर में सीएम आवास पर राजस्थान कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक का एक सूत्रीय एजेंडा था कि आखिर गहलोत सरकार को कैसे बचाया जाए।

Newstrack
Published on: 25 July 2020 3:13 AM GMT
राज्यपाल से तल्खी बढ़ने के बाद गहलोत बेचैन, कुर्सी बचाने के लिए रात भर लीं मीटिंग
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जयपुर: राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत को अपनी कुर्सी जाने का डर रात दिन सता रहा है। शुक्रवार को रात साढ़े बजे तक जयपुर में सीएम आवास पर राजस्थान कैबिनेट की बैठक हुई।

इस बैठक का एक सूत्रीय एजेंडा था कि आखिर गहलोत सरकार को कैसे बचाया जाए। उधर अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है। दोनों अपनी –अपनी बातों पर अभी भी अड़े हुए हैं।

सीएम गहलोत की मंशा है कि विधानसभा सत्र सोमवार को बुलाया जाए ताकि वो अपना शक्ति प्रदर्शन कर पाएं, वहीं राज्यपाल का कहना है कि उन्हें किसी फैसले पर पहुंचने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए।

दरअसल अशोक गहलोत को डर सताने लगा है कि कहीं ऐसा ना हो कि फ्लोर टेस्ट में देरी हो तो दो-चार विधायक हाथ से खिसक जाएं। यही वजह है कि वे फ्लोर टेस्ट करके डंके की चोट पर अपनी सीएम की कुर्सी को संवैधानिक मान्यता देना चाहते हैं।

इसलिए सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को अपने विधायकों के साथ बैठक की और कानूनी विकल्पों पर चर्चा की। गहलोत के सामने सबसे बड़ी विधायकों को एकजुट रखने की हैं।

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कांग्रेस की ये है मंशा

बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार शाम को कहा कि राज्यपाल दबाव में आ गए हैं। उन्हें विधानसभा का सत्र बुलाना चाहिए।

कहने का मतलब ये है कि गहलोत अब सोमवार से विधानसभा का सत्र चाहते हैं, लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र कोरोना संकट और संवैधानिक प्रावधानों के अध्ययन का हवाला देते हुए थोड़ा वक्त मांग रहे हैं।

गौरतलब है कि विधानसभा ही वो स्थान है जहां कांग्रेस अपने पक्ष में जरूरी विधायकों का समर्थन दिखा सकती है। यही वजह है कि वे पने विधायकों के साथ राज्यपाल पर प्रेशर बनाने के लिए राजभवन पहुंच गए। यहां पर उन्होंने नारेबाजी और धरने पर बैढ़ गए। भूख लगी तो बिस्किट खाया लिया, लेकिन वहां से हटे नहीं। देर तक बने रहे।

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राज्यपाल कांग्रेस के धरने से खफा

जिसका नतीजा ये हुआ कि राज्यपाल कलराज मिश्रा को घर से बाहर निकलना पड़ा और और विधायकों से बातचीत कर उन्हें ये समझाना पड़ा कि ये केस अब न्यायालय में है इसलिए कानूनी राय के बाद ही वो विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला कर सकते हैं।

राजभवन में करीब 3 घंटे के सुपर सियासी ड्रामे के बाद कांग्रेस विधायकों का धरना खत्म हुआ और वो होटल लौट गए। बता दें कि राजस्थान कांग्रेस के विधायक लगभग 10 दिनों से जयपुर के एक होटल में डेरा डाले हैं।

सूत्र ये भी बता रहे हैं कि राज्यपाल को कांग्रेस का धरना करना अच्छा नहीं लगा। इसलिए वे अब क़ानूनी राय ले रहे हैं। ताकि आवश्यक कार्यवाही की जा सके।

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