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विपक्ष के साथ हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार: PM मोदी
संसद के बजट सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एकजुट विपक्ष ने सरकार से नागरिकता संशोधन विधेयक, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, कश्मीर की स्थिति, महंगाई, किसानों की समस्याओं आदि महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की।
नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एकजुट विपक्ष ने सरकार से नागरिकता संशोधन विधेयक, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, कश्मीर की स्थिति, महंगाई, किसानों की समस्याओं आदि महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार महत्वपूर्ण मुद्दों पर विपक्ष की राय सुनने और हर मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए तैयार है।
सरकार की ओर बुलाई गई बैठक के बारे में जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि पीएम ने कहा कि अर्थव्यवस्था सहित सभी मुद्दों पर सार्थक और समृद्ध चर्चा होनी चाहिए। अर्थव्यवस्था को वैश्विक संदर्भ में देखना होगा। यह भी जरूरी है कि हम देखें कि भारत इसका फायदा कैसे उठा सकता है। मोदी ने कहा कि सरकार देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विपक्ष की राय सुनने और हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
सर्वदलीय बैठक के बाद आजाद ने बोला हमला
हालांकि बैठक से बाहर निकलने के बाद मीडिया से बातचीत में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों पर सरकार का रुख अहंकारी है। उसने अभी तक प्रदर्शनकारियों से संपर्क करने की कोई कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि पिछले करीब सवा महीने से देश की आधी आबादी सडक़ों पर है। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग इस भीषण ठंड में सडक़ों पर हैं मगर सरकार को इसकी परवाह नहीं है कि कोई जिए या मरे।
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फारूक अब्दुल्ला की रिहाई की मांग
आजाद ने कहा कि बैठक में विपक्ष ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की तत्काल रिहाई की मांग की। आजाद ने कहा कि सही बात तो यह है कि सरकार का ध्यान सिर्फ विधेयक पारित कराने पर है। विपक्ष भी देशहित में विधेयक पारित करने में मदद को तैयार है, लेकिन कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए। सीएए को लेकर विपक्षी दलों की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा विपक्ष को आत्मावलोकन करना चाहिए क्योंकि सीएए लोकतांत्रिक तरीके से संसद में पारित हुआ है।
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मंत्रियों की अभद्र भाषा का मुद्दा भी उठा
आजाद ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति खराब है, बेकारी और बेरोजगारी है। कश्मीर में तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंद करके रखा गया है। उन्होंने राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में चर्चा चाहते हैं। विपक्ष चाहेगा कि सरकार इन मुद्दों पर संवेदनशील हो। इन समस्याओं पर चर्चा करके इनका समाधान खोजना होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बताया कि बैठक में सरकार के कुछ मंत्रियों और बीजेपी के कुछ सांसदों की अभद्र भाषा का भी मुद्दा उठा। यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष की ओर से उठाए गए मुद्दों पर क्या कहा, शर्मा ने कहा कि पीएम ने विपक्ष की बातें ध्यान से सुनीं।
बजट सत्र में पेश होंगे 45 विधेयक
द्रमुक और वाम दलों ने भी कहा कि बैठक में सीएए और फारूक अब्दुल्ला की रिहाई का मुद्दा उठा। द्रमुक के टी आर बालू ने कहा कि हमने नेशनल कॉन्फ्रेस के नेता फारूक अब्दुल्ला को तत्काल रिहा करने की मांग उठाई। इसके अलावा तमिलनाडु में पेट्रोलियम ब्लॉक का मुद्दा भी उठा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि सरकार ने बजट सत्र के दौरान 45 विधेयक पेश करने के लिए चिह्नित किए हैं। इनमें से सात वित्तीय विषय से जुड़े हैं और दो अध्यादेश से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि बजट सत्र में कुल 39 बैठकें होंगी और हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। बजट सत्र का पहला चरण 11 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद एक अंतराल के बाद इसका दूसरा चरण 2 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा।
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बैठक में ये नेता रहे मौजूद
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, द्रमुक के टी आर बालू, राजद के मनोज झा, एनसीपी की सुप्रिया सुले, बीएसपी के रितेश पांडे, बीजू जनता दल के प्रसन्न आचार्य आदि शामिल हुए। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान, आरपीआई के रामदास अठावले, लोजपा के चिराग पासवान आदि मौजूद थे।