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दूर रह कर भी पिया है मेरे पास, तो क्यों ना करूं तीज का उपवास

इस बार हरतालिका  तीज 21 अगस्त को है।  हिंदू धर्म में पति को परमेश्वर मानने की परंपरा सदियों पुरानी है और पति की सलामती के लिए युगों-युग से पत्नियां प्राथनाएं करती आ रही हैं। हमारे धर्म ग्रंथों में देवियों के महात्मय का भी वर्णन  है। जिन्होंने अपने  पतियों के लिए हजारों साल तप किया तो उन्हें पति रुप में पाया है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 19 Aug 2020 6:37 AM IST
दूर रह कर भी पिया है मेरे पास, तो क्यों ना करूं तीज का उपवास
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हरतालिका  तीज 21 अगस्त

जयपुर: इस बार हरतालिका तीज 21 अगस्त को है। हिंदू धर्म में पति को परमेश्वर मानने की परंपरा सदियों पुरानी है और पति की सलामती के लिए युगों-युग से पत्नियां प्राथनाएं करती आ रही हैं। हमारे धर्म ग्रंथों में देवियों के महात्मय का भी वर्णन है। जिन्होंने अपने पतियों के लिए हजारों साल तप किया तो उन्हें पति रुप में पाया है। मां पार्वती, माता सती, माता सीता सबने पति की सलामती के लिए कठोर तपस्या कर सतीत्व का वरदान पाया है। ये तो हुई सतयुग की बातें, आज भी महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत पूजा पाठ करती हैं।

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कभी चौथ, तो कभी करवा चौथ और कभी तीज का निर्जला व्रत करती है। ऐसा ही एक कठिन और निर्जला व्रत है हरितालिका तीज। जो भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को किया जाता है। ये व्रत ज्यादातर सुहागिनें करती है। उत्तर भारत में ये व्रत कुंवारी लड़कियां भी करती हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए इस व्रत को पार्वती जी ने शादी से पहले किया था। इस साल भी हरितालिका तीज 21 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस व्रत को लेकर महिलाओं में बहुत उत्साह रहता है।

इस बार का मुहूर्त और पारण

यह भाद्र पद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है, जो गणेश चतुर्थी के एक दिन पहले होता है। इस बार पूजा करने की तिथि 12 सितंबर को है। सूर्योदय के बाद से शाम के 6:46 मिनट तक पूजा की जा सकेगी।

मान्यता

तीज के पीछे की कथा है कि मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए जंगल में जाकर कर हजारों साल तक कठोर तपस्या की थी। तब जाकर उन्हें भोले बाबा मिले थे। इस दिन सुहागिनों को गणेश,पार्वती और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इस व्रत को तपस्या और निष्ठा के साथ स्त्रियां रखती है। यह व्रत बड़ा कठिन है क्योंकि ये व्रत बिना पानी के रखा जाता है। इस व्रत का खास तौर पर उत्तर भारत में विशेष महत्व है। कहते हैं इस व्रत को करने से महिलाओं को उनके पति का साथ 7 जन्मों तक मिलता है।

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पति के लिए भगवान से संवाद

हैदराबाद की अंजु सिंह कहती है कि उनकी शादी को कुछ साल हो गए है उनकी एक बेटी है । वो हर साल पूरी श्रद्धा से तीज करती है। उनका मानना है कि सब व्रत करते हैं सदियों से चीज को लेकर परंपरा चली आ रही है। इस विश्वास से करते हैं कि शादीशुदा जिंदगी में सबकुछ अच्छा हो। अंजु का ये मानना है कि हर ज्यादातर पति अपनी पत्नी और बच्चों के लिए इतना कुछ करते है तो हमारा कर्तव्य बनता है कि हम भी व्रत रख कर उनके स्वस्थ जीवन की कामना के लिए व्रत रखें और उनकी खुशी के लिए कुछ देर ईश्वर से ,संवाद करें।

