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कोरोना इफेक्ट: खड़ी हो गई सोशल डिस्टेन्सिंग की नई इंडस्ट्री
कोरोना महामारी के इस दौर में तरह तरह की आशंकाओं के चलते सोशल और फिजिकल डिस्टेन्सिंग के नियम जीवन के अंग बन गए हैं। रिटेलर, रेस्तरां, सैलून, पार्लर, फ़ैशन बुटीक से लेकर बिल्डिंग मैनेजरों तक परेशान हैं कि फिजिकल डिस्टेन्सिंग सुरक्षा के मानकों को कैसे लागू करें।
लखनऊ: कोरोना महामारी के इस दौर में तरह तरह की आशंकाओं के चलते सोशल और फिजिकल डिस्टेन्सिंग के नियम जीवन के अंग बन गए हैं। रिटेलर, रेस्तरां, सैलून, पार्लर, फ़ैशन बुटीक से लेकर बिल्डिंग मैनेजरों तक परेशान हैं कि फिजिकल डिस्टेन्सिंग सुरक्षा के मानकों को कैसे लागू करें। कैसे अपने स्टाफ और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
अमेरिका से लेकर भारत तक फिजिकल डिस्टेन्सिंग के सामान्य निर्देश बना दिये गए हैं लेकिन दो लोगों के बीच दो गज की दूरी के अलावा कोई सटीक और स्पेसफिक निर्देश नहीं हैं। बात हाथ धोने, मास्क पहनने और सैनिटाइजर के इस्तेमाल तक ही अटकी हुई है।
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अमेरिका की संघीय सरकार ने जो गाइडलाइंस जारी की हैं उसमें भी हाथ धोने, मास्क पहनने और सैनिटाइजर जैसी बेसिक बातें हैं। लोग जो जानना चाहते हैं उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। मिसाल के तौर पर अगर किसी बिल्डिंग में प्लेक्सीग्लास (शीशे जैसा थर्मोप्लास्टिक) लगाना हो तो वह कितना बड़ा होना चाहिए, सुरक्षा के लिहाज से किसी दफ्तर का सीटिंग प्लान किस तरह का होना चाहिए, क्या हर शिफ्ट में कर्मचारियों का टंपरेचर लिया जाना चाहिए, ग्राहकों का टंपरेचर लेने के क्या नियम होने चाहिए, ग्राहक जहां बैठें उस फर्नीचर को कितने इतने देर में सैनिटाइज़ करना चाहिए आदि।
जबर्दस्त डिमांड
इन अनिश्चितताओं के बीच एक एक नई इंडस्ट्री का जन्म हुआ है जिसका नाम पहले किसी ने सुना या सोचा तक नहीं था। ये इंडस्ट्री है सोशल डिस्टेन्सिंग कंसल्टेंट्स की। जबर्दस्त डिमांड के बीच आर्किटेक्ट, डिजाइनर, मार्केटिंग कंपनियों से लेकर मेंटेनन्स कंपनियों ने रातों रात नया चोला पहन लिया है और सब सोशल फिजिकल डिस्टेन्सिंग के एक्सपर्ट बन गए हैं। महामारी के दौर में निर्माण प्रोजेक्ट रुके हुये हैं और आर्किटेक्ट इंडस्ट्री को संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यही महामारी एक नया अवसर ले कर आई है। और सोशल डिस्टेन्सिंग इस इंडस्ट्री के लिए वरदान साबित हुई है। अमेरिका में बोस्टन स्थित दिग्गज आर्किटेक्ट कंपनी एमएएसएस डिज़ाइन ग्रुप अपने आप को सोशल डिस्टेन्सिंग सेगमेंट का आविष्कारक कहती है। इस कंपनी ने सबसे पहले अपने हॉस्पिटल क्लाइंट्स के लिए कोविड-19 डिज़ाइन टीमें बनायीं थीं। कंपनी ने बकायदा एक रिसर्च पेपर भी प्रकाशित किया है कि सोशल डिस्टेन्सिंग के लिए क्या और कैसे किया जाए।
