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चीन का दावा: जंगली जानवरों के अंगों से होगा कोरोना का इलाज
पूरी दुनिया इस समय कोरोना से जूझ रही है। ऐसे में चीन की सरकार ने अपने डॉक्टरों को ऐसी दवा का इस्तेमाल करने को कहा है जो जंगली जंतुओं के अंगों से बनी है।
पूरी दुनिया इस समय चीन से शुरू हुए जानलेवा वायरस कोरोना से जूझ रही है। लेकिन चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हमेशा विवादों में रहने वाली चीन सरकार एक बार फिर विवादों में है। कोरोना वायरस के संकट से जूझ रही चीन की एक सलाह से दुनियाभर के लोग नाराज हैं। चीन की सरकार ने अपने डॉक्टरों को ऐसी दवा का इस्तेमाल करने को कहा है जो जंगली जंतुओं के अंगों से बनी है।
भालू के पित्ताशय से दवा का दावा
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इन दवाओं में एक दवा ऐसी भी है जिसमें जंगली भालू के बाइल यानी पित्ताशय (Gallbladder) में पाया जाने वाला तरल पदार्थ भी शामिल है। इसके अलावा बकरी का सींग और तीन प्रकार के पौधे शामिल हैं। ये पारंपरिक दवा कोरोना के इलाज में मददगार साबित होगी। चीन की सरकार के इस सुझाव के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीव-जंतुओं के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने चीन के इस फैसले को बेहद निराशाजनक और दुखद बताया है।
चीन में ज़िंदा जानवरों को खाने की है परंपरा
चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन ने गंभीर रूप से बीमार मरीजों को यह दवा देने की सिफारिश की है। नेशनल जियोग्राफिक और द इंडिपेडेंट वेबसाइट में प्रकाशित खबर के अनुसार चीन में पाए जाने वाले भालू के पित्ताशय में से पित्त निकाला जाता है। फिर उससे दवा बनती है। चीन और वियतनाम में करीब 12 हजार भालुओं को फॉर्मों में रखा जाता है।
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चीन में जिंदा जानवरों को खाने और उनसे दवा बनाने की परंपरा हजारों वर्ष पुरानी है। आपको बता दें कि चीन के परंपरागत दवा उद्योग में मान्यता है कि जानवरों के शरीर के हिस्सों में हीलिंग पावर होती है। इसी वजह से जंगली जानवरों के शरीर के विभिन्न अंगों का इस्तेमाल दवा बनाने और खाने में किया किया जाता है।
चमगादड़ और सांप से उत्पन्न हुआ कोरोना
चीन की सरकार ने भी 54 प्रकार के जंगली जीव-जंतुओं को फॉर्म में पैदा करने और उन्हें खाने की अनुमति दी है। इसमें उदबिलाव, शुतुरमुर्ग, हैमस्टर, कछुए और घड़ियाल भी शामिल हैं। वैज्ञानकों की मानें तो कोरोना वायरस चमगादड़, सांप, पैंगोलिन या किसी अन्य जानवर से उत्पन्न हुआ है।
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चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी जनवरी में कहा था कि कोरोनो वायरस वुहान के एक बाजार से जानवरों से निकलकर इंसानों के अंदर आया था। तीन महीने पहले फैले इस वायरस ने अब वैश्विक महामारी का रूप ले लिया है जिसकी वजह से अब तक 42 हजार से अधिक लोगों की जान गई है। 8 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं।