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Sonbhadra News: अभ्युदय स्कीम ने होनहारों को दिखाई मंजिल, JEE मेंस के बच्चों को मंत्री-डीएम ने सम्मानित कर बढ़ाया हौसल
Sonbhadra News: जिले में अभ्युदय स्कीम के तहत गरीब बच्चों के लिए चलाई जा रही प्रतियोगिता परीक्षाओं की कोचिंग ने, सफलता की बड़ी राह दिखानी शुरू कर दी है।
Sonbhadra News: जिले में अभ्युदय स्कीम के तहत गरीब बच्चों के लिए चलाई जा रही प्रतियोगिता परीक्षाओं की कोचिंग ने, सफलता की बड़ी राह दिखानी शुरू कर दी है। एक साल से भी कम समय में इस कोचिंग के जरिए तैयारी करने वाले तीन छात्र-छा़त्राओं ने जेईई मेंस में सफलता अर्जित कर, गरीबी और संघर्ष भरे जीवन के बीच सफलता की इबारत रचनी शुरू कर दी है। सफलता पाने वाले छात्र-छात्राओं का बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में समारोह आयोजित कर सम्मान किया गया और दूसरे छात्र-छात्राओं को इनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की सीख दी गई।
-संसाधनों के अभाव में कोई तैयारी से न रहे वंचित, हो रही कोशिशः डीएम
डीएम चंद्रप्रकाश सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की तरफ चलाई गई अभ्युदय स्कीम से सीएसआर को जोड़ते हुए सोनभद्र में गरीब बच्चों को नीट और जेईई की तैयारी कराने के लिए एकलव्य कोचिंग की शुरूआत कराई गई थी। स्टडी मैटेरियल, अच्छे शिक्षक, स्मार्ट क्लासेस की व्यवस्था सीएसआर के जरिए कराई गई। इसके जरिए सौ गरीब और बेसहारा बच्चों को नीट-जेईई की तैयारी करवाई गई। अभी जो जेईई मेंस का परिणाम आया है, उसमें तीन बच्चों ने क्वालीफाई करने में सफलता पाई है और तीन बच्चे क्वालीफाई किए हैं एडवांस के लिए। पूरी उम्मीद है कि एडवांस के लिए भी ये बच्चे अच्छा करेंगे। कहा कि कोचिंग में पढ़ने वाले और सफलता पाने वाले सभी बच्चे ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं। सफलता पोन वालों में दो अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके सिर से पिता का साया हट चुका है। कहा कि इस पहल के जरिए उनकी कोशिश है कि कोई गरीब-बेसहारा बच्चा संसाधनों के अभाव में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी से वंचित न रहने पाए।
-राज्यमंत्री संजीव गोंड़ ने जेईई में अभ्युदय स्कीम के तहत शिक्षण सहयोग पाने वाले बच्चों के अच्छे प्रदर्शन पर कहा कि इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा मेधावियों को लाभ मिले। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते कोई बच्चा तैयारी से वंचित न रहने पाए, इसका प्रयास जारी रहेगा।
उधर, सफलता पाने वाले दुद्धी इलाके के फुलवार निवासी प्रशांत कुमार, शाहगंज क्षेत्र निवासी अविनाश सिंह, करमा इलाके की हेमा सिंह ने अपनी दुश्वारियों और संसाधनों की दिक्कत बयां करते हुए कहा कि इस योजना और पहल ने उन्हें बड़ा सहारा दिया है।