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सिद्धू को मनाने की कवायद तेज, हाईकमान ने नाराज नेता को दिया ये बड़ा आश्वासन

राजनीतिक महत्व न मिलने के कारण नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की कवायद शुरू हो गई है। सिद्धू के आम आदमी पार्टी में जाने की कयासबाजी के बीच पार्टी हाईकमान उन्हें मनाने की कवायद में जुट गया है

Ashiki
Published on: 10 Jun 2020 4:04 AM GMT
सिद्धू को मनाने की कवायद तेज, हाईकमान ने नाराज नेता को दिया ये बड़ा आश्वासन
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: राजनीतिक महत्व न मिलने के कारण नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की कवायद शुरू हो गई है। सिद्धू के आम आदमी पार्टी में जाने की कयासबाजी के बीच पार्टी हाईकमान उन्हें मनाने की कवायद में जुट गया है। माना जा रहा है कि सिद्धू को जल्द ही पार्टी में कोई बड़ा ओहदा मिल सकता है। जानकार सूत्रों का कहना है कि सिद्धू की नाराजगी को दूर करने के लिए पार्टी हाईकमान ने सिद्धू से संपर्क साधा है। पार्टी हाईकमान की ओर से उन्हें अगले महीने कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का भरोसा दिलाया गया है। हालांकि अभी तक इस बाबत कोई खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहा है।

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एक साल से नाराज चल रहे हैं सिद्धू

सिद्धू पिछले एक साल से खुद की उपेक्षा के कारण नाराज चल रहे हैं। सिद्धू की विवादित लाहौर यात्रा और भारत लौटकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बयानों के बाद दोनों के बीच खाई चौड़ी हो गई थी। जब उन्हें महत्वपूर्ण विभाग छीन कर बिजली मंत्री बनाया गया तो नाराज सिद्धू ने कैप्टन की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इसके बाद उन्होंने पार्टी हाईकमान से भी संपर्क साधा था और राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। पार्टी हाईकमान की ओर से भी उन्हें आश्वासन दिए गए थे मगर कैप्टन के अड़ियल रवैये के चलते उन्हें पार्टी में कोई महत्व नहीं मिल सका। इससे नाराज सिद्धू पिछले एक साल से एकांतवास में चल रहे हैं और किसी मुद्दे पर अपनी राय नहीं दे रहे हैं।

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आप में जाने की चर्चाओं से हाईकमान चौकन्ना

इधर बीच सिद्धू के आप में जाने की चर्चा शुरू हुई थी। जानकारों के मुताबिक चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के जरिए उनकी दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल से बातचीत भी हो चुकी है। सिद्धू के आप में जाने की चर्चाओं के बीच पार्टी हाईकमान चौकन्ना हो गया है और उन्हें कोई बड़ा सियासी पद देने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी साफ कर चुके हैं कि उन्हें सिद्धू से कोई शिकायत नहीं है। उनका यह भी कहना है कि अगर सिद्धू या किसी अन्य नेता को उनसे कोई शिकायत है तो वह कभी भी आकर उनसे मिल सकता है।

कैप्टन से नाराज होकर दिया था इस्तीफा

सिद्धू 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे और तभी यह अटकलें लगाई जा रही थी कि कांग्रेस के चुनाव जीतने पर उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। चुनावी नतीजों से कैप्टन अमरिंदर सिंह और मजबूत हो गए क्योंकि वे अपने दम पर पंजाब में कांग्रेस को जीत दिलाने में कामयाब हुए थे। सिद्धू को डिप्टी सीएम का पद तो नहीं मिला मगर उन्हें स्थानीय निकाय का महत्वपूर्ण विभाग मिला, लेकिन बाद में कैप्टन से अनबन के चलते उनका विभाग बदल दिया गया। इससे नाराज होकर सिद्धू ने कैप्टन की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

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हाईकमान से नहीं हुई कोई बातचीत

सिद्धू पिछले एक साल से एकांतवास में चल रहे हैं और उन्होंने न तो विधानसभा के किसी सत्र में हिस्सा लिया और न ही वे राज्य सरकार के किसी कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान कोई राजनीतिक बयानबाजी भी नहीं की। पिछले एक साल के दौरान उनकी पार्टी हाईकमान से भी कोई बातचीत नहीं हुई है। सियासी जानकारों का कहना है कि उनके आप में जाने की सुगबुगाहट से हाईकमान चौकन्ना हो गया है।

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झटके की आशंका से बदला रुख

कांग्रेस को दो साल बाद पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ना है और पार्टी हाईकमान सिद्धू के जाने से होने वाले राजनीतिक नुकसान को देखकर ही चौकन्ना हुआ है। जानकारों के मुताबिक हाईकमान मानना है कि सिद्धू के आप में जाने से राज्य में पार्टी की चुनावी संभावनाओं को झटका लगेगा। हालांकि यह अभी साफ नहीं हो सका है कि पार्टी हाईकमान की ओर से सिद्धू को क्या जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

तेज हुई सिद्धू को मनाने की कवायद

वैसे राज्य में पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि सिद्धू पंजाब की सियासत नहीं छोड़ना चाहते और पंजाब में वे डिप्टी सीएम से कम पद पाने के लिए तैयार नहीं होंगे। हालांकि अभी इस मुद्दे पर कांग्रेस का कोई नेता खुलकर नहीं बोल रहा है, लेकिन जानकारों का कहना है कि भीतर ही भीतर सिद्धू को मनाने की कवायद तेज कर दी गई है।

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