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फुल कॉन्फिडेंस में बीजेपी के नेता, 24 जुलाई को गिर जाएगी गहलोत सरकार!

राजस्थान में सियासी उठापठक का दौर जारी है। सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमे की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। पायलट खेमे के बागी बिधायकों को स्पीकर ने नोटिस भेजा था।

Newstrack
Published on: 21 July 2020 2:52 PM GMT
फुल कॉन्फिडेंस में बीजेपी के नेता, 24 जुलाई को गिर जाएगी गहलोत सरकार!
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जयपुर: राजस्थान में सियासी उठापठक का दौर जारी है। सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमे की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। पायलट खेमे के बागी बिधायकों को स्पीकर ने नोटिस भेजा था। इस मामले में राजस्थाकन हाईकोर्ट ने फैसला 24 जुलाई तक सुरक्षित रख लिया है।

जिसके बाद से बीजेपी की तरफ से इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया आई है। पार्टी की तरफ से कहा गया कि सभी को फैसले का बेसब्री से इंतजार है, लेकिन यह न्यायिक व्यवस्था का हिस्सा है।

वही पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का भी इस पर बयान आया है। जिसमें पुनिया की तरफ से कहा गया कि हमें न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और 24 जुलाई को अच्छा निर्णय आने की उम्मीद है।

गहलोत का प्लान B: चल सकते हैं ये दांव, पायलट को देंगे ऐसे झटका

जबकि उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि 24 जुलाई को राजस्थान घटनाक्रम के 12 दिन पूरे हो जाएंगे और इसी दिन कोर्ट का निर्णय आएगा। राठौड़ ने यह भी कहा कि ये मामला लम्बा खिंचता जा रहा है और बाड़े में बंद विधायक तड़पड़ा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार को साफ करना चाहिए कि बाड़ेबंदी कब तक रहेगी। उन्होंने कहा कि 12 दिन का हमारी संस्कृति में विशेष महत्व है। इसी दिन वर्तमान सरकार का भी बारहवां हो जाएगा।

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गहलोत का प्लान -B

राजस्थान हाईकोर्ट के सचिन खेमे के पक्ष में फैसला देने के बाद भी सीएम गहलोत विधानसभा में बहुमत साबित करने का एलान कर सकते हैं। ऐसे में बाग़ी गुट के सामने दो मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस का व्हिप

पहली, फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस व्हिप जारी करेगी, इस दौरान बाग़ी विधायक इसका उल्लंघन कर सरकार के ख़िलाफ़ वोट नहीं दे सकेंगे। अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन पर दल बदल क़ानून लागू हो जाएगा और सदस्यता ख़त्म हो जाएगी।

गहलोत सरकार आसानी से करेंगे बहुमत साबित

दोनों तरह से सीएम गहलोत सरकार की ही चित और पट्ट होगी। कोर्ट का फैसला विधानसभा के पक्ष में आने पर भी वे बहुमत साबित करेंगे और नहीं आने पर भी वे आसानी से बागी विधायकों को मुश्किल में डालकर बहुमत साबित कर सकते हैं।

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राजस्थान विधानसभा का समीकरण :

200 विधानसभा वाली सीट पर गहलोत के खिलाफ 19 बागी कांग्रेसी विधायकों के अलावा 3 निर्दलीय विधायक हैं। इसमें भाजपा के 72 विधायकों और हनुमान बेनिवाल के 3 विधायक को भी जोड़ा जाए तो आंकड़ा 97 हुआ। इसके अलावा सीपीआई के एक विधायक का समर्थन किसी गुट के पास नहीं होने से ये आंकड़ा 98 हुआ। वहीं बागी विधायकों को हटा कर भी सीएम गहलोत के पास कुल 102 विधायकों का समर्थन है। बहुमत के लिए 91 का आंकड़ा जरुरी है।

बाग़ी विधायकों पर आपराधिक मुकदमा

दूसरी, बाग़ी विधायकों में से कुछ पर आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ है, ऐसे में ये विधायक सदन में आए तो उन्हें गिरफ़्तारी का डर होगा। विधायकों के पास ये विकल्प होगा कि बहुमत साबित करने से पहले खुद ही विधायक पद से त्याग पत्र दे दें।

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