क्या कहती हैं सुहागिन तीज को लेकर

वैसे तो व्रत के नियम और परंपरा तो व्रती को अच्छी तरह से पता होता है कि इ दिन सोना नहीं चाहिए, व्रत की पूजा हमेशा प्रदोष काल में ही करनी चाहिए और नियमों का पालन शुद्ध मन से करना चाहिए। कुछ-कुछ इस व्रत को लेकर सुहागिने भी ऐसे ही मन की बातों को बयां करती है।

खुशकिस्मत हूं मैं

लॉस एंजिलिस में रहने वाली पल्लवी पाठक का कहना है कि वो पिछले 9 सालों से ये व्रत करती आ रही है। और निर्जला रहकर पूरे विधान से व्रत करती है। इस व्रत के प्रति उनकी अटूट आस्था है। जीवनसाथी के रुप में जो उन्हें मिला है उसे वो अपनी खुशकिस्मती समझती है।

हर बार पहली होने का अहसास

धनबाद झारखंड की रहने वाली आशा पांडे का कहना है कि 12 सालों से तीज कर रही है, लेकिन हर साल पहली तीज होने का अहसास होता है। इस साल भी कई दिनों पहले से तीज की तैयारी में जुटी है। वो इस दिन पूरे उत्साह से अपने परिवार के साथ मिलकर व्रत करती है। जो भी मिला है उसे पाकर वो बहुत खुश है। साथ माता पार्वती के प्रति अपनी आस्था व विश्वास व्यक्त करती है।

दूर रह कर भी है पिया मेरे पास

वैसे तो कोई भी व्रत खिन्न मन से नहीं करना चाहिए। उत्साह और प्रेम से किए गए व्रत का फल व्यर्थ नहीं जाता है। ये कहना है लखनऊ की मंजू मिश्रा का। उनके पति विदेश में रहते है ये हर साल व्रत करती हैं। कभी पति का इनको साथ मिलता तो कभी नहीं भी मिलता, लेकिन कई सालों से ये पूरे उत्साह से हर साल व्रत करती रही है। दूरी भी इनके पति के प्यार-विश्वास को कम नहीं करता है और इनका मानना है कि ये सब इनके व्रत और भगवान के आशीर्वाद से होता है।

बढ़ता है प्यार और विश्वास

पेशे से टीचर अभिलाषा पांडे की शादी के 7 साल हो गए हैं। फिर भी ये अपने पहले तीज के अनुभव को आज भी जहन में संजोकर रखी हैं। सास की ओर से मिल सरगी और पति का दिया पहला सरप्राइज गिफ्ट आज भी उन्हें याद है। वह कहती हैं कि वे हर साल तीज व्रत करती हैं। इससे इनके बीच का रिश्ता गहरा होता जाता है। प्यार और विश्वास बढ़ता जाता है और सबसे बड़ी बात पति का प्यार साथ जो उनके उत्साह और जीवन जीने की उमंग को बढ़ाता है। ये हर साल पूरे नियम से निर्जला रहकर व्रत करती है और ईश्वर पति की लंबी उम्र के लिए कामना करती है।

पहली तीज की यादें है खास

इस्माइलगंज लखनऊ की रहने वाली पूजा श्रीवास्तव पिछले 11 सालों से पूरे उत्साह और विश्वास से तीज करती आ रही है। जब पहली तीज में मायके और ससुराल से जो तोहफे मिले उससे उन्हें बहुत खुशी मिली। आज भी वे वैसे ही निर्जल व्रत करती है। इससे उनके और पति के बीच अच्छी बॉन्डिंग है और एक दूसरे के पर्ति प्यार और समर्पण भी है।

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साजन मेरी उमरिया तुझे लग जाए

बैंगलुरू में रहने वाली संध्या सिंह भी तीज को लेकर बहुत उत्साहित रहती हैं। शुरू में थोड़ा निर्जला रहना तकलीफ देता था लेकिन अब बड़े आराम से ये व्रत करती हैं। इस दिन वे और उनकी भाभी साथ मिलकर व्रत रखती हैं, पूजा करती हैं और पति की लंबी आयु के लिए ईश्वर से कामना करती हैं।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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