सिर्फ आर्किटेक्ट ही नहीं बल्कि मूवर और पैकर कंपनिया भी इस सेगमेंट में आ गईं हैं। आर्मस्ट्रांग रिलोकेशन कंपनी ने सोशल डिस्टेन्सिंग के पैकेज पेश किए हैं जिनमें डोरमेटरी सर्विस से लेकर वर्क फ्राम होम प्रोडक्ट तक शामिल हैं। आप कंपनी को ऑर्डर दीजिये, उसकी टीम आपके यहाँ आकर सोशल डिस्टेन्सिंग के हिसाब से वर्कस्टेशन बना देगी। चूंकि कोई नियम तो हैं नहीं इसलिए कंपनी अपने हिसाब से काम करती हैं।
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कमाई का मूल जरिया
सोशल डिस्टेन्सिंग कंसल्टेंसी अब बहुत से लोगो और कंपनियों की कमाई का मूल स्रोत बन कर उभर रहा है। एक कंपनी जो पहले रेस्तरां डिज़ाइन करती थी वह अब सोशल डिस्टेन्सिंग कंसल्टेंसी कर रही है। ये बताते है कि कैसे बिना संपर्क के पेमेंट लिया दिया जाए, कैसे दरवाजे पैरों से खोने जा सकें, हर टेबल पर सैनिटाइजर रखा जाए, सर्व करने वालों को किस तरह के दस्ताने और मास्क दिये जाएँ। कंपनी वो सब डिज़ाइन करती है जिसके बारे में पहले कभी सोचा नहीं गया था।
वर्क
एक जगह पर अलग अलग कंपनियों को काम करने की सुविधा दे ने वाली कंपनी वी वर्क के सितारे फरवरी से गर्दिश में हैं क्योंकि अब को-वर्किंग का कान्सेप्ट कोरोना ने खत्म कर दिया है। लेकिन वी वर्क अपने बिजनेस मॉडेल नए सिरे से गढ़ रही है। एक जगह को सुरक्षित रूप से कैसे शेयर किया जाए इसके बारे में कंसल्टेंट्स, आर्किटेक्ट और इंजीनियरों की मदद ली जा रही है। वी वर्क ने 16 पेज की बुकलेट निकाली है जिसमें सोशल डिस्टेन्सिंग के ढेरों प्लान दिये हुये हैं। हर जगह 6 फुट की दूरी को ध्यान में कर डिज़ाइन किया गया है।
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व्यवहार में बदलाव
कई सोशल डिस्टेन्सिंग एक्स्पर्ट्स लोगों के व्यवहार में बदलाव पर ज्यादा ज़ोर दे रहे हैं। लोगों में गले मिलने, हाथ मिलाने, हाथ में हाथ डालने और अगल बगल बैठने की प्रवृत्ति हटाने के लिए संकेतों और अन्य तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बिल्डिंग में एकल दिशा मूवमेंट और उद्घोषणा के जरिये लोगों को सावधान रहने की याद दिलाई जाने जैसी बातें प्लान में शामिल हैं। विमानों और हवाई यात्रा में सैनिटाइजेशन और डिस्टेन्सिंग जैसे विषयों पर सलाह देने वाली सबसे बड़ी कंपनी सिंपलीफ्लाइंग बन गई है। ये एक ग्लोबल मार्केटिंग फ़र्म है अब नया बिजनेस शुरू कर दिया है। ये कंपनी चेक इन से लेकर लगेज पिक अप और यात्रा के उपरांत विमान की सफाई जैसे मामलों पर सलाह दे रही है। सिंपलीफ्लाइंग के सोल्युशंस में थर्मल स्कैनर, उड़ान के दौरान सफाई की व्यवस्था और इम्यूनिटी पासपोर्ट जैसे उपाय शामिल हैं।
सोशल डिस्टेन्सिंग अब एक स्थायी चीज हो जाने की संभावना है और इसको अपने बिजनेस में कैसे लागू किया जाए इसका कोई एक आसान फार्मूला नहीं है। इन हालातों में सोशल डिस्टेन्सिंग सलाहकारों का काम बढ़ने और व्यापक होने की पूरी उम्मीद है। भारत में अब आर्किटेक्ट ये काम शुरू कर चुके हैं। ऑफिस फर्नीचर और मौड्यूल बनाने वाली कई कंपनियाँ 6 फुट दूरी के हिसाब से फर्नीचर बनाने की योजना में जुटी हुई हैं।