TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सबसे बड़ी सियासी जंग: फिर ममता का होगा बंगाल या कामयाब होगी भाजपा की चाल

हर किसी की नजर पश्चिम बंगाल के सियासी रण पर टिकी हुई है। अब देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा इस बार के चुनाव में बंगाल में भगवा लहराने में कामयाब होगी या दीदी एक बार फिर राज्य में अपनी पकड़ साबित कर भाजपा का सपना तोड़ देंगी।

Shivani Awasthi
Published on: 27 Feb 2021 9:08 AM IST
सबसे बड़ी सियासी जंग: फिर ममता का होगा बंगाल या कामयाब होगी भाजपा की चाल
X

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव तो पांच राज्यों में होने वाले हैं मगर पश्चिम बंगाल का चुनाव सबसे ज्यादा चर्चाओं में है। भाजपा ने पश्चिम बंगाल के सियासी रण में सबसे ज्यादा ताकत झोंक रखी है और इसे पार्टी की प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछला दो विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इस बार हैट्रिक लगाने की कोशिश में जुटी हुई है।

वे भी इस बार के चुनाव को आर-पार की जंग की तरह लड़ने का जज्बा दिखा रही हैं। ऐसे में हर किसी की नजर सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल के सियासी रण पर टिकी हुई है। अब देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा इस बार के चुनाव में बंगाल में भगवा लहराने में कामयाब होगी या दीदी एक बार फिर राज्य में अपनी पकड़ साबित कर भाजपा का सपना तोड़ देंगी।

बंगाल का पिछला विधानसभा चुनाव

पश्चिम बंगाल के विधानसभा में 294 सीटें हैं। 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने 211 सीटों पर विजय हासिल की थी। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था और पार्टी ने 291 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद सिर्फ 3 सीटों पर जीत हासिल की थी।

ये भी पढ़ेँ -बंगाल चुनाव 8 चरणों में क्यों: पता चल गयी वजह, TMC नेता ने किया खुलासा

इस चुनाव में सीपीएम का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं था और पार्टी ने 148 सीटों पर चुनाव लड़कर 23 सीटों पर कामयाबी पाई थी। पिछले चुनाव में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल बनकर उभरी थी और उसने 92 सीटों पर चुनाव लड़कर 43 सीटों पर जीत हासिल की थी।

सियासी मैदान में ममता काफी जुझारू

ममता सियासी रूप से काफी जुझारू महिला हैं। सियासी मैदान में उतरने के बाद से ही वे समय-समय पर अपने संघर्षशील होने का परिचय देती रही हैं। 2011 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने इतिहास रच दिया था। पश्चिम बंगाल में 34 साल से वाम गठबंधन की सरकार चल रही थी मगर ममता बनर्जी ने अपने जुझारू तेवर से संघर्ष करते हुए इस गठबंधन को उखाड़ फेंका था।

mamata-didi

इसके बाद 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता ने एक बार फिर ताकत दिखाते हुए पश्चिम बंगाल की सत्ता पर अपना कब्जा बरकरार रखा था। ममता इस बार हैट्रिक लगाने के लिए बंगाल के सियासी रण में कूद रही हैं।

लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दिखाई ताकत

ममता के लिए इस बार की सियासी लड़ाई काफी कठिन मानी जा रही है। दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव ने बंगाल की सियासी तस्वीर पूरी तरह से बदल कर रख दी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 18 सीटों पर जीत का परचम लहराकर हर किसी को चौंका दिया था।

ये भी पढ़ें- ऑनलाइन नामांकनः चुनाव में प्रत्याशियों को मिलेंगी ये सुविधाएं, नहीं जाना पड़ेगा बैंक

भाजपा के शानदार प्रदर्शन पर ममता बनर्जी खुद हैरान रह गईं थीं। हालांकि ममता की अगुवाई में टीएमसी 22 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही मगर भाजपा की बढ़ती ताकत उनके लिए चिंता का विषय बन गई।

इस कारण बुलंद हैं भाजपा के हौसले

2014 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ दो सीटें जीतने वाली भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में 40.7 फीसदी वोटों के साथ 18 सीटों पर पहुंच गई। इस चुनाव में ममता की अगुवाई में टीएमसी 43.3 फीसदी वोट पाने में कामयाब हुई थी। इस जीत के बाद हम भाजपा के हौसले बुलंद हैं और पार्टी कार्यकर्ता पूरे उत्साह के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।

pm-narendra-modi-visit-bengal-address-netaji-subhas-chandra-bose-125th-birth-anniversary-kolkata-mamata-banerjee-rally

भाजपा ने झोंक दी है पूरी ताकत

ममता को इस बार सत्ता से बेदखल करने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें- चुनाव के एलान से पहले ममता का बड़ा दांव, मजदूरों को दी ये बड़ी सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले दिनों राज्य का कई दौरा करके ममता की टेंशन और बढ़ा दी है। तीनों नेताओं ने ममता बनर्जी के खिलाफ हमलावर रुख अपना रखा है और भाजपा के चुनाव अभियान को काफी तेज कर दिया है।

तृणमूल कांग्रेस में तोड़फोड़

इसके साथ ही भाजपा ने हाल के दिनों में टीएमसी के कई प्रमुख नेताओं को तोड़ कर उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई है। टीएमसी छोड़कर भाजपा में आने वाले नेताओं में कभी ममता बनर्जी के खास माने जाने वाले पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं। शुभेंदु का भाजपा में जाना ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका है।

amit shah- cm mamata

शुभेंदु के अलावा पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी, विधायक दीपक हलदर सहित कई विधायकों और अभिनेताओं ने भाजपा की सदस्यता लेकर ममता बनर्जी को चुनौती देना शुरू कर दिया है। शुभेंदु तो नंदीग्राम से ममता बनर्जी को चुनाव लड़ने की चुनौती देकर उन्हें 50 हजार से अधिक वोटों से हराने की बात तक कह चुके हैं।

भाजपा के पास सीएम का चेहरा नहीं

भाजपा और टीएमसी की बड़ी सियासी जंग में भाजपा के सामने सबसे बड़ी दिक्कत मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर है। अमित शाह के हर बंगाल दौरे के समय मीडिया की ओर से उनसे यह सवाल जरूर पूछा गया कि भाजपा का सीएम पद का चेहरा कौन होगा और हर बार शाह ने इस सवाल का सीधा जवाब न देकर केवल यही बात कही है कि बंगाल की पवित्र धरती से ही भाजपा का मुख्यमंत्री होगा।

ये भी पढ़ें- बंगाल में आठ चरणों में वोटिंग पर CM ममता बनर्जी को एतराज, EC से पूछा ये सवाल?

पीएम मोदी के नाम पर 200 सीटों का लक्ष्य

भाजपा दूसरे राज्यों की तरह यहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव मैदान में उतर रही है। भाजपा ने राज्य की 200 विधानसभा पर जीत का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पार्टी नेता पूरी ताकत लगाने में जुटे हुए हैं।

अब देखने वाली बात यह होगी कि इस सबसे बड़ी सियासी जंग में जीत भाजपा को मिलती है या ममता बनर्जी एक बार फिर हैट्रिक लगाकर देश में बड़ा सियासी संदेश देने में कामयाब होती हैं।



\
Